टैक्स में कटौती के पीछे किसका था हाथ, निर्मला सीतारमण ने किया खुलासा; रुपये में गिरावट पर क्या बोलीं?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स में कटौती के विचार का पीएम मोदी ने समर्थन किया था. हालांकि, अधिकारियों को मनाने में समय लगा. इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने डॉलर के मुकाबले रुपये में हुई गिरावट पर जारी आलोचनाओं पर भी अपनी बात रखी. बता दें कि बजट में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है.;

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By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 2 Feb 2025 5:09 PM IST

Nirmala Sitharaman On Income Tax Deduction: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. इस बजट में उन्होंने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स में कटौती का एलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. अब उन्होंने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनकम टैक्स डिडक्शन के आइडिया से सहमत थे.

निर्मला सीतारमण ने रविवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पीएम मोदी करों में कटौती के विचार के पूरी तरह से समर्थन में थे, लेकिन नौकरशाहों को समझाने में समय लगा. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह कुछ करना चाहते हैं. मंत्रालय को पहले सहजता महसूस करनी चाहिए और फिर प्रस्ताव पर आगे बढ़ना चाहिए. इसलिए, बोर्ड को यह विश्वास दिलाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत थी कि कर संग्रह में दक्षता आएगी और करदाताओं की आवाज ईमानदार होगी. यह सब काम मंत्रालय का था, प्रधानमंत्री का नहीं.

रुपये में गिरावट पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट को लेकर जारी आलोचना को खारिज कर दिया. उन्होंने रुपया केवल मजबूत हो रहे डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है, जबकि मजबूत आर्थिक बुनियाद के कारण अन्य सभी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर बना हुआ है. सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में तीन प्रतिशत की गिरावट हुई है, जो चिंता का विषय है. इसकी वजह यह है कि इससे आयात महंगा हो गया है, लेकिन यह सही नहीं है कि इसकी विनिमय दर में चौतरफा गिरावट आई है.

'रुपये में गिरावट से मैं चिंतित हूं'

निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट से मैं चिंतित हूं, लेकिन मैं इस आलोचना को स्वीकार नहीं करूंगी कि रुपया कमजोर हो रहा है. हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत है. अगर यह कमजोर होती तो रुपया सभी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर नहीं होता.

बता दें कि हाल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने का कारण व्यापार घाटे में बढ़ोतरी है. इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 2025 में ब्याज दर में कम कटौती के संकेत के बाद डॉलर सूचकांक में उछाल है.

'आलोचना करने वाले दलील देने में जल्दबाजी दिखा रहे हैं'

सीतारमण ने कहा कि रुपये में जो अस्थिरता है, वह डॉलर के मुकाबले है. रुपया किसी भी अन्य मुद्रा की तुलना में कहीं अधिक स्थिर रहा है. उन्होंने कहा कि आलोचना करने वाले दलील देने में जल्दबाजी दिखा रहे हैं. आज डॉलर के मजबूत होने और अमेरिका में नए प्रशासन के आने के साथ रुपये में हो रहे उतार-चढ़ाव को समझना होगा. आलोचना करने से पहले लोगों को थोड़ा अध्ययन कर लेना चाहिए.

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