Pride of Op Sindoor: जहन्नुम पहुंचा आतंकी मसूद का कुनबा, US को भारत ने दिखाया ठेंगा; पाकी कबूलनामे से और चौड़ा हुआ 56 इंच का सीना
पाकिस्तानी कबूलनामे ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को प्रमाणित कर दिया. जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने स्वीकार किया कि 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सैन्य कार्रवाई में मसूद अजहर का परिवार पूरी तरह मारा गया. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया, जिससे आतंक का गढ़ पूरी तरह टूट गया. इस घटना ने भारत के सशक्त और निर्णायक कार्रवाई के संदेश को दुनिया के सामने मजबूती से पेश किया.;
भारत के लिए यह गर्व का क्षण है कि उसके दुश्मन भी अब ऑपरेशन सिंदूर की ताकत को मानने पर मजबूर हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से लेकर जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी तक ने स्वीकार किया है कि भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तान में आतंक के नेटवर्क की कमर तोड़ दी. 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सेना की सटीक कार्रवाई ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि आतंकी सरगना मसूद अजहर का पूरा कुनबा भी मौत के घाट उतार दिया. अब पाकिस्तान की जुबान से यह कबूलनामा सुनने में आया है कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ उठने वाले मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी है जिसके बाद भारत का 56 इंच के सीना और चौड़ा हो गया है.
एक निजी चैनल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ किसी भी मसले पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी. जिसके बाद यह एक तरह से यूं कहे तो जो आएं दिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीजफायर का क्रेडिट लेते है और जिस पाकिस्तान को गोद में बैठा रहे हैं उसने ही 'जोरदार तमाचा' जड़ दिया है और भारत का सीना गर्व से ऊंचा हो गया है.
दुश्मन की जुबान से हिंदूस्तान की जीत का तिरंगा!
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने यह भी माना कि भारत हमेशा से पाकिस्तान को स्पष्ट कर चुका है कि बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी और उसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दे शामिल होंगे. डार ने यह भी खुलासा किया कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से ट्रंप के कथित मध्यस्थता दावे पर सवाल किया, तो उन्होंने साफ कहा कि भारत की स्थिति हमेशा यही रही है कि यह मामला केवल द्विपक्षीय है.
ट्रंप का झूठ और पाकिस्तान की हार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्धविराम करवाया है. लेकिन डार के इस कबूलनामे ने ट्रंप की बातों की हवा निकाल दी. दरअसल, सच्चाई यह है कि पाकिस्तान ने खुद भारत से सीजफायर की भीख मांगी थी, जब ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. भारत ने साफ कहा कि कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था और जो समझौता हुआ, वह केवल पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद हुआ.
'OP सिंदूर से धू-धू कर जला मसूद अजहर का कुनबा'
सबसे बड़ा झटका आतंकियों को तब लगा जब जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक वायरल वीडियो में यह स्वीकार किया कि 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सेना की कार्रवाई में मसूद अजहर का परिवार "टुकड़ों में बंट गया. कश्मीरी ने कहा कि, 'सब कुछ कुर्बान करने के बाद, 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सेनाओं ने मौलाना मसूद अजहर के परिवार को रेज़ा-रेज़ा कर दिया. बहावलपुर, पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर, लंबे समय से जैश का ऑपरेशनल हब रहा है. भारतीय वायुसेना की कार्रवाई ने यहां मौजूद जमिया मस्जिद सुभान अल्लाह को भी भारी नुकसान पहुंचाया. इस हमले में अजहर की बहन, जीजा, भतीजा, भांजी और उसके परिवार के कई बच्चे मारे गए.
आतंकी ढांचे पर भारत का सीधा प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सीधा जवाब था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. भारत ने पाकिस्तान और पीओके में फैले जैश और लश्कर के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया. इस कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान को झकझोर दिया, बल्कि पहली बार आतंकी संगठन खुद सार्वजनिक रूप से यह मानने पर मजबूर हुए कि भारत ने उनकी रीढ़ तोड़ दी.
56 इंच का सीना और भारत की सख्त नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा था कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) पर होगी. यह नीति आज रंग ला रही है. इशाक डार के कबूलनामे और मसूद अजहर के परिवार की मौत की खबर ने भारत की रणनीतिक जीत को और भी मजबूत किया है. यह साबित करता है कि भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी आतंकवाद पर सबसे बड़ा हथियार है. विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर ने जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों की रीढ़ तोड़ दी है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या मसूद अजहर और उसके बचे-खुचे गुर्गे इससे सबक लेंगे या फिर किसी नए षड्यंत्र की तैयारी करेंगे? भारत के लिए यह पल गर्व का है कि दुश्मन की जुबान से हिंदूस्थान की जीत का कबूलनामा निकल रहा है. ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकियों का सफाया किया बल्कि यह संदेश भी दिया कि अब भारत सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से जवाब देगा.