कुरान, कागज और... तहव्वुर राणा ने मांगी कौन-कौन सी चीजें, सामान्य कैदी की तरह मिल रहा ट्रीटमेंट
एनआईए की हिरासत में 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से पूछताछ जारी है. उसने कुरान, कलम और कागज़ मांगे हैं, जिससे उसकी मानसिक स्थिति और मंशा पर चर्चा शुरू हो गई है. एनआईए उससे डेविड हेडली, दुबई कनेक्शन और लश्कर-ए-तैयबा से संबंधों को लेकर गहन पूछताछ कर रही है. राणा की भारत यात्रा से जुड़े सुराग इस साजिश की नई परतें खोल सकते हैं.;
एनआईए की हिरासत में 26/11 के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने जो तीन चीजें मांगीं, कुरान, कलम और काग़ज़. वो केवल सामान्य मांगें नहीं हैं, बल्कि कई सवाल भी खड़े करती हैं. क्या यह एक कट्टर धार्मिक विचारधारा का संकेत है, या जेल में बंद एक इंसान की आत्मा की तसल्ली की कोशिश? वह पांच वक्त की नमाज पढ़ रहा है, और हर हरकत पर एजेंसियों की कड़ी निगरानी है.
एनआईए का दावा है कि तहव्वुर राणा को किसी विशेष सुविधा के साथ नहीं, बल्कि 'सामान्य कैदी' की तरह रखा गया है. लेकिन राणा को जो कलम और कागज दिए गए हैं, उन पर अलग से निगरानी रखी जा रही है, कहीं वह उनका उपयोग खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए न करे. यह सतर्कता बताती है कि एजेंसी न सिर्फ उसकी गतिविधियों पर नज़र रख रही है, बल्कि उसके मनोविज्ञान को भी समझने की कोशिश कर रही है.
पूछताछ का असली मकसद
पूछताछ का उद्देश्य सिर्फ 2008 के हमलों की तह तक जाना नहीं बल्कि मानसिक, राजनीतिक और आतंकी नेटवर्क की तह तक जाना है. राणा से जुड़े सैकड़ों कॉल रिकॉर्ड्स, विशेषकर डेविड कोलमैन हेडली से हुई बातचीत, अब नए सिरे से खंगाले जा रहे हैं. एनआईए की नजर उन अनकहे सूत्रों पर है जो 26/11 के पीछे की पूरी साजिश को उजागर कर सकें.
दुबई कनेक्शन और संदिग्ध मुलाकातें
पूछताछ में एक नया फोकस दुबई में हुई उसकी संदिग्ध मुलाकातों पर है. एनआईए मानती है कि राणा ने हमले से पहले ऐसे लोगों से संपर्क किया था जो पूरी साजिश से वाकिफ थे. दुबई के एक संपर्क को लेकर एजेंसी खास तौर पर गंभीर है. हो सकता है कि यहीं से मुंबई हमलों की रूपरेखा को अंतिम रूप मिला हो.
आईएसआई और लश्कर से जुड़े तार
राणा की जांच महज उसकी व्यक्तिगत भूमिका तक सीमित नहीं है. यह उस पूरी आतंकी संरचना की जांच है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके कथित रिश्ते शामिल हैं. एनआईए इस जांच को भारत की सुरक्षा नीति के एक अहम हिस्से के रूप में देख रही है.
आगे और हो सकते हैं खुलासे
राणा की पूछताछ अभी जारी है, लेकिन जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उसकी भारत यात्रा, खासकर हमलों से कुछ दिन पहले किए गए उत्तर और दक्षिण भारत के दौरों से कई गहरे और अप्रत्याशित तथ्य सामने आ सकते हैं. राणा की चुप्पी टूटी, तो यह सिर्फ 26/11 की फाइल नहीं खोलेगा, यह भविष्य की कई साजिशों को रोकने की कुंजी बन सकता है.