SPG सुरक्षा में बीता बचपन, नाम बदलकर की पढ़ाई... राहुल गांधी के बचपन, संघर्ष और स्कूल-कॉलेज लाइफ की अनसुनी दास्तान
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का आज जन्मदिन है. आज के ही दिन 19 जून 1970 को नई दिल्ली में उनका जन्म हुआ था. राहुल इस समय लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं. वे 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद चुने गए. हालांकि, बाद में उन्होंने वायनाड से इस्तीफा दे दिया. इस समय वहां से प्रियंका गांधी सांसद हैं. राहुल का बचपन कैसा रहा, वे किन-किन हादसों से गुजरे और उनकी स्कूल-कॉलेज लाइफ कैसी रही? आइए, इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं...;
Rahul Gandhi Birthday Special: 19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी देश के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में जन्म लेने के बावजूद एक ऐसे नेता के रूप में सामने आए हैं, जिन्होंने लगातार अपनी पहचान स्थापित करने की कोशिश की है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल ने बचपन में ही सत्ता की चकाचौंध के साथ-साथ उसके खतरों का भी सामना किया. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया और सुरक्षा कारणों से उन्हें लंबे समय तक गुमनामी में रहना पड़ा.
राजनीतिक रूप से राहुल गांधी को अक्सर गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन समय के साथ उन्होंने खुद को एक मुद्दा-आधारित और जनसंवेदनशील नेता के रूप में पेश किया. किसान आंदोलन, युवाओं की बेरोजगारी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उन्होंने लगातार आवाज उठाई. 2022 की भारत जोड़ो यात्रा हो या फिर मणिपुर और लद्दाख में ज़मीन पर जाकर लोगों की समस्याएं सुनना, राहुल एक सक्रिय और लोगों से जुड़ने वाले नेता के रूप में उभरे हैं. आइए, आज हम आपको उनके बचपन, संघर्ष और स्कूल-कॉलेज लाइफ के बारे में बताते हैं...
राहुल गांधी का बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
- प्रारंभिक जीवन: राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार से हैं, जो भारत की राजनीति में एक प्रमुख नाम है. उनके पिता राजीव गांधी, मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और परदादा जवाहरलाल नेहरू सभी भारत के प्रमुख राजनीतिक हस्तियां रहे हैं. इस वजह से उनका बचपन सामान्य नहीं था. यह उच्च सुरक्षा और राजनीतिक माहौल में बीता.
- पारिवारिक त्रासदियों का प्रभाव: राहुल का बचपन दो बड़ी त्रासदियों से प्रभावित रहा. उनकी दादी इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या और उनके पिता, राजीव गांधी, की 1991 में हत्या ने उनके जीवन पर गहरा असर डाला. इन घटनाओं ने राहुल और उनकी बहन प्रियंका को एक असुरक्षित और संरक्षित माहौल में पाला जाने के लिए मजबूर किया. आरती रामचंद्रन की किताब Decoding Rahul Gandhi में उल्लेख है कि इन त्रासदियों ने राहुल को अंतर्मुखी और सतर्क बनाया, जो उनकी बाद की राजनीतिक छवि में भी झलकता है.
- सुरक्षा और अलगाव: नेहरू-गांधी परिवार पर लगातार खतरे के कारण राहुल और प्रियंका का बचपन सख्त सुरक्षा व्यवस्था में बीता. उन्हें सामान्य बच्चों की तरह दोस्तों के साथ समय बिताने या बाहरी गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता नहीं थी. किताब में बताया गया है कि इस माहौल ने उनके व्यक्तित्व को सतर्क और कम सार्वजनिक बनाया.
राहुल गांधी का संघर्ष
- पारिवारिक विरासत का बोझ: राहुल गांधी पर नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत का दबाव हमेशा रहा. Decoding Rahul Gandhi में इस बात का उल्लेख है कि परिवार की विरासत ने उन्हें एक ऐसी जिम्मेदारी दी, जिसके लिए वे शायद पूरी तरह तैयार नहीं थे. उन्हें हमेशा अपने पिता, दादी और परदादा की उपलब्धियों से तुलना का सामना करना पड़ा, जिससे उनके लिए अपनी अलग पहचान बनाना चुनौतीपूर्ण रहा.
