दूर की छोड़ो SC कैंपस में ही चल रहा है कंस्ट्रक्शन, बैन पर वकील के जवाब से जज भी हैरान

Supreme Court on Delhi Air Pollution: जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ GRAP 4 के तहत बैन का जायजा ले रही थी, जो AQI के 450 के स्तर को पार करने पर लगाए गए थे. इसे लेकर सरकार की इस असफल कोशिश से सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज हो गया.;

Supreme Court on Delhi Air Pollution(Image Source:  ANI )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 18 Nov 2024 5:38 PM IST

Supreme Court on Delhi Air Pollution: दिल्ली को दिल वालों का शहर कहा जाता है, लेकिन राजधानी की जहरीली हवा लोगों के दिल को ही जख्मी कर रही है. ऐसे में सरकार की तमाम कोशिशें भी नाकाम साबित हो रही. सरकार की इस असफल कोशिश से सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज हो गया.

सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली की जहरीली वायु गुणवत्ता से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हैरान हो गया. एक सीनियर वकील ने बताया कि कंस्ट्रक्शन बैन के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के कैंपस में निर्माण कार्य चल रहा है.

सुनवाई के दौरान जज भी हैरान

जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ ने राजधानी के एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट को रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत बैन को लागू करने में देरी को लेकर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग और दिल्ली सरकार से सवाल किया.

जस्टिस ओका ने पूछा, 'कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर बैन है. इसकी निगरानी कौन कर रहा है? क्या कोई साइट पर जाकर जांच कर रहा है?' इस पर याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश सीनियर वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, 'इस समय सुप्रीम कोर्ट के अंदर कोर्ट 11 के बाहर कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है. पत्थर तोड़े जा रहे हैं, कंस्ट्रक्शन जारी है और हवा में धूल उड़ रही है.'

महासचिव हाजिर हो -जस्टिस ओका

सीनियर वकील के खुलासे से हैरान जस्टिस ओका ने जवाब दिया, 'क्या? महासचिव को कोर्ट में आने का अनुरोध करने वाला मैसेज भेजो. बस उन्हें तुरंत बुलाओ.' इसके साथ ही कोर्ट ने आज राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए GRAP के तहत सख्त प्रतिबंधों को लागू करने में देरी के लिए अधिकारियों की खिंचाई की.

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर AQI 450 से नीचे चला जाता है, तब भी GRAP 4 के तहत प्रतिबंध लागू रहेंगे. बता दें कि दिल्ली में आज सुबह लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई, वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के आसपास रहा - जो कि स्वस्थ AQI रेंज 0-50 से लगभग 10 गुना अधिक है.

'10वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े होते हैं'

दिल्ली सरकार के छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास के फैसले को लेकर सीनियर वकील गोपाल एस ने कोर्ट से कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के फेफड़े दूसरों से अलग नहीं हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से सभी राज्यों को इन क्लास के लिए ऑनलाइन क्लास देने की मांग की है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चल रही चिंताओं के बीच छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने की बात कही.

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