Begin typing your search...

EXCLUSIVE: ‘सीजफायर’ जल्दी में लिया गया फैसला, पाकिस्तान को भारतीय फौजें तबाह करके अभी और ‘पीटतीं’

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान को तहस-नहस कर दिया. सैकड़ों आतंकवादियों को खत्म कर भारत ने उसकी कमर तोड़ दी. पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी का मानना है कि सीजफायर जल्दबाजी में लिया गया फैसला था, अगर सेना को और समय मिलता, तो पाकिस्तान पूरी तरह अपाहिज हो जाता. उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका-चीन पर नहीं, बल्कि रूस, फ्रांस और इज़राइल जैसे भरोसेमंद साथियों पर भरोसा करना चाहिए.

EXCLUSIVE: ‘सीजफायर’ जल्दी में लिया गया फैसला, पाकिस्तान को भारतीय फौजें तबाह करके अभी और ‘पीटतीं’
X
संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 May 2025 11:33 AM IST

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर घाटी के पहलगाम स्थित पर्यटन स्थल बैसरन में आतंकवादी हमला पाकिस्तान ने करवाया था. भारत के ऑपरेशन सिंदूर में उसका हिसाब ही बराबर नहीं हुआ है, बल्कि पाकिस्तान को अधमरा कर डाला गया है. उसके यहां मौजूद तमाम आतंकवादी शिविरों को तहस नहस कर डाला गया.

सैकड़ों की तादाद में आतंकवादियों के कुनबे ही भारत की फौजों ने साफ कर डाले. मुझे लगता है कि सीजफायर जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. चूंकि यह फैसला हिंदुस्तानी हुकूमत ने लिया है. तो इस फैसले पर कोई चर्चा नहीं होना चाहिए. हां, अगर सीजफायर अभी न होता तो तय था कि भारतीय फौजों को और काफी मौका मिल सकता था पाकिस्तान और उसकी फौज को पीटने का.” यह तमाम सनसनीखेज बेबाक बेखौफ खुलासे किए हैं सुधाकर जी ने.

‘सीजफायर लगाने में जल्दबाजी हुई’

सुधाकर जी भारतीय थलसेना के रिटायर्ड मेजर जनरल (Sudhakar Jee Major General (Retd) Indian Army) हैं. सीजफायर लगने के अगले दिन यानी 11 मई 2025 को एथेंस और अमेरिका के रास्ते में यात्रा के वक्त मेजर जनरल सुधाकर जी, नई दिल्ली में मौजूद स्टेट मिरर हिंदी के (एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन) से जूम-मीटिंग में एक्सक्लूसिव बात कर रहे थे. जीओ पॉलिटिक्स विशेषज्ञ और पाकिस्तान पर अनुसंधान करने वाले सुधाकर जी बोले, “मेरे ख्याल से जब ऑपरेशन सिंदूर दुश्मन देश पाकिस्तान के ऊपर कहर बनकर बरस रहा था तो ऐसे गरम माहौल में अभी, इतनी जल्दी सीजफायर का फैसला मेरी निजी राय में जल्दबाजी रहा है.”

भारतीय फौज पाकिस्तान को अंधा-बहरा-लंगड़ा करती

बात को जारी रखते हुए पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं, “चूंकि सीजफायर का फैसला हिंदुस्तानी हुकूमत ने लिया है. इसलिए एक भारतीय फौजी अफसर होने के नाते मैं अपनी हुकूमत के किसी भी फैसले पर सवालिया निशान नहीं लगाऊंगा. हां, मुझे इतना विश्वास है कि अगर भारत की फौजों को 15 दिन से 1 महीने का भी और वक्त मिल गया होता तो वह, इस बार ऑपरेशन सिंदूर के साए में शुरू किए अघोषित युद्ध में पाकिस्तान को अंधा-बहरा, लूला-लंगड़ा करके ही दम लेतीं.”

