भारत के सबसे बड़े डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट Katemelon का भंडाफोड़... जानिए क्या होता है Darknet और यह कैसे काम करता है

एनसीबी ने केरल के कोच्चि में 'केटामेलन' नामक भारत के सबसे बड़े डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में इंजीनियर एडिसन को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से देश का एकमात्र 'लेवल 4' डार्कनेट ड्रग वेंडर है. जांच में 1,127 LSD ब्लॉट्स, 131.66 ग्राम केटामाइन और 70 लाख की क्रिप्टो संपत्ति जब्त की गई. एडिसन पूरे भारत में ड्रग्स की सप्लाई कर रहा था. उसे यूके से मादक पदार्थ मंगवाने का भी संदेह है. आइए, डार्कनेट के बारे में विस्तार से जानते हैं...;

( Image Source:  meta ai )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 3 July 2025 12:40 AM IST

What is Darknet: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मंगलवार को दावा किया कि उसकी कोच्चि ज़ोनल यूनिट ने भारत के अब तक के सबसे बड़े डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. यह सिंडिकेट ‘Ketamelon’ के नाम से ऑपरेट हो रहा था. NCB ने इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताए जा रहे एडिसन (35), निवासी मूवाटुपुझा, एर्नाकुलम को गिरफ्तार किया है.

सूत्रों के अनुसार, एडिसन इंजीनियर है और भारत का इकलौता ‘लेवल-4’ डार्कनेट ड्रग वेंडर है, जो पिछले दो वर्षों से सक्रिय रूप से काम कर रहा था. उसके एक और साथी को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है.

क्या होता है डार्कनेट?

डार्कनेट इंटरनेट का वह हिस्सा होता है, जिसे आम ब्राउज़र से एक्सेस नहीं किया जा सकता. यहां यूज़र्स की पहचान छिपी रहती है और यह एन्क्रिप्टेड नेटवर्क होता है. इसमें TAILS OS, Tor Browser, और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है ताकि ट्रैक न किया जा सके. डार्कनेट का इस्तेमाल ड्रग्स, हथियार, फर्जी दस्तावेज़, साइबर क्राइम और कई गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. भारत में यह तेजी से उभरती चुनौती बन रहा है.

Ketamelon का नेटवर्क और कार्रवाई

एडिसन की पहचान NCB ने चार महीने की इंटेंसिव इन्वेस्टिगेशन के बाद की. उसके पास से 1,127 LSD ब्लॉट्स, 131.66 ग्राम केटामाइन, और ₹70 लाख की क्रिप्टो संपत्ति जब्त की गई. वह UK के ‘Gunga Din’ नामक विक्रेता से ड्रग्स मंगवाता था, जो दुनिया का सबसे बड़ा LSD सप्लायर माना जाता है. एडिसन के नेटवर्क ने भारत में बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, भोपाल, पटना, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे शहरों तक ड्रग्स पहुंचाए. पिछले 14 महीनों में इसने 600 से ज्यादा शिपमेंट्स भेजे. NCB ने 28 जून को कोच्चि में तीन पोस्टल पार्सलों से 280 LSD ब्लॉट्स पकड़े. इसके बाद 29 जून को एडिसन के घर पर छापेमारी में 847 और ब्लॉट्स तथा केटामाइन जब्त हुई. 

एडिसन के पास से एक पेन ड्राइव बरामद

NCB ने एडिसन के पास से एक पेन ड्राइव भी बरामद की, जिसमें TAILS ऑपरेटिंग सिस्टम था, जिसे वह डार्कनेट एक्सेस के लिए उपयोग करता था. इसके अलावा, क्रिप्टो वॉलेट्स, हार्ड डिस्क और अन्य डिजिटल सबूत भी मिले हैं. Ketamelon और एडिसन की गिरफ्तारी दिखाती है कि भारत में डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट कितनी तेज़ी से पांव पसार रहे हैं. लेकिन साथ ही यह भी साफ है कि एजेंसियां अब इनपर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं और तकनीकी तौर पर भी उन्हें ट्रैक करने में सक्षम हो रही हैं.

डार्कनेट पर क्या-क्या होता है?

डार्कनेट का इस्तेमाल मूलतः गोपनीयता की सुरक्षा के लिए हुआ था, लेकिन आज यह कई अवैध गतिविधियों का गढ़ बन चुका है:

अवैध कार्य

विवरण

ड्रग्स का व्यापार

LSD, कोकीन, केटामीन जैसी ड्रग्स की बिक्री

हथियारों की तस्करी

अवैध हथियार, बम, बारूद की ऑनलाइन डीलिंग

फर्जी दस्तावेज

 पासपोर्ट, आधार, लाइसेंस आदि की फर्जी बिक्री

हैकिंग सर्विस

डेटा चोरी, रैनसमवेयर, बैंक लॉगिन बेचने का धंधा

चाइल्ड पोर्नोग्राफी

गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट का व्यापार

क्रिप्टो मनी लॉन्ड्रिंग 

 Bitcoin जैसे क्रिप्टो से पैसे की सफाई

 डार्कनेट और गोपनीयता

डार्कनेट पर पहचान छिपी रहती है. उपयोगकर्ता एक-दूसरे को usernames या wallet IDs से पहचानते हैं. सभी लेन-देन क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Bitcoin, Monero) में होते हैं ताकि कोई ट्रैक न कर सके.

डार्कनेट को कैसे एक्सेस किया जाता है?

  • TOR ब्राउज़र डाउनलोड करें
  • VPN ऑन करें (अपनी लोकेशन छिपाने के लिए)
  • TOR के जरिए .onion वेबसाइट्स ब्राउज़ करें
  • कोई भी लेन-देन क्रिप्टोकरेंसी से होता है

डार्कनेट एक्सेस करना भारत में अवैध नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल गैरकानूनी कार्यों के लिए करना गंभीर अपराध है। साइबर लॉ के तहत जेल हो सकती है.

FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सवाल. क्या डार्कनेट पर जाना गैरकानूनी है?

जवाब. नहीं, जब तक आप किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं हैं.

सवाल. क्या TOR ब्राउज़र सुरक्षित है?

जवाब. हां, लेकिन आप क्या कर रहे हैं, उस पर निर्भर करता है. गैरकानूनी कार्यों पर साइबर पुलिस की नजर रहती है.

सवाल. क्या डार्कनेट को ट्रैक किया जा सकता है?

जवाब. पूरी तरह नहीं, लेकिन विशेषज्ञ टीमें (जैसे NCB, IB) समय-समय पर ट्रैकिंग तकनीक इस्तेमाल करती हैं. 

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