किसी और के कमेंट पर पत्रकार को... 'अमरावती वेश्याओं की राजधानी' वाले मामले पर SC ने कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव को दी जमानत

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए उन्हें जमानत दी है. उन्हें एक पैनलिस्ट के विवादास्पद बयान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जो उन्होंने अपने टीवी शो 'लाइव विद केएसआर' में किया था.;

( Image Source:  canava )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 14 Jun 2025 9:07 AM IST

Supreme Court: हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव ने अमरावती क्षेत्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. अब कोर्ट ने राव की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए उन्हें जमानत दी है.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि श्रीनिवास राव ने वह आपत्तिजनक बयान नहीं दिया था, यह पैनलिस्ट का व्यक्तिगत बयान था. हालांकि शो के दौरान श्रीनिवास राव हंसी में थे, लेकिन कोर्ट ने इसे अपराध के रूप में नहीं माना. इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने की.

पत्रकार राव को मिली जमानत

कोर्ट ने कहा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना आवश्यक है. बता दें कि उन्हें टीवी शो 'लाइव विद केएसआर' एक पैनलिस्ट के विवादास्पद बयान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.

अदालत ने निर्देश देते हुए कहा, श्रीनिवास राव भविष्य में अपने शो में किसी भी अपमानजनक या भड़काऊ बयान को रोकें, चाहे वह स्वयं से हो या किसी अन्य से. उन्हें जमानत देने के साथ-साथ यह शर्त भी लगाई गई कि वे भविष्य में ऐसे बयानों में शामिल नहीं होंगे. कोर्ट ने कहा, यह निर्णय पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और यह स्पष्ट करता है कि किसी अन्य व्यक्ति के बयान के लिए पत्रकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

क्या है मामला?

6 जून को साक्षी टीवी पर लाइव के दौरान पत्रकार वीवी कृष्णम राजू ने अमरावती क्षेत्र को कथित तौर पर "वेश्याओं की राजधानी" कहा था. श्रीनिवास राव ने स्वयं कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन उन्हें इस बयान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. वह इस दौरान हंसते नजर आए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में श्रीनिवास राव को जमानत दी और कहा कि वे पैनलिस्ट की टिप्पणी के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकते. आंध्र प्रदेश पुलिस ने 9 जून को राजू और राव के खिलाफ कई गंभीर में मामला दर्ज किया था और अब कार्रवाई की जा रही है.

सरकार का रुख

इस बयान के बाद काफी हंगामा देखने को मिला. मामले पर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के स्वामित्व वाले चैनल पर प्रसारित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की. नायडू ने कहा, हमारी संस्कृति बेटियों और माताओं का सम्मान करती है. राजनीतिक विमर्श या मीडिया की टिप्पणियों की आड़ में उनके खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं.

वहीं उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने चेतावनी दी कि सरकार कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी. उन्होंने इस टिप्पणी को अमरावती और इसकी महिला भूमि योगदानकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित बदनामी अभियान का हिस्सा बताया.

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