'हम ठीक से ठोकेंगे', मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर राज्यसभा में हंगामा; फिर किससे मांगी माफी?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा सांसदों ने उन पर अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 11 March 2025 3:48 PM IST

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा सांसदों ने उन पर अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया. जबकि खड़गे ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी सरकार की नीतियों पर केंद्रित थी, न कि किसी व्यक्ति विशेष पर.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, मेरे को ये कहना है कि इस देश के एक भाग को, एक भाग की जनता को, अगर आप उनके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने की बात करेंगे. अगर आप ये कहेंगे कि वो "Uncultured और Uncivilized हैं", तो आप मंत्री से इस्तीफ़ा लो ! मोदी सरकार देश को Divide करने की बात कर रही है। ये देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा ने कहा कि, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर भाजपा द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद हंगामा शुरू हो गया. मैं आपसे (उपसभापति) हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि मुझे बोलने की अनुमति दें. आपको क्या-क्या ठोकना है ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे'

उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के नेता और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा और चेयर पर हमला निंदनीय है. उन्हें इसकी निंदा करनी चाहिए और चेयर के लिए इस भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए या इसे हटा दिया जाना चाहिए

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं आपसे (उपसभापति) माफी मांगता हूं, मैंने आपके लिए इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। मैंने कहा है कि 'हम सरकार की नीतियों को ठोकेंगे'. मैं आपसे माफी मांगता हूं, सरकार से नहीं.'

राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू होते ही विपक्ष ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तीन-भाषा नीति को लेकर विवादित टिप्पणी पर डीएमके सांसदों के खिलाफ दिए गए उनके "असभ्य" कटाक्ष के लिए माफी की मांग की. सदन में शोरगुल के बीच उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को चर्चा शुरू करने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिक्षा मंत्री की टिप्पणी का मुद्दा उठाते हुए हस्तक्षेप किया. जब उपसभापति ने उन्हें बैठने को कहा, तो खड़गे ने विरोध जताते हुए कहा, "यह तानाशाही है.

इसके बाद, खड़गे की एक अन्य टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया. सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने उनकी टिप्पणी को "निंदनीय और असंसदीय" बताया. विवाद बढ़ता देख खड़गे ने सफाई देते हुए कहा, 'मैंने अध्यक्ष के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. यदि उपसभापति को मेरी बात से ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं. लेकिन मेरा विरोध सरकार की नीतियों के खिलाफ था.'

बाद में, खड़गे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि उनकी टिप्पणी शिक्षा मंत्री प्रधान की उस बयान पर थी, जिससे 'देश के एक हिस्से और वहां के लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है. उन्होंने आगे कहा, 'अगर मेरी टिप्पणी असभ्य थी, तो फिर मंत्री से इस्तीफा देने को कहें. मोदी सरकार देश को बांटने की बात कर रही है.'

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