हिंदुस्तानी हुकूमत के फैसले पर कोई सवाल नहीं

क्या सीजयफायर के फैसले से भारतीय फौजों का मनोबल नहीं टूट गया होगा? पूछने पर भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल ने कहा, “कुछ मानसिक दवाब तो भारत की फौज पर पड़ा होगा. सीजफायर का फैसला क्योंकि हिंदुस्तान की हुकूमत का है. और हमारी अनुशाषित फौज अपनी हुकूमत की खिलाफत सपने में भी नहीं कर सकती है. इसलिए समझिए भारत की हुकूमत ने जो भी फैसला लिया है. वह आगे पीछे की सब सोच-समझकर ही लिया होगा.”

रूस, इजराइल और फ्रांस ही भारत के साथ हैं

आज आप अगर भारत की फौज या भारत की हुकूमत के मुखिया होते तो क्या करते? पूछने पर सुधाकर जी बोले, “मैं सीजफायर की तो सोचता ही नहीं. न मैं अमेरिका और चीन की चिंता करता. बस मैं पाकिस्तान पर किए जाने वाले ऑपरेशन सिंदूर के बारे में, भारत के जिगरी दोस्तों इजराइल, फ्रांस और रूस को जरूर बता देता. मैं 40 साल भारतीय थलसेना में सेवा करने के अनुभव से कह सकता हूं कि, पाकिस्तान या किसी भी देश से भारत की लड़ाई होने की हालत में, हमारे साथ (भारत के) फ्रांस, रूस और इजराइल के अलावा दुनिया का और कोई भी देश नहीं खड़ा होगा. अगर कोई देश भारत का साथ देगा भी तो वह तटस्थ भूमिका में खामोशी का लबादा अपने ऊपर ओढ़ कर मुंह छिपाकर अपने घर में बैठ जाएगा.”

‘सीजफायर’ हमने ‘भीख’ में दिया ‘खैरात’ में नहीं

भारत और पाकिस्तान में से किसे क्या हासिल हुआ सीजफायर से? सवाल के जवाब में भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी बोले, “भारत की फौज की मार से बिलबिलाते हुए पाकिस्तान ने हिंदुस्तानी हुकूमत के सामने घुटने टेक दिए. उसने मान लिया कि वह भारत से टक्कर लेकर जिंदा नहीं रह सकेगा. इसीलिए पाकिस्तान रोया-गिड़गिड़ाया तब भारत ने उसे सीजफायर भीख में दिया है. न कि खैरात में. यह बात पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका और चीन से मक्कार देश भी जानते हैं. जिनकी रोटियों पर पाकिस्तान पल रहा है.”

भारत अभी पाकिस्तान को और पीट सकता था

स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत के दौरान पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी बोले, “मेरा तो मन था कि भारत को अभी पाकिस्तान की और जबरदस्त पिटाई कर लेनी चाहिए थी. हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर जैसे ट्रेलर के तीन-चार दिन में ही भारत ने पाकिस्तान को खून के आंसू रुला दिए हैं. इसके बाद भी मगर पाकिस्तान, अमेरिका और चीन मक्कार-धूर्त विश्वासघाती देश हैं. इन पर भारत को कभी भरोसा नहीं करना चाहिए. जो भारत की अपनी आत्मा कहे उसी के फैसले पर आगे बढ़ जाना चाहिए.”

हमें चीन-अमेरिका से चौकन्ना रहना होगा

पाकिस्तान से जब भारत भिड़ रहा था तब अमेरिका और चीन किस भूमिका में रहे होंगे? पूछने पर मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं, “दोनों महा-स्वार्थी देश हैं. चीन तो वैसे ही भारत की ओर आंखे गड़ाए बैठा रहता है. अमेरिका को जहां अपना स्वार्थ सिद्ध होता दिखता है. वह उसी का सगा हो जाता है. अगर अमेरिका को लगेगा कि पाकिस्तान भारत की तनातनी के बीच में चीन को घुसाकर, अमेरिका का भला हो सकेगा. तो बेहया अमेरिका चीन को उकसा कर भारत के खिलाफ खड़ा करने में नहीं शरमाएगा. इतिहास गवाह है कि अमेरिका ने जहां पांव डाले, फिर उस देश को शांति से जीने के काबिल नहीं छोड़ा.”

ऑपरेशन सिंदूरस्टेट मिरर स्पेशल
अगला लेख