यह हमला CJI पर नहीं, संविधान पर हुआ है... चीफ जस्टिस BR Gavai पर जूता फेंकने की घटना पर बोलीं सोनिया गांधी
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक नाटकीय घटना हुई, जब 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया. सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर हमला रोक दिया और वकील को कोर्ट से बाहर ले जाया गया. घटना का कारण खजुराहो मंदिर मामले में CJI के कथित विवादास्पद बयान थे. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे केवल न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि संविधान पर हमला बताया. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर को निलंबित कर दिया.;
Sonia Gandhi on CJI Gavai Shoe Attack: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अक्टूबर) को हुए एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई. 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश B.R. Gavai पर जूता फेंकने का प्रयास किया.
सोनिया गांधी ने कहा, “मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में किए गए इस हमले की निंदा करने के लिए शब्द भी कम पड़ते हैं. यह हमला केवल न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारी संविधान पर भी हमला है। देश को उनके साथ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए.”
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट में उस समय सुनवाई चल रही थी, जब वकील केस में मेंशनिंग के लिए बेंच के पास गए. राकेश किशोर ने अपना जूता निकालकर CJI की ओर फेंकने का प्रयास किया. सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उन्हें कोर्ट से बाहर निकाल दिया. इस घटना को देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकील को प्रैक्टिस से निलंबित कर दिया.
CJI से क्यों नाराज था वकील?
वकील ने बताया कि वह खजुराहो मंदिर मामले में CJI के बयान से नाराज थे. उनके पास कई बार एसोसिएशन कार्ड थे और उन्होंने एक पेपर भी खरीदा, जिस पर लिखा था, “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान (Sanatan Dharma ka apmaan nahi sahega Hindustan)”.
वकील से 3 घंटे तक की गई पूछताछ
वकील को करीब 3 घंटे तक पूछताछ के बाद छोड़ा गया। सुप्रीम कोर्ट ने कोई आरोप नहीं लगाया और उन्हें चेतावनी देने के बाद रिहा करने का निर्देश दिया. CJI Gavai ने कहा, “इस सब से ध्यान न भटके. यह चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं. सुनवाई जारी रखें.”
CJI ने कहा- वकील के खिलाफ कार्रवाई न की जाए
CJI ने अधिकारियों से कहा कि वकील को सिर्फ चेतावनी दी जाए और छोड़ दिया जाए. उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा कि वे दिन की सुनवाई पर ध्यान केंद्रित रखें. फिलहाल, इस घटना ने न्यायपालिका और संविधान के सम्मान पर सवाल खड़ा किया, जबकि नेताओं और जनता ने इस घटना की निंदा की और CJI के साथ एकजुटता जताई.