जम्मू कश्मीर में फिर कुदरत का कहर! डोडा में बादल फटने से तबाही, चार की मौत - डराने वाले 5 Video
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए. अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी. खराब मौसम के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया और कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. कठुआ और डोडा में भारी वर्षा दर्ज हुई.

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अचानक हुई मूसलधार बारिश के कारण आई फ्लैश फ्लड्स (अचानक बाढ़) ने इलाके के 10 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना ने पूरे जम्मू क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है.
यह आपदा ऐसे समय हुई है जब मौसम विभाग ने जम्मू संभाग के कई जिलों - कठुआ, सांबा, डोडा, जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ - में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है. खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू डिवीजन के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया.
यातायात पर असर, राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
मौसम बिगड़ने के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यातायात रोक दिया गया. प्रशासन ने बताया कि जगह-जगह भूस्खलन और ‘शूटिंग स्टोन्स’ (गिरते पत्थर) की घटनाओं के कारण यह कदम उठाना पड़ा. डोडा जिले में एक प्रमुख सड़क भी तबाह हो गई है, क्योंकि पास की धारा उफान पर आकर अपने किनारे तोड़ गई.
नदियों का बढ़ता जलस्तर और बाढ़ का खतरा
ट्रैफिक प्रभावित होने के साथ-साथ नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जम्मू शहर से होकर बहने वाली तवी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अधिकारियों ने बताया कि कई नदियों और धाराओं में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है और रातभर इसमें और इजाफे की आशंका है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा, “जम्मू क्षेत्र में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. लोगों से अपील है कि वे नदियों-नालों के पास न जाएं और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें.”
बारिश के आंकड़े और मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कठुआ जिले में सबसे ज्यादा 155.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिमी, जम्मू में 81.5 मिमी और कटरा में 68.8 मिमी वर्षा हुई. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं 27 अगस्त तक संभव हैं. इसी कारण से सभी जिलों में बचाव और राहत दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
रिकॉर्ड तोड़ बारिश और ऐतिहासिक तुलना
जम्मू में बीते सप्ताहांत पर रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई. शनिवार को 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने की दूसरी सबसे भारी बरसात है. अगस्त में अब तक का सर्वाधिक 228.6 मिमी वर्षा 5 अगस्त, 1926 को दर्ज हुई थी. इससे पहले 11 अगस्त 2022 को 189.6 मिमी वर्षा हुई थी, जो दूसरे स्थान पर थी.
कश्मीर में भी बारिश, लेकिन स्थिति नियंत्रित
जहां जम्मू संभाग में भारी बारिश और बाढ़ का संकट मंडरा रहा है, वहीं कश्मीर घाटी के दक्षिणी जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई. हालांकि झेलम नदी के लिए बाढ़ का अलर्ट नहीं जारी किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि पानी का स्तर बढ़ने की संभावना बनी हुई है. मध्य कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जबकि उत्तरी कश्मीर में हल्की बारिश या शुष्क मौसम बना रहा.
लोगों में चिंता, प्रशासन सतर्क
लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आपदा प्रबंधन टीमों के साथ-साथ पुलिस और सेना को भी राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा.