यूक्रेन ने समुद्र के नीचे से बदली जंग की परिभाषा: अंडरवॉटर ड्रोन क्या हैं, कितने खतरनाक हैं और किन देशों के पास हैं?

यूक्रेन–रूस युद्ध में यूक्रेन ने अंडरवॉटर ड्रोन के जरिए नौसैनिक युद्ध की दिशा ही बदल दी है. पहली बार समुद्र के नीचे चलने वाले ड्रोन से रूसी Kilo-class सबमरीन पर सफल हमला कर यह साबित कर दिया गया कि अब सिर्फ मिसाइल और फाइटर जेट ही नहीं, बल्कि UUV (Unmanned Underwater Vehicle) भी भविष्य की जंग का निर्णायक हथियार हैं. अंडरवॉटर ड्रोन बेहद कम आवाज़, हाई विस्फोटक क्षमता और रडार-सोनार से बच निकलने की ताकत रखते हैं.;

( Image Source:  Sora AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 16 Dec 2025 9:50 PM IST

यूक्रेन–रूस युद्ध में अब तक मिसाइल, टैंक, ड्रोन और साइबर अटैक दुनिया देख चुकी है, लेकिन अब इस जंग ने एक ऐसा मोड़ ले लिया है जो भविष्य के नौसैनिक युद्ध की तस्वीर बदल सकता है. यूक्रेन ने पहली बार अंडरवॉटर ड्रोन (Underwater Drone) के जरिए रूस की ताकतवर Kilo-class अटैक सबमरीन को निशाना बनाकर इतिहास रच दिया है.

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यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसी SBU के मुताबिक, उनके खास “Sub Sea Baby” अंडरवॉटर ड्रोन ने रूस के सबसे अहम बचे हुए ब्लैक सी नेवल बेस Novorossiysk में खड़ी रूसी सबमरीन को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया. यह वही बेस है जहां रूस ने अपने कई जहाज यूक्रेनी हमलों से बचाने के लिए शिफ्ट किए थे. फुटेज में पानी के भीतर से उठता भीषण विस्फोट साफ दिखता है. राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार ने इसे इतिहास का पहला ऐसा हमला बताया, जिसमें समुद्र के नीचे चलने वाले ड्रोन ने सीधे सबमरीन को निष्क्रिय किया.

क्या होते हैं अंडरवॉटर ड्रोन?

अंडरवॉटर ड्रोन को तकनीकी भाषा में UUV (Unmanned Underwater Vehicle) कहा जाता है. ये बिना किसी इंसानी पायलट के समुद्र के भीतर चलते हैं और तय मिशन को अंजाम देते हैं. सरल शब्दों में कहें तो जैसे आसमान में UAV (ड्रोन) काम करते हैं, वैसे ही समुद्र के नीचे UUV काम करते हैं.

अंडरवॉटर ड्रोन कितने प्रकार के होते हैं?

अंडरवॉटर ड्रोन मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटे जाते हैं:

1. ROV (Remotely Operated Vehicle)

  • तार या केबल से कंट्रोल होते हैं
  • आमतौर पर सर्वे, मरम्मत और जासूसी में इस्तेमाल
  • सैन्य और तेल-गैस इंडस्ट्री दोनों में उपयोग

2. AUV (Autonomous Underwater Vehicle)

  • पूरी तरह ऑटोमैटिक
  • बिना इंसानी कंट्रोल के तय रूट पर चलते हैं
  • समुद्री नक्शा बनाना, माइंस ढूंढना, निगरानी

3. Combat Underwater Drones (हमलावर ड्रोन)

  • विस्फोटकों से लैस
  • जहाज, बंदरगाह और सबमरीन पर हमला
  • यूक्रेन का Sub Sea Baby इसी कैटेगरी में आता है

अंडरवॉटर ड्रोन क्या-क्या काम करते हैं?

  • दुश्मन के नौसैनिक ठिकानों की गुप्त निगरानी
  • सबमरीन और युद्धपोतों पर हमला
  • समुद्री माइंस को खोजकर नष्ट करना
  • जासूसी और डेटा कलेक्शन
  • समुद्र के नीचे केबल और पाइपलाइन पर नजर

यूक्रेन के हमले ने यह साबित कर दिया है कि अब महंगे युद्धपोत और सबमरीन भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।

यूक्रेन का ‘Sub Sea Baby’ कितना खतरनाक है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ड्रोन सैकड़ों किलो विस्फोटक ले जा सकता है, बेहद कम आवाज़ में चलता है, रडार और सोनार से बच निकलने में सक्षम होता है. साथ ही सीधे टारगेट से टकराकर खुद को विस्फोट से उड़ा देता है. यानी यह एक तरह का समुद्र के नीचे चलने वाला आत्मघाती ड्रोन है.

किन-किन देशों के पास अंडरवॉटर ड्रोन हैं?

  • आज दुनिया के कई ताकतवर देशों के पास अंडरवॉटर ड्रोन टेक्नोलॉजी है:
  • अमेरिका - एडवांस्ड जासूसी और कॉम्बैट UUV
  • चीन - साउथ चाइना सी में बड़े पैमाने पर तैनाती
  • रूस - परमाणु अंडरवॉटर ड्रोन ‘Poseidon’
  • ब्रिटेन - माइंस और सबमरीन ट्रैकिंग
  • फ्रांस - नेवल सर्विलांस
  • भारत - DRDO द्वारा विकसित AUV और अंडरवॉटर सिस्टम
  • इज़रायल - हाई-टेक समुद्री ड्रोन

भविष्य की जंग कैसी होगी?

यूक्रेन के इस हमले ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में नेवल वॉरफेयर ड्रोन-केंद्रित होगी. इस हमले ने साबित कर दिया है कि महंगे जहाज सस्ते ड्रोन से तबाह हो सकते हैं और आने वाले समय में समुद्र के नीचे छिपी लड़ाई सबसे खतरनाक होगी.

यूक्रेन द्वारा अंडरवॉटर ड्रोन से रूसी सबमरीन पर किया गया हमला सिर्फ एक सैन्य घटना नहीं, बल्कि भविष्य की जंग का ट्रेलर है. अब युद्ध सिर्फ जमीन और आसमान तक सीमित नहीं रहा - समुद्र के नीचे भी तकनीक हथियार बन चुकी है. जिस देश ने अंडरवॉटर ड्रोन में बढ़त बना ली, वही आने वाले समय में समुद्री ताकत का बादशाह होगा.

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