दबाव में कोई दोस्ती नहीं होती... 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- मोदी सरकार जानती है कि क्या करना है
अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि दबाव में कोई दोस्ती नहीं होती. दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार ज़रूरी है, लेकिन यह दबाव और शर्तों के बिना होना चाहिए. भागवत ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में आरएसएस सरकार को प्रभावित नहीं करता, सरकार खुद फैसले लेती है और वही तय करेगी कि ट्रंप के टैरिफ पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए. उन्होंने भरोसा जताया कि मोदी सरकार छोटे उद्यमियों, किसानों और पशुपालकों को संरक्षण देगी.;
Mohan Bhagwat on US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने के एक दिन बाद, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि दबाव में कोई दोस्ती नहीं होती और अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाध्यता या दबाव में नहीं बल्कि आपसी सहमति से होना चाहिए.
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय व्यापार ज़रूरी है और होना चाहिए, लेकिन यह दबाव में नहीं होना चाहिए. दबाव में कोई दोस्ती नहीं होती. यह आपसी सहमति और स्वतंत्र इच्छा से होना चाहिए." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरएसएस सरकार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करता.
'सरकार जानती है कि इस चुनौती का कैसे सामना करना है'
भागवत ने कहा कि अमेरिका पर कोई सीधा नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि सरकार जानती है कि इस चुनौती का कैसे सामना करना है. उन्होंने कहा, "हम सरकार को नहीं बताते कि ट्रंप के बयान पर कैसे प्रतिक्रिया देनी है. यह उनका निर्णय है. सरकार को जो करना होगा, वही करेगी और हमें उस फैसले का समर्थन करना चाहिए."
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर कुल 50 फीसदी आयात शुल्क लागू कर दिया है, जिससे भारत के अमेरिका-उन्मुख निर्यातकों को गहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि सरकार छोटे उद्यमियों, किसानों और पशुपालकों को इन टैरिफ्स के असर से सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाएगी.
'संघ और बीजेपी के बीच कोई मतभेद नहीं है'
आरएसएस प्रमुख ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि संघ और बीजेपी के बीच कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा– “हमारे यहां मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं. हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं है. भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि संघ बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों को भी समर्थन दे सकता है, बशर्ते उनका काम समाजहित में हो.
'संघ ने विभाजन का विरोध किया था'
भागवत ने कहा कि यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि संघ ने विभाजन का विरोध नहीं किया था. उन्होंने कहा कि संघ ने विरोध किया था, लेकिन उस समय हमारे पास इतनी ताकत नहीं थी. अखंड भारत एक सच्चाई है और वह सपना आज भी जिंदा है. उन्होंने जनसंख्या नीति पर भी अपनी राय रखी और कहा कि देश की नीति के मुताबिक “हर परिवार में कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए ताकि 2.1 बच्चों का औसत कायम रहे.