पहाड़ से लेकर मैदान तक तबाही मचाने वाली बारिश से सितंबर में भी नहीं मिलने वाली राहत, मौसम विभाग ने चेताया

उत्तर भारत और आसपास के क्षेत्रों में मानसून का कहर जारी है. IMD के अनुसार, सितंबर में भी भारी और व्यापक बारिश की संभावना है. 1 जून से अब तक देश में 5% अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें उत्तर-पश्चिम में 23% और मध्य भारत में 9% अधिक बारिश हुई. पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के टकराव से पहाड़ी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ा है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 28 Aug 2025 11:45 AM IST

उत्तर भारत में आफत बनकर बरस रहे बादलों से सितंबर के महीने में भी राहत नहीं मिलने जा रही. मौसम विभाग ने यह चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उत्तर भारत और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश से परेशान लोगों को फिलहाल जल्द राहत मिलने के आसार नहीं हैं. मौसम विभाग (IMD) और विभिन्न मौसम मॉडल्स का कहना है कि सितंबर का महीना भी ज्यादा बारिश वाला हो सकता है. यानी मानसून की सक्रियता जारी रहेगी और यह सितंबर 18 तक व्यापक और भारी वर्षा का कारण बन सकती है.

अगस्‍त के महीने में पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का कहर दिखा और कइ लोगों को जान गंवानी पड़ी. वहीं देश के कई इलाकों में भीषण बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं से भारी तबाही भी हुई.

अब तक का मानसून और आगे का अनुमान

1 जून से शुरू हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून में देशभर में 5% अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई है. हालांकि, इसका वितरण असमान रहा है. पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में 18% कमी रही है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में 23% अतिरिक्त, मध्य भारत में 9% अतिरिक्त और दक्षिण प्रायद्वीप में 5% अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है.

भारत मौसम विभाग ने पहले ही 31 जुलाई को यह अनुमान जताया था कि अगस्त और सितंबर मिलाकर मानसून सीजन के दूसरे हिस्से में औसत से अधिक वर्षा (106% से ऊपर) होगी. उस समय कहा गया था कि अगस्त में सामान्य वर्षा होगी, जबकि सितंबर में बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है.

IMD के पूर्वानुमान (ERF) के अनुसार...

  • 4 सितंबर तक उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है.
  • इसके बाद भी 18 सितंबर तक देश के बड़े हिस्सों में नमी और गीले हालात बने रहेंगे.

वैज्ञानिकों की राय

पूर्व विज्ञान सचिव और वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एम. राजीवन ने कहा, “अगले दो-तीन दिनों तक उत्तर भारत में और अधिक बारिश होगी, खासकर उन्हीं क्षेत्रों में जहां पहले से भारी वर्षा हो रही है. इसके बाद बारिश का दौर मध्य भारत में जारी रहेगा. आने वाले 10 दिनों तक अच्छे मानसून की उम्मीद करनी चाहिए.” IMD के महानिदेशक एम. मोहित मोहित्पात्र ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और मानसूनी हवाओं का टकराव है. इसी वजह से इन पहाड़ी इलाकों में असामान्य बारिश दर्ज हुई.

उत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति

बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में हालात बिगड़ गए हैं. कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में चिनाब और तवी नदियों पर पांच स्थानों पर जलस्तर ने अब तक के उच्चतम बाढ़ स्तर (HFL) को पार कर लिया. तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगातार ऊपर रह रहा है.

आगे क्या होगा?

मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश की तीव्रता अब धीरे-धीरे कम होगी. हालांकि, उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत में वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा. एक गहरा निम्न दबाव क्षेत्र मध्य भारत से गुजरेगा, जिससे वहां भारी वर्षा होगी. 3 सितंबर के आसपास एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो नए सिरे से बारिश लाएगा.

लोगों और प्रशासन के लिए चुनौती

लगातार बारिश और नदियों के उफान ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. किसानों के लिए यह बारिश राहत और नुकसान दोनों का कारण बन सकती है. खरीफ की फसल को जहां पर्याप्त पानी मिलेगा, वहीं अत्यधिक वर्षा से खेतों में जलभराव और फसलों को नुकसान की भी संभावना है. शहरी इलाकों में जलजमाव, यातायात बाधित होना और बिजली आपूर्ति में दिक्कत जैसी समस्याएं उभर सकती हैं.

सितंबर में राहत नहीं

IMD और मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दो हफ्ते भारत के बड़े हिस्सों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. सितंबर का पहला और दूसरा सप्ताह भी गीला रहने वाला है. इसका सीधा असर नदियों के जलस्तर, बाढ़ की स्थिति, फसल प्रबंधन और शहरी जीवन पर पड़ेगा. मानसून की सक्रियता अभी खत्म नहीं हुई है. मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि सितंबर भी बारिश से भरा होगा. ऐसे में प्रशासन और लोगों को तैयार रहना होगा ताकि भारी वर्षा और संभावित बाढ़ जैसी परिस्थितियों से निपटा जा सके.

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