Operation Sindoor Effect: ऑपरेशन सिंदूर से हलकान पाकिस्तानी फौज का खून पीने की जिद पर अपने ही अड़े: Exclusive
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को तबाह किया. इस हमले के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी ने भी पाकिस्तानी फौज पर "ऑपरेशन हेरोफ 2.0" शुरू कर दिया, जिसमें अब तक 80 से अधिक हमले हुए हैं. पूर्व मेजर जनरल सुधाकर के अनुसार, यह भारत के लिए रणनीतिक मौका है. अगर भारत बलूचों का साथ दे, तो पाकिस्तान को अंदर से ही कमजोर किया जा सकता है.;
पहलगाम स्थित बैसरन घाटी (Pahalgam Baisaran Valley Terror Attack) में 22 अप्रैल 2025 को मंगलवार के दिन हुए ‘अमंगल’ का बदला भारत ने, पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी अड्ड़ों को ऑपेरशन सिंदूर (Operation Sindoor) में तबाह करके ले लिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तंदूर की तपिश ने न केवल आतंकवादी अड्डों (Pakistani Terrorist Camp) पर जमींदोज किया. अपितु पाकिस्तान के कई एअर और आर्मी बेस भी बर्बाद हो गए.
अभी पाकिस्तानी हुक्मरान (Pakistan Government) और वहां की मक्कार भाड़े की फौज (Pakistan Military), और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की चपेट में आने से किसी तरह बच निकले आतंकवादी, मातम भी न मना सके थे कि अब सुना है पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) के बाद, भारत द्वारा उठाए गए कदमों से बर्बाद हुए पड़े पाकिस्तानी हुक्मरानों और, उसकी फौज के पीछे अपने ही हाथ धोकर उसका खून पीने को पीछे पड़ गए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की दुर्गति देखकर वहां की जनता में तो रोष व्याप्त है ही. ऑपरेशन सिंदूर में हुई तबाही और बर्बादी के दुर्दिनों में अब पाकिस्तान के पीछे पड़े लोग हैं, पाकिस्तानी राज्य बलूचिस्तान के नागरिक और वहां की आर्मी हाथ धोकर लग गई है. बलूचिस्तान की आजादी के लिए पिछले करीब 70 साल से पाकिस्तानी हुकूमत और उसकी फौज से, खूनी लड़ाई लड़ रहे बलूच लिबेरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army BLA) यानी बीएलओ ने जो, खूनी मोर्चा पाकिस्तानी हुक्मारानों और उसकी फौज के खिलाफ खोला है. इस खूनी मोर्चाबंदी ने पाकिस्तानी आतंकवादी अड्डों पर अंजाम दिए गए, ऑपरेशन सिंदूर के जख्मों को सहलाने का भी वक्त नहीं पाकिस्तान को नहीं दिया.
पाकिस्तान के साथ वही हो रहा है जिसके काबिल है
स्टेट मिरर हिंदी के पास मौजूद इन अंदर की बेहद अहम खबरों की पुष्टि खुद भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Retired Major General Sudhakar Jee) भी करते हैं. इन दिनों अमेरिका प्रवास पर गए सुधाकर जी के मुताबिक, “अपने बलबूते बीते सात दशक से खुद को पाकिस्तान के चंगुल से छुड़ाने की खूनी लड़ाई लड़ रहे, बलूचिस्तान के हाथ बड़े काम का मौका ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने उन्हें (बलूच नागरिकों को) सौंप दिया है.
बलूचिस्तान ही फिर क्यों चूके?
इस सुनहरे अवसर का वह लोग (बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की खूनी लड़ाई में लिप्त लोग) भरपूर मौका उठाने पर आमादा हैं. इसमें बुराई भी क्या है? हर कोई मौके का फायदा उठाता है. तो अगर बलूचिस्तान पाकिस्तान का ही हिस्सा होकर भी, पाकिस्तान की हरकतों का जवाब दे रहा है, तो इसमें किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए. हर कोई आजादी चाहता है. तब फिर बलूचिस्तान ही पाकिस्तान के मौजूदा बदतर हुए हालातों को, अपनी आजादी के लिए भुनाने से क्यों चूके?”
बलूचिस्तान, पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटेंगे
पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं, “दरअसल खुद को पाकिस्तान के शिकंजे से छुड़ाकर आजाद होने के लिए बलूचिस्तान फड़फड़ा तो कई दशक से रहा है. मगर उसके हाथ अब जैसा मौका भारत द्वारा पाकिस्तान में घुसकर अंजाम दिए जा चुके ऑपरेशन सिंदूर से लगा है, वैसा दमदार मौका अब से पहले कभी नहीं लगा था. अभी तो यह बलूचिस्तान की पाकिस्तान के ऊपर टूटकर उसका खून पीने की शुरूआत भर है. वह लोग (बलूचिस्तानी आर्मी और बलूचिस्तानी नागरिक) पाकिस्तानी हुक्मरानों और वहां की फौज से खार खाए बैठे हैं. इस वक्त उन्हें पता है कि पाकिस्तान और उसकी फौज ऑपरेशन सिंदूर से हलकान हुए पड़े हैं. यही वजह है कि लोहा गरम देखकर दो दिन पहले ही बलूच लिबरेशन आर्मी के जवानों ने पाकिस्तानी सेना के 14 हथियारबंद जवानों के ऊपर हमला बोलकर उन्हें कत्ल कर डाला है.”
