SCO Summit: भारतीय फौजी अफसरों की खरी-खरी, चीन की जमीन पर मोदी की ‘कूटनीति’ से पाकिस्तान पस्त, ट्रंप का ब्लड-प्रेशर ‘हाई’
एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 में पीएम मोदी की कूटनीति ने पाकिस्तान और अमेरिका को संदेश दिया कि भारत की संप्रभुता और ताकत के आगे किसी की बेशर्मी स्वीकार्य नहीं. चीन की जमीन पर भारत ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी स्थिति स्पष्ट की, रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ करीबी दिखाकर पाकिस्तान और अमेरिका को उनके स्तर में रहने की चेतावनी दी. पूर्व भारतीय फौजी अफसरों के अनुसार, मोदी की चाल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक ताकत को बढ़ाया.;
“चीन के बंदरगाह शहर तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ (Sanghai Cooperation Organization SCO) की बैठक में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ‘कूटनीतिक-चाल’ ने, पाकिस्तान (Pakistan) को पस्त, चीन (China) को सुस्त करने के साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का रक्तचाप यानी ब्लड-प्रेशर हाई कर दिया है. दूसरे, चीन और पाकिस्तान का जो हाल हुआ है इस अहम बैठक में वह अगर थोड़ी देर को दरकिनार करके भी देखें तो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गलबहियां’ देखकर तो ट्रंप और पाकिस्तान को ‘काठ’ मार ही गया होगा, इसमें शक की कोई गुंजाइश बाकी नहीं रही है. सबकुछ इस मीटिंग की बाहर आ रही तस्वीरों और वीडियो से साफ है.”
यह तमाम बेबाक बातें स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर इनवेस्टीगेशन से एक्सक्लूसिव बातचीत में बयान की हैं हिंदुस्तानी फौज और वायुसेना के रणबांकुरे पूर्व अफसरों ने. स्टेट मिरर हिंदी चीन में चल रही इस बैठक के दौरान ही जयपुर में मौजूद भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी (Sudhakar Jee, Retired Major General Indian Army) और दिल्ली में मौजूद भारतीय वायुसेना के पूर्व एअर वाइस मार्शल अनिल तिवारी (Anil Tiwari, Retired Air Vice Marshal, Indian Air Force) से बात कर रहा था.
कोई न करे भारत को कमजोर समझने की गलती
विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की जमीन से न केवल पाकिस्तान, चीन, इजराइल, ईरान, अमेरिका को खुला संदेश देकर अपनी सामरिक, कूटनीतिक ताकत का अहसास करवा दिया है. अपितु भारत ने यह भी साबित कर दिया है कि, भारत को कमजोर समझने की गलती किसी भी देश के लिए अक्षम्य अपराध से कम नहीं होगी. फिर चाहे वह खुद को दुनिया का दादा समझने वाला भारत के सामने अमेरिका ही क्यों न हो. या फिर अमेरिका की रोटियों-टुकड़ों पर पलने वाला धूर्त देश और आतंकवाद की यूनिवर्सिटी मक्कार पाकिस्तान.”
पीएम मोदी ने दूर कर दी अमेरिका की गलतफहमी
बातचीत को जारी रखते हुए पूर्व मेजर जनरल बोले, “दरअसल अमेरिका भारत के ऊपर 50 फीसदी टैरिफ लगाकर सोच रहा था कि, भारत भी पाकिस्तान की तरह कटोरा लेकर अमेरिका की देहरी पर पहुंच जाएगा. नहीं, ऐसा न होना था न हुआ न ही आइंदा कभी होगा. अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक संबंधों में कोई किसी का लंबे वक्त का दोस्त और कोई किसी का लंबे वक्त का दुश्मन नहीं होता है. शंघाई सहयोग संगठन की इस बैठक के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की वह गलतफहमी दूर कर दी है, जिसमें अमेरिका सोच रहा था कि चीन और भारत की तो कई दशक से ठनी ही रहती है और वे एक दूसरे के कभी करीब नहीं आ सकते हैं. ऐसे में अमेरिका चीन-भारत की खटास का फायदा उठा लेगा.
