30 साल पुराने मामले में हुई सजा तो चली गई कुर्सी, कौन हैं महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे? विवादों से है पुराना नाता
महाराष्ट्र की राजनीति में बुधवार को उस वक्त हलचल मच गई, जब खेल मंत्री और एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे को तीन दशक पुराने आवास घोटाले में सजा बरकरार रहने के बाद इस्तीफा देना पड़ा. नासिक की सेशंस कोर्ट ने जैसे ही उनकी दो साल की सजा को कायम रखा, वैसे ही महायुति सरकार पर दबाव बढ़ गया और डिप्टी सीएम अजित पवार के सामने भी नई राजनीतिक चुनौती खड़ी हो गई. सत्ता, विवाद और बार-बार दल बदलने की राजनीति, माणिकराव कोकाटे का सफर इन्हीं तीन धुरियों के इर्द-गिर्द घूमता रहा है.;
तीन दशक पुराने एक मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक भूचाल ला दिया. खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे को जैसे ही 30 साल पुराने आवास घोटाले में दोषी ठहराते हुए अदालत ने सजा बरकरार रखी, वैसे ही मंत्री ने खुद इस्तीफा दे दिया. नासिक जिले की सिन्नर सीट से कई बार विधायक रह चुके कोकाटे सत्ता के गलियारों में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं, लेकिन उनका राजनीतिक सफर हमेशा विवादों की छाया में रहा.
बार-बार दल बदलने से लेकर बयानों और वायरल वीडियो तक, माणिकराव कोकाटे का नाम अक्सर सुर्खियों में रहा है. अब अदालत के फैसले ने न सिर्फ उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि महायुति सरकार की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं. चलिए ऐसे में जानते हैं कौन हैं माणिकराव कोकाटे?
कौन है माणिकराव कोकाटे?
नासिक जिले के सिन्नर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले माणिकराव कोकाटे महाराष्ट्र की राजनीति का जाना-पहचाना नाम रहे हैं. उन्होंने युवा उम्र में कांग्रेस से राजनीति शुरू की, फिर शरद पवार की एनसीपी में गए. टिकट न मिलने पर शिवसेना का दामन थामा और 1999 व 2004 में चुनाव जीता. इसके बाद नारायण राणे के साथ कांग्रेस लौटे और 2009 में फिर जीत दर्ज की.
थाम चुके हैं बीजेपी का दामन
माणिकराव कोकाटे 2014 में बीजेपी में गए लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2019 में लोकसभा चुनाव उन्होंने निर्दलीय लड़ा और हार गए. उसी साल फिर एनसीपी में लौटे और बेहद कम अंतर से सिन्नर सीट जीती. 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया. यानी जीत-हार और पार्टी बदलने का सिलसिला उनके राजनीतिक जीवन का स्थायी हिस्सा रहा.
माणिकराव कोकाटे के विवाद
मंत्री पद संभालने के बाद भी कोकाटे विवादों से दूर नहीं रहे. विधानसभा सत्र के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मोबाइल पर गेम खेलते नजर आए. उस वक्त राज्य में किसानों की आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दे चर्चा में थे. कांग्रेस ने इस वीडियो को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और इसे असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया. इससे पहले भी उनके बयानों और व्यवहार को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा.
इस्तीफे के बाद सियासी असर
कोकाटे के इस्तीफे के बाद खेल मंत्रालय का जिम्मा फिलहाल अजित पवार के पास चला गया है. यह घटनाक्रम महायुति सरकार के लिए असहज स्थिति लेकर आया है, क्योंकि विपक्ष इसे नैतिकता और जवाबदेही से जोड़कर देख रहा है. वहीं, कोकाटे की संभावित विधायकी अयोग्यता एनसीपी के भीतर भी नए समीकरण बना सकती है.