Operation Herof 2.0 अभी और तबाही मचाएगा
स्टेट मिरर हिंदी के नई दिल्ली में मौजूद एडिटर (क्राइम इनवेस्टीगेशन) से अमेरिका में मौजूद भारतीय थलसेना के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी कहते है, “ऑपरेशन सिंदूर ने तो पाकिस्तान की तबाही और बर्बादी का आगाज भर किया है. अब आगे-आगे देखिये कि कितने खतरनाक तरीके से बलूचिस्तानी फौज के लड़ाके पाकिस्तानी फौज की दुर्दशा-तबाही का सबब बनकर सामने आते हैं. सुना है कि उन्होंने (बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी) ऑपरेशन सिंदूर के एकदम बाद ही, पाकिस्तानी फौज के खिलाफ ऑपेरशन हेरोफ (Operation Herof 2.0) रौद्र-रूप से शुरू कर दिया है. जिसकी मार पाकिस्तानी फौज नहीं झेल पा रही है.
पाकिस्तान में ऑपरेशन हेरोफ तबाही मचाएगा
अब तक बीते चार-पांच दिन के अंदर ही सुना है कि इसी ऑपरेशन हेरोफ के तहत बलूचिस्तानी लड़ाकों ने करीब 65 स्थानों पर स्ट्राइक करके 80 से ज्यादा हमले बोल दिए हैं. इन हमलों में बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी फौज को जान-माल-गोला-बारूद का नुकसान हुआ है. बलूच लिबरेशन आर्मी ने साफ कहा है कि अब शुरू हुए ऑपरेशन हेरोफ (Baloch Liberation Army BLA Operation Herof 2.0) में आजादी मिलने से पहले तक कोई रुकावट (सीजफायर जैसी) नहीं आने दी जाएगी.”
पाकिस्तान के एक ओर खाई दूसरी ओर कुंआ
ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की जान मुसीबत में ही फंसी रहने की बात जारी रखते हुए, पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में कहते हैं, “मतलब साफ है कि हाथ पांव जोड़कर घुटनों पर गिरकर भारत से ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर की भीख मांगकर, पाकिस्तान ने हाल-फिलहाल भले ही क्यों न भारत से कुछ समय के लिए अपनी जान छुड़ा ली हो. बलूच लिबरेशन आर्मी की डिक्शनरी में मगर दौरान-ए-ऑपरेशन हेरोफ सीजफायर जैसा कोई जुगाड़ पाकिस्तान को मुहैया नहीं कराया जाएगा. मतलब पाकिस्तान के लिए ऑपरेशन सिंदूर के रूप में अगर एक तरफ खाई थी तो अब, बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा आपरेशन सिंदूर के एकदम बाद ही लॉन्च कर डाले गए “ऑपरेशन हेरोफ” के रूप में दूसरी ओर कुंआ है.”
बलूचों के संग मिलकर भारत गरम लोहे पर वार करे
क्या बलूचिस्तान और पाकिस्तान के बीच शुरू हुई इस खूनी लड़ाई का लाभ भारत को मिलेगा? पूछने पर पूर्व थलसेना मेजर जनरल बोले, “हां बिलकुल भारत को इसका लाभ मिलेगा. बस इस वक्त लोहा गरम है भारत सिर्फ मदद के लिए मामूली सा भी हाथ अगर बलूचिस्तान के साथ लगा देगा, तो पाकिस्तानी हुकूमत और उसकी जाहिल भाड़े की फौज को बलूचिस्तानी लड़ाके ही धूल चटाकर हलकान कर डालेंगे.
बलूच लड़ाके बहादुर, पाकिस्तानी फौज बिकाऊ-कमजोर
इतना मुझे बलूच लड़ाकों पर विश्वास है. वह सब (बलूच फौज) लड़ने में बहुत दिलेर और ताकतवर हैं. उनके मुकाबले पाकिस्तानी फौज तो कहीं टिकती ही नहीं है. लिहाजा पाकिस्तानी फौज की इसी कमजोरी का लाभ दबे पांव भारत को जरूर उठाना चाहिए. वरना मक्कार पाकिस्तान कब, बलूचिस्तान से फुर्सत पाकर अपनी बेजा हरकतों का मुंह भारत की ओर फिर से मोड़ दे, नहीं कहा जा सकता है.”