'चलती फिरती इनसाइक्लोपीडिया' सुकरी बोम्मागौड़ा का निधन, पद्मश्री से हुईं थी सम्मानित
हलाक्की समुदाय में सम्मानित, सुक्रजी को लोक परंपराओं के संरक्षण में उनके अद्वितीय योगदान के लिए अक्सर 'चलता फिरता इनसाइक्लोपीडिया' के रूप में जाना जाता था. गुरुवार सुबह उत्तर कन्नड़ जिले के बडगेरी गांव स्थित उनके घर पर निधन हो गया. 1980 के दशक में, आकाशवाणी ने उनके सैकड़ों गाने रिकॉर्ड किए, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए उनकी विरासत सुरक्षित हो गई.;
फेमस फोक सिंगर और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित सुकरी बोम्मागौड़ा का गुरुवार सुबह उत्तर कन्नड़ जिले के बडगेरी गांव स्थित उनके घर पर निधन हो गया. सुकरी बोम्मागौड़ा जिन्हें सुकराजजी के नाम से जाना जाता है. वह अपने स्वास्थ्य सम्बधियों के चलते मणिपाल अस्पताल के देखभाल में थी. 'हलाक्की समुदाय' में सम्मानित, सुक्रजी को लोक परंपराओं के संरक्षण में उनके अद्वितीय योगदान के लिए अक्सर 'चलता फिरता इनसाइक्लोपीडिया' का टैग मिला था.
उन्होंने लगभग 5,000 लोक गीत याद किए थे और कल्चरल डॉक्यूमेंटेशन में अहम भूमिका निभाई थी. 1980 के दशक में, आकाशवाणी ने उनके सैकड़ों गाने रिकॉर्ड किए, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए उनकी विरासत सुरक्षित हो गई.शराब की लत के कारण अपने पति बोम्मागौड़ा को खोने के बाद वह 16 साल की उम्र में विधवा हो गईं. 46 साल की उम्र में उनकी मृत्यु ने उन्हें गहराई से आकार दिया और उन्हें अपने समुदाय में सामाजिक जागरूकता पहल का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जताया दुख
उन्हें राष्ट्रीय पहचान 2017 में मिली जब उन्हें लोक कला और संस्कृति में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया. वह राज्योत्सव पुरस्कार और नादोजा पुरस्कार की भी प्राप्तकर्ता थीं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे 'सांस्कृतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति' बताया. उन्होंने उन्हें एक स्वाभाविक कलाकार बताया जिनके हलाक्की लोक गीतों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. अपनी संगीत यात्रा के दौरान, उन्होंने सामाजिक आंदोलनों, विशेषकर शराब विरोधी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया. उन्होंने कहा, 'संगीत के प्रति समर्पण के लिए पद्मश्री से सम्मानित, सुक्रिज्जी को हम्पी विश्वविद्यालय से नादोजा पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार भी मिले.'
यंग विजिटर्स के लिए उनका संदेश
उनका प्रभाव संगीत से परे तक फैला हुआ था. स्कूली बच्चे एजुकेशनल टूर्स के दौरान अक्सर उनसे मिलने आते थे, जो उनकी इंटेलिजेंस और जीवन के सरल, टिकाऊ तरीके के प्रति कमिटमेंट्स से अट्रैक्ट होते थे. उनके रिश्तेदार मंजुनाथ गौड़ा ने मीडिया को बताया, 'किसी को या नेचर को नुकसान पहुंचाए बिना एक साधारण जीवन जिएं यंग विजिटर्स के लिए उनका संदेश था.