SIR Phase-2: चुनाव आयोग ने चुपचाप कर दिया बड़ा बदलाव, अब मतदाताओं को करना होगा ये काम; जानें क्या?

चुनाव आयोग ने दूसरे चरण (SIR 2.0) में मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया में बदलाव किए हैं. ईसी ने दस्तावेजी बोझ कम कर दिए हैं. फॉर्म को डिजिटल बनाया गया है और मतदाताओं को सूची जांचने व अपडेट करने की भूमिका दी गई है. इस बदलाव के चलते मतदाताओं को सक्रिय होकर अपना नाम, पता व दस्तावेज ऑनलाइन या घरेलू सत्यापन में देखना होगा.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 26 Nov 2025 3:12 PM IST

चुनावी लोकतंत्र की बुनियाद (मतदाता सूची) को विश्वसनीय बनाए रखने के लिए समय-समय पर उसमें संशोधन जरूरी होती है. पहले चरण के SIR में हुए विवादों, शिकायतों और कानूनी चुनौतियों के बाद ECI अब दूसरे चरण में एक नया रूप दे रही है, लेकिन इस बार मतदाताओं की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है. उन्हें फॉर्म भरना, दस्तावेज देना या अपनी जानकारी अपडेट करना पड़ सकता है.

 ECI ने क्या-क्या किए बदलाव?

  • दूसरे चरण में SIR की प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जारी है. ECI ने विशेष रूप से कहा है कि इस बार दस्तावेज बोझ (documentary burden) को कम किया गया है. मतलब मतदाता को हर घर पर प्रारंभ में दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं रहेगी.
  • यदि मतदाता को पिछली SIR सूचियों से लिंक नहीं मिलती यानी उनका नाम पिछली सूची में नहीं था तो उन्हें दस्तावेज देना पड़ सकता है.
  • ECI ने निर्देश दिए हैं कि BLOs (बूथ-स्तरीय अधिकारी) घर-घर फॉर्म बांटने और भरने के दौरान दस्तावेज वेरीफाई नहीं करेंगे. इसके अलावा SIR guidelines में यह तय हुआ है कि enumeration के बाद यदि किसी मतदाता को सूची से हटाया गया है तो उसके कारण सहित नामों की सूची सार्वजनिक करनी होगी, और जिसका नाम कटा है, वो फिर से दावा या आपत्ति दर्ज सकेगा.
  • पहले चरण में जहां मतदाता-सत्यापन में कई दस्तावेजो की मांग होती थीं, इस बार ECI ने कहा है कि शुरुआती स्तर पर फॉर्म भरना या दस्तावेज देना अनिवार्य नहीं है. जरूरत सिर्फ उन लोगों को होगी, जिनका पंजीकरण पुरानी सूची से नहीं जुड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

जब SIR के पहले चरण (Bihar) के दौरान दस्तावेजों की मांग, आधार-कार्ड की स्थिति आदि को लेकर याचिका दायर की गई थी. SC ने कहा कि मतदान पात्रों की सूची स्थिर नहीं रह सकती; रोल्स का समय-समय पर परीक्षण आवश्यक है.

SC कोर्ट के सुझाव के अनुरूप ECI ने अब पहचान (identify) के लिए दस्तावेजों की सूची में विस्तार की है. पहले जहां 7 प्रकार दस्तावेज मान्य थे, अब 11 दस्तावेज स्वीकार किए गए हैं. पहले चरण में SC ने स्पष्ट किया कि Aadhaar Card केवल पहचान का प्रमाण होगा. नागरिकता, जन्म या निवास प्रमाण नहीं.

मतदाताओं को क्या करने की जरूरत?

  • अगर आप यह चेक कर लें कि आपका नाम, पता और वोटर-ID (EPIC) ड्राफ्ट या डुप्लीकेट सूची में हैं या नहीं.
  • यदि आप पिछली सूची से लिंक नहीं हो रहे Aadhaar, EPIC नंबर, पासपोर्ट आदि तैयार रखें. ताकि ECI द्वारा मांगे जाने पर तत्काल मुहैया करा सकें.
  • महामारी, पुरानी आयु, विकलांगता आदि जैसी स्थिति में - ECI का कहना है कि वे विशेष सुविधा देने वाले हैं. ऐसे केस में जरूरत पड़ने पर स्थानीय BLO या ERO से मदद मांगें.
  • इस बार गणना के समय दस्तावेज देना अनिवार्य नहीं है. अगर बाद में नोटिस मिले कि आप सूची से हटाए गए हैं तो आपत्ति दर्ज करना न भूलें.

क्यों किया बदलाव?

  • ECI का कहना है कि पहला चरण (Bihar) में दस्तावेज वेरिफिकेशन व रोल संशोधन के दौरान शिकायतें, विरोध, दिक्कतें आईं, इसलिए मतदाताओं की सुविधा के लिए बोझ बताया गया है.  
  • इसके पीछे ECI का तर्क है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि वास्तविक, योग्य मतदाता पूरी प्रक्रिया में शामिल हों. साथ ही  फर्जी, मृत या डुप्लीकेट नाम हटें.
  • चुनाव आयोग का एसआईआर के पीछे मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है. ताकि मतदाता सूची जितना हो सके वास्तविक आबादी से मेल खाए.

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