- सुरक्षा संबंधी चुनौतियां: सुरक्षा खतरे के कारण राहुल का बचपन और किशोरावस्था सामान्य नहीं था. उन्हें और उनकी बहन को अक्सर घर पर ही पढ़ाया जाता था. उनकी गतिविधियां भी सीमित थीं, जिसने उनके सामाजिक विकास पर भी असर डाला.
- सार्वजनिक जांच और आलोचना: कम उम्र से ही राहुल गांधी मीडिया और सार्वजनिक निगरानी में रहे. उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाती थी. उनकी निजी जिंदगी पर अक्सर टिप्पणियां होती थीं. यह उनके लिए एक मानसिक दबाव का कारण रहा.
स्कूल और कॉलेज लाइफ
- प्रारंभिक शिक्षा: राहुल गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नई दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में शुरू की. हालांकि, सुरक्षा कारणों से उन्हें और उनकी बहन प्रियंका को अक्सर घर पर ही पढ़ाया जाता था. बाद में, उन्होंने दून स्कूल में दाखिला लिया, जो देहरादून में एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल है, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्हें वहां से भी हटाना पड़ा, और उनकी शिक्षा का अधिकांश हिस्सा होम-स्कूलिंग के माध्यम से हुआ.
- उच्च शिक्षा (विदेश): राहुल ने 1989 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई शुरू की, लेकिन 1991 में उनके पिता राजीव गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी. हार्वर्ड छोड़ने के बाद, राहुल ने फ्लोरिडा के रॉलिंस कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने 1994 में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री पूरी की. सुरक्षा कारणों से वे यहां छद्म नाम राउल विंसी (Raul Vinci) के तहत पढ़े. इसके बाद, उन्होंने 1995 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में डेवलपमेंट स्टडीज में एम.फिल. की डिग्री हासिल की. Decoding Rahul Gandhi में बताया गया है कि विदेश में बिताए समय ने उनके विश्व दृष्टिकोण को आकार दिया, विशेष रूप से समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के प्रति उनके दृष्टिकोण को...
- प्रोफेशनल अनुभव: पढ़ाई पूरी करने के बाद, राहुल ने लंदन में मॉनिटर ग्रुप नामक मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म में काम किया. इस अनुभव ने उनकी कॉरपोरेट-प्रेरित सोच को प्रभावित किया, जो बाद में उनकी राजनीतिक शैली में दिखाई दी.
पिता के साथ व्यक्तिगत संबंध और प्रभाव
Decoding Rahul Gandhi किताब में राहुल के अपने पिता राजीव गांधी के साथ संबंधों का जिक्र है, जो उनके बचपन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने और उनकी हत्या ने राहुल पर गहरा प्रभाव डाला. किताब में उल्लेख है कि राजीव की तकनीकी सोच और आधुनिक भारत की दृष्टि ने राहुल के विचारों को प्रभावित किया, जो बाद में उनकी कॉरपोरेट-प्रेरित राजनीतिक शैली में दिखता है. हालांकि, किताब में यह भी बताया गया है कि परिवार में हुई त्रासदियों ने राहुल को मीडिया और सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया.
राहुल गांधी का बचपन विशेष सुरक्षा में बीता और संघर्षों से भरा रहा.. पढ़ाई उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन की नामी संस्थाओं से पूरी की... कई बार नाम बदलकर... पॉलिटिक्स से पहले उन्होंने निजी कंपनियों में काम किया. उनका जीवन परिवार की राजनीतिक विरासत और व्यक्तिगत सुरक्षा के द्वंद्व से गुजरा है. राहुल का हमेशा से कहना रहा है कि वे राजनीति में अनिच्छा से आए थे. निजी रूप से उन्हें पढ़ना, फिटनेस, यात्रा और आर्ट्स में रुचि है. अपने कॉलेज के दिनों में उन्होंने यूरोप और लैटिन अमेरिका की यात्राएं कीं, जिससे उनके सोचने का तरीका अधिक वैश्विक हुआ.