Begin typing your search...

हाफिज सईद का खासमखास, राजौरी और रियासी बस हमले का मास्टमाइंड... जानें अबू कताल का कच्चा चिट्ठा

पाकिस्तान के झेलम जिले में अज्ञात हमलावरों ने अबू कताल की गोली मारकर हत्या कर दी. वह जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए साजिश रचता था. वह राजौरी और रियासी बस हमले में भी शामिल था. उसे 26 नवंबर 2011 को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का खासमखास माना जाता था. आइए, उसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं...

हाफिज सईद का खासमखास, राजौरी और रियासी बस हमले का मास्टमाइंड... जानें अबू कताल का कच्चा चिट्ठा
X

Who Is Abu Qatal: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष संचालक अबू क़ताल की पाकिस्तान के झेलम, सिंध में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह जम्मू-कश्मीर में 2023 के राजौरी हमले और 2024 के रियासी बस हमले सहित कई घातक हमलों में शामिल था. उसे जियाउर रहमान और फैसल नदीम के नाम से भी जाना जाता था.

अबू कताल को 26 नवंबर 2011 को मुंबई पर हुए हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का खासमखास माना जाता है. वह LeT का प्रमुख हैंडलर था और पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकी हमले की साजिश रचता था.

कौन था अबू कताल?

  • अबू कताल LeT का प्रमुख संचालक था. उसने जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया.
  • कताल की आतंकवादी गतिविधियां 2002-03 से शुरू हुईं, जब उसने भारत में घुसपैठ की और पूंछ-राजौरी क्षेत्र में सक्रिय रहा.
  • LeT और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की गतिविधियों को छिपाने के लिए उसने पीपल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स (PAFF) और द रेजिस्टेंट फोर्स (TRF) जैसे आतंकवादी संगठनों की स्थापना की. PAFF को 7 जनवरी 2023 को गृह मंत्रालय ने आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था.
  • अबू कताल ने 9 जून को रियासी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस हमले में आतंकवादियों ने शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए.
  • राजौरी जिले के ढांगरी गांव में हिंदुओं पर हमला करने को लेकर NIA ने उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत चार्जशीट दायर किया था. 1 जनवरी 2023 को हुए इस हमले में 7 निर्दोष और निहत्थे नागरिकों की हत्या कर दी गई. इसके अगले दिन एक आईईडी विस्फोट की साजिश रची गई, जिसमें कई लोग हताहत हुए.
  • कताल 20 अप्रैल 2023 को भट्टा-डूरियन आतंकी घटना में भी शामिल था, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे.
  • कताल का नेटवर्क ओवर ग्राउंड वर्कर्स यानी OGW के जरिए पुंछ और राजौरी जिले में काफी मजबूत था. वह 5 मई को कंडी इलाके में 9- पैरा स्पेशल फोर्स पर हमला कर कई जवानों को मौत के घाट उतार दिया और उनके शवों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.
वर्ल्‍ड न्‍यूज
अगला लेख