55 लाख खर्च कर बेटे को भेजा US, 14 दिन बाद भेज दिया गया वापस, स्वर्ण सिंह ने बयां किया दर्द

America News: हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएस में अवैध रूप से रह रहे दूसरे देश के नागरिकों को वापस भेजने का एलान किया था. इस दिशा में बुधवार 5 फरवरी को 105 भारतीय विमान में सवार होकर अमृतसर पहुंचे. उनके परिवार ने उन्हें लाखों रुपये खर्च करके यूएस नौकरी और पढ़ाई के लिए भेजा था. अब सभी से अपनी कहानी सुनाई है.;

( Image Source:  @adent55 )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 6 Feb 2025 11:30 AM IST

America News: अमेरिका में डोनाल्ड्र ट्रम्प की सरकार बनते ही वहां पर कई नियमों में बदलाव किया जा रहा है. हाल में राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूएस में अवैध रूप से रह रहे दूसरे देश के नागरिकों को वापस भेजने का एलान किया था. अब इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन लोगों में भारतीय भी शामिल हैं. बीते दिन देश वापस लौटे कुछ लोगों ने अपना दर्द बताया. अमेरिका जाने के लिए और वहां रहने के दौरान उन्हें क्या-क्या देखना पड़ा सब उन्होंने शेयर किया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से 5 फरवरी को विमान में सवार होकर 104 भारतीय वापस देश लौटे. फ्लाइट पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची. इनमें 33 गुजरात के लोग शामिल हैं, जो कि गांधीनगर, वडोदरा, अहमदाबाद, पाटन और मेहसाना निवासी हैं. डिपोर्ट किए गए प्रवासियों में 13 बच्चे भी शामिल हैं.

यूएस से लौटे भारतीयों की कहानी

अमेरिका से देश वापस आए स्वर्ण सिंह अमृतसर जिले के रहने वाले हैं. 23 साल बेटे अक्षदीप सिंह के यूएस के सपने को पूरा करने के लिए मैंने ढाई एकड़ खेत में से दो एकड़ खेत बेच दिया. मेरा बेटा 12वीं पास करने के बाद कनाडा जाना चाहता था, लेकिन दो साल की तैयारी के बाद भी जरूरी परीक्षा पास नहीं कर सका. इसलिए उसका सपना पूरा नहीं हुआ. फिर उसने दुबई जाने का फैसला किया तब 4 लाख खर्च हुए. वहां उसे ट्रक ड्राइवर का काम किया और उसकी मंथली सैलरी 50 हजार थी. इसके बाद नौकरी की तलाश में वह अमेरिका जाना चाहता था.

स्वर्ण सिंह ने कहा कि बेटे को अमेरिका भेजने के लिए एजेंट से संपर्क किया और 55 लाख रुपये उसे दिए. अमेरिका में 14 दिन रहने के बाद ही उसे वापस भारत भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि उनका बेटा अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को लेकर आ रही फ्लाइट में है.

सुरेश कुमार की कहानी

सुरेश कुमार सेना का पूर्व सैनिक हूं. पुलिस को फोन आया और मुझसे पूछा गया कि आपका बेटा अमेरिका कैसे पहुंचा. मैंने बताया कि मेरा 23 साल का बेटा रोहित शर्मा डंकी रूट के जरिए विशालकाय बाड़बंदी फांद कर अमेरिका पहुंचा था. अब वो आपस आ गया है. मैंन इस बात से खुश हूं कि वो जिंदा घर लौटा है. उन्होंने बताया कि पिछले दो सप्ताह से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था. ये सब किश्मत की बात है, लेकिन सही सलामत वापसी ज्यादा महत्वपूर्ण है.

हरविंदर को हथकड़ी से बांधा

गुरुदासपुर के हरदोवाल गांव के जसपाल ने अमेरिका में उनके साथ हुए अत्याचार की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि प्लेन में उनके हाथों में हथकड़ियां थी, पैरों में चेन बंधे थे. प्लेन में जब उन लोगों को बिठाया जा रहा था तो उन्हें नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जा रहे हैं. फिर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें भारत वापस भेजा रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे वैध वीजा के साथ भेजे, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया. उसने एजेंट को 30 लाख रुपये दिए थे. उसने गलत तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर अमेरिका घुसने पर मजबूर किया.

गुजरात की निकिता की दुख भरी दास्तां

अमेरिका से गुजरात डिपोर्ट हुए दो परिवारों ने अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी दी. मेहसाणा के विजापुर में रहने वाली निकिता भी घर आ गई है. AAJ TAK को लड़की के पिता कनुभाई पटेल ने बताया कि उनकी लड़की यूरोप के टूर पर गई थी, लेकिन वह अमेरिका गई थी, ऐसा परिवार को नहीं बताया. अमेरिका से वापस आने के बाद सच जानकर वह हैरान हो गए.

गांधीनगर जिले के परिवार की कहानी

गांधीनगर के निवासी गोहिल परिवार के तीन लोग अमेरिका से भारत लौटे हैं, जिनमें किरण सिंह गोहील उनकी पत्नी मित्तलबेन और बेटा हेयांश शामिल है. ये एक महीने पहले ही अमेरिका गए थे. 

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