धनखड़ के इस्‍तीफे के पीछे कहीं नड्डा तो नहीं वजह, खराब सेहत के दावे में कितना दम? जानें इनसाइड स्टोरी

Jagdeep Dhankhar News: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. उनके इस्तीफे के बाद से यह मामला सुर्खियों में है. क्या है इस इस्तीफे के पीछे की असली वजह, उनके इस्तीफे के पीछे कौन से बड़े संकेत छिपे हैं? इस साइलेंट मूव के पीछे, जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 22 July 2025 4:07 PM IST

Jagdeep Dhankhar Resign News: देश के राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा 21 जुलाई की रात को अचानक अपने से पद से इस्तीफा देना सियासी चर्चा को विषय बन गया. अब चर्चा यह है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? सूत्रों के मुताबिक जस्टिस वर्मा पर विपक्ष के नोटिस को स्वीकार कर जगदीप धनखड़ ने बड़ी भूल कर दी थी. ऐसा कर वो केंद्र की योजना के खिलाफ चले गए थे.

अब माना जा रहा है कि  एक जस्टिस के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद उन्हें हटाने के विपक्ष द्वारा प्रायोजित कदम ने ही उन घटनाओं की श्रृंखला को जन्म दिया होगा, जिसकी वजह सेे उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया?

केंद्र को रास नहीं आया जगदीप धनखड़ का फैसला!

स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर चल रही अटकलों के बीच सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के नोटिस को स्वीकार कर धनखड़ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की केंद्र की योजना के खिलाफ चले गए. सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने उन्हें सरकार समर्थित अविश्वास प्रस्ताव से बचा लिया.

इस विवाद के केंद्र में जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए विपक्ष द्वारा समर्थित नोटिस है जो अपने आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद सुर्खियों में आए थे. कल जब राज्यसभा में मानसून सत्र शुरू हुआ, तो विपक्षी सांसदों ने एक नोटिस पेश किया. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नोटिस स्वीकार कर लिया और सदन के महासचिव से इस बाबत जरूरी कदम कदम उठाने को कहा.

अविश्वास प्रस्ताव की भनक लगते ही दे दिया इस्तीफा

सूत्रों के अनुसार यह कदम सरकार को रास नहीं आया क्योंकि सरकार जस्टिस और न्यायपालिका में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना चाहती थी. विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के छह महीने बाद ही धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलें शुरू हो गईं. अनुभवी राजनेता धनखड़ को इसकी भनक लग गई और उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया.

राष्ट्रपति, पीएम और सभी सांसदों का जताया आभार

इसके बाद जगदीप धनखड़ ने सोमवार की रात 9.25 बजे उपराष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक त्यागपत्र साझा किया गया. धनखड़ ने पत्र में लिखा स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67ए के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.

मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद, अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.  उन्होंने प्रधानमंत्री और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता भी व्यक्त किया. एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सभी सांसदों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा. मैं महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए तहे दिल से आभारी हूं.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

उनके इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की और कहा कि उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की सेवा की है. सूत्रों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खुलासा किया कि उपराष्ट्रपति का विदाई भाषण शायद नहीं होगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इस घटनाक्रम को अस्पष्ट और रहस्य से लिपटी एक पहेली करार दिया है.

विपक्षी नेताओं ने कार्य मंत्रणा समिति की शाम 4.30 बजे हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरण रिजिजू की अनुपस्थिति पर चिंता जताई और कहा कि उपराष्ट्रपति नाराज हैं. विपक्ष ने कल राज्यसभा में नड्डा की टिप्पणी पर भी चिंता जताई. सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन के दौरान सदन के नेता नड्डा के बयान कि केवल वही जो मैं कहूँगा, वही रिकॉर्ड में जाएगा, को सभापति के आसन का अपमान माना.

मल्लिकार्जुन खरगे की चिंता पर जेपी नड्डा ने आज इन अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि किरेन रिजिजू और मैं उपराष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई शाम 4.30 बजे की बैठक में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि हम एक अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्यक्रम में व्यस्त थे. इस संबंध में उपराष्ट्रपति कार्यालय को पूर्व सूचना दे दी गई थी.उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, जब मैंने राज्यसभा में कहा कि केवल वही जो मैं कहूंगा, रिकॉर्ड में दर्ज होगा.यह बात बीच में बोलने वाले विपक्षी सांसदों के लिए थी, न कि सभापति के लिए.

वजह धनखड़ या सरकार जानती है - खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस्तीफा क्यों दिया यह केवल धनखड़ ही कारण जानते हैं. हमें इस पर कुछ नहीं कहना है. या तो सरकार जानती है या वह जानते हैं. उनका इस्तीफा स्वीकार करना या न करना सरकार पर निर्भर है. 74 वर्षीय उपराष्ट्रपति ने मात्र 10 दिन पहले कहा था कि वह सही समय पर अगस्त 2027 में ईश्वरीय कृपा के अधीन सेवानिवृत्त हो जाएंगे.

Full View

Similar News