खामोशी के साथ धमाकेदार पैगाम
मक्कार अमेरिका ‘स्वत: शांति सुखाय’ के लिए यह सोच सकता है. भारत ने मगर उसकी इस सोच पर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में मिट्टी डाल दी है कि, पाकिस्तान को अगर अमेरिका अपने स्वार्थ के लिए पाल-पोस रहा है तो ऐसे में भी, भारत तो मानो कभी चीन की ओर या चीन भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे ही नहीं. मोदी जी ने यह एक ऐसी कूटनीतिक चाल चली है जिसकी पदचाप से मौकापरस्त अमेरिका आज ही (1 सिंतबर 2025 को शंघाई बैठक) पस्त हो चुका होगा. उसके दिल की धड़कन बढ़ चुकी होगी. यह मैं कोई स्पेशल बात नहीं बता रहा हूं. मोदी जी ने जिस तरह से जमाने के सामने चीन की जमीन से पाकिस्तान और अमेरिका को अपनी-अपनी औकात में रहने का आईना दिखाया है, उस आइने को दुनिया खुली आंखों से खुद देख रही है. अब भारत या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और कुछ बताने के लिए बाकी कुछ नहीं है. जो कुछ उन्हें खामोशी के साथ धमाकेदार पैगाम या संदेश पाकिस्तान अमेरिका को देना था, वह भारत ने दे दिया है.”
पाकिस्तान और अमेरिका को पता चल गया है उनका लेवल
एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका और भारत के लिए इससे क्या हासिल हुआ है? जैसे स्टेट मिरर हिंदी के सवालों के जवाब पर बेबाक एक्सक्लूसिव बात करते हुए भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी ने कहा, “भारत ने शंघाई सहयोग संगठन” में जिस तरह की कूटनीतिक चाल चली है. वह ऐतिहासिक है. अगर यह कहूं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना कोई तेज धमाका किए हुए ही, अमेरिका और पाकिस्तान के कानों के परदों को नुकसान पहुंचा दिया है, तो भी अनुचित नहीं होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस सम्मेलन में लगातार और बुरी तरह से पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ‘नजरंदाज’ करना. खुद मोदी जी का रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार से यात्रा करना. यह सब पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को उनका ‘स्टेटस कहिए या फिर लेवल’ बताने के लिए बिना कुछ कहे-सुने ही काफी है.
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कोई बहुत समय तक दोस्त या दुश्मन नहीं रहता
पूर्व एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी एक सवाल के जवाब में कहते हैं, “दरअसल अमेरिका खुद को दुनिया का दादा बनाने की मैली मंशा में बौराया घूम रहा है. वह पाकिस्तान के सामने भारत को नीचा दिखाने की जो अनजाने में अक्षम्य गलती कर रहा है, पाकिस्तान और अमेरिका के लिए यह ‘भस्मासुर’ सिद्ध हो जाएगा. मैं कह सकता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में साबित कर दिया है कि, कूटनीतिक-सामरिक, सैन्य-विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कोई किसी का बहुत समय तक दोस्त या दुश्मन नहीं रहता है. अमेरिका सोच रहा होगा कि चीन और भारत की हमेशा से चली आ रही तनातनी का वह फायदा उठा लेगा. तो मोदी जी ने चीन की ही जमीन से अमेरिका को बता दिया कि, अमेरिका की यह सोच गलत है. चीन और भारत पड़ोसी हैं. अगर अमेरिका भारत को लेकर अपनी बेजा सोच में सुधार नहीं करेगा, तो भारत अमेरिका को अपनी ताकत का अहसास घर बैठे ही करा देगा.”
अमेरिका ने की हिमाकत तो...
स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के जरिए अमेरिका और पाकिस्तान व चीन को बता दिया है कि, भारत की संप्रुभता की ओर आंख उठाकर देखने का ह़क भारत ने किसी को नहीं दिया है. अमेरिका हो या फिर कोई और, जो भी ऐसी हिमाकत करेगा, उसे भारत मुंहतोड़ जवाब देने की हैसियत में है. आज का भारत 50 साल पहले वाला भारत नहीं है आज का भारत आज 50 साल आगे का भारत है. यह भारत के दुश्मनों को अपने हित में सोचना पड़ेगा. भारत का हित कैसे और किसमें है? यह भारत बखूबी जानता-समझता है.”