PM Modi ने Pawan Kalyan को Chocolate नहीं, दी थी ये वाली Toffee, लेकिन क्यों?

अमरावती में भाषण के दौरान जब पवन कल्याण को आई खांसी, तो पीएम मोदी ने अपनी जेब से निकाली आयुर्वेदिक Toffee — अब ये टॉफ़ी सिर्फ खांसी की नहीं, मीम्स और मार्केटिंग की भी दवा बन गई है;

By :  अमन बिरेंद्र जायसवाल
Updated On : 3 May 2025 3:35 PM IST

मंच पर भाषण चल रहा है, जनसभा की भीड़ जोश में है, और डिप्टी सीएम पवन कल्याण को आ जाती है खांसी… तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  पवन कल्याण को बुलाते हैं और अपनी जेब से निकालते हैं एक छोटी सी टॉफ़ी – 'कॉफलेट'… और कहते हैं – 'ये खाओ और पानी पी लो.'

यही वो पल था जिसने न सिर्फ आंध्र प्रदेश की सियासत में मिठास घोल दी, बल्कि इंटरनेट पर भी ब्रेकिंग वायरल मोमेंट बन गया.

बात सिर्फ़ एक टॉफ़ी की नहीं है... पूरा ब्रांड इंडिया मोमेंट है!

जब अमरावती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण मंच साझा कर रहे थे, तभी अचानक भाषण के बीच में पवन कल्याण को ज़ोर की खांसी आई. और तभी, एक शांत मुस्कान के साथ मोदी जी ने अपनी जेब से एक हर्बल टॉफ़ी निकाली – नाम था ‘कॉफलेट’ (Koflet) – और पवन कल्याण को देते हुए बोले,

'ये खाओ और पानी पी लो.'

इस वायरल टॉफ़ी की चार बड़ी हेडलाइन वाली हाइलाइट्स:

अब साफ़ है – मोदी जी की जेब में हमेशा 'कॉफलेट' रहती है.

कई लोग पूछते थे – 'प्रधानमंत्री इतनी देर तक इतनी बुलंद आवाज़ में भाषण कैसे देते हैं? गला नहीं बैठता?'

अब जवाब मिल गया – कॉफलेट!

ये वही हर्बल टॉफ़ी है जिसे मोदी जी शायद हमेशा साथ रखते हैं. अब इसे प्रधानमंत्री की पावर टॉफ़ी कहें या गला बचाओ फॉर्मूला – नाम जो भी हो, स्टाइल तो मोदी ब्रांड का ही है!

जनसेना पार्टी ने जो वीडियो शेयर किया, उसमें खास तौर पर कॉफलेट की तस्वीर को दिखाया गया है!

मतलब अब ये कोई साधारण cough drop नहीं रही… ये बन चुकी है एक ब्रांडेड मेसेज.

जब जनसेना ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किया, तो उसमें कॉफलेट की क्लियर इमेज भी डाली गई थी. यानी टॉफ़ी की ब्रांडिंग अब आसमान छूने वाली है.

सोचिए – मोदी जी की जेब से निकली टॉफ़ी, जनसेना के वीडियो में ज़ूम इन, और इंटरनेट पर वायरल… ब्रांडिंग का नया मंत्र – ‘गला साफ़, राजनीति साफ़!’

ये महज़ एक टॉफ़ी नहीं, पॉलिटिकल कैमिस्ट्री का मीठा सबूत है.

भले ही एनडीए के सहयोगियों में कुछ भी हलचल हो, लेकिन मंच पर ये कॉफलेट-मोमेंट दिखाता है कि आपसी सम्मान और अपनापन अब भी ज़िंदा है.

ये सिर्फ हेल्थ केयर नहीं, हेल्थ-केयर विद केयर था.

जनता अब मीम्स से लेकर मार्केटिंग तक सब कर रही है!

लोगों ने मीम बना दिया:

'खांसी आई? मोदी जी को बुलाओ!'

'कॉफलेट – अब भारत की ऑफिशियल पॉलिटिकल टॉफ़ी!'

'गला बैठा? मोदी सेट है!'

इंटरनेट यूज़र्स पूछ रहे हैं – क्या अब कॉफलेट टॉफ़ी को 'सरकारी सप्लाई' में जोड़ा जाएगा?

क्या 'कॉफलेट' बनेगी भारत की अगली चुनावी टॉफ़ी?

अब जबकि ये टॉफ़ी हर न्यूज फीड और व्हाट्सएप स्टेटस में दिख रही है, लोग कह रहे हैं –

'मोदी जी सिर्फ भाषण नहीं देते, वो ब्रांड भी बनाते हैं!'

जहां एक ओर ₹58,000 करोड़ की योजनाओं का एलान हुआ, वहीं दूसरी ओर एक ₹2 की हर्बल टॉफ़ी ने वो किया जो किसी प्रेस कांफ्रेंस से नहीं हो पाता – पब्लिक कनेक्शन.

तो अगली बार खांसी हो, तो डॉक्टर मत बुलाइए… बस इतना कहिए – 'मोदी जी, ज़रा कॉफलेट देना.'

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