'मेरे खिलाफ चल रही पेड कैंपेन': नितिन गडकरी ने E20 पेट्रोल को लेकर आरोपों का दिया जवाब

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को E20 पेट्रोल योजना पर हो रही राजनीति को लेकर साफ कहा कि उनके खिलाफ “पेड पॉलिटिकल कैंपेन” चलाया गया था, जो अब पूरी तरह से बेबुनियाद साबित हो गया है. उन्होंने कहा कि सभी परीक्षण एजेंसियों ने E20 ईंधन के उपयोग को लेकर कोई समस्या नहीं पाई है और योजना को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे थे, वे राजनीति से प्रेरित थे.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 11 Sept 2025 3:01 PM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि E20 पेट्रोल योजना को लेकर उनके खिलाफ चल रही आलोचना 'पेड पॉलिटिकल कैंपेन' है, जो अब गलत साबित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं, जिससे सरकार की नीति का समर्थन हुआ है.

गडकरी ने यह भी कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि पुरानी गाड़ियां स्क्रैप कर नई गाड़ियां खरीदने वाले ग्राहकों को GST में राहत दी जाए ताकि उपभोक्ताओं और ऑटो इंडस्ट्री दोनों को फायदा हो. उन्होंने SIAM सम्मेलन में ऑटो कंपनियों से जैव ईंधन वाली गाड़ियों के उत्पादन में तेजी लाने की अपील की. साथ ही उन्होंने BSVI मानकों के सफल कार्यान्वयन के लिए उद्योग का धन्यवाद किया और भविष्य में लॉजिस्टिक्स लागत कम होने की संभावना जताई.

बायो फ्यूल को बढ़ावा दें ऑटो कंपनियां

गडकरी ने कहा कि सरकार ने E20 पेट्रोल योजना को स्वच्छ ईंधन के विस्तार और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से लागू किया है. उन्होंने ऑटो कंपनियों से जैव ईंधन आधारित वाहनों को तेजी से अपनाने का आग्रह किया, ताकि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत में मदद मिल सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कर नई गाड़ियों को खरीदने पर GST में राहत देना आवश्यक है. इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक मदद मिलेगी और ऑटो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लेकर का बड़ा लक्ष्‍य

SIAM के 65वें वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने ऑटो निर्माताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि BSIV से BSVI मानकों में बदलाव भारत की वैश्विक पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप एक बड़ा कदम है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत आगे भी CAFE (Corporate Average Fuel Economy) मानकों के साथ तालमेल बिठाकर वाहन उद्योग को मजबूत करेगा. गडकरी ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लेकर भी बड़ा लक्ष्य रखा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के अंत तक भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 9% तक लाने का प्रयास जारी है. इससे व्यापार और उद्योग की लागत कम होगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और केंद्र का पक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने E20 blending नीति को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि देश की अधिकांश गाड़ियां E20 ईंधन के लिए संगत नहीं हैं और यह इंजन खराब कर सकती है, जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे, माइलेज की कमी और वारंटी व बीमा दावों से इनकार जैसे मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं. इसके अलावा, याचिका में कहा गया था कि उपभोक्ता की पसंद को दरकिनार कर इसे लागू करना अनुचित व्यापार प्रथा है.

लेकिन केंद्र सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि बाहरी प्रभावों से यह तय नहीं होना चाहिए कि भारत में कौन सा ईंधन इस्तेमाल होगा. सरकार का कहना है कि यह नीति गन्ना किसानों को लाभ पहुंचाने, कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटाने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक है.

उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए राहत

गडकरी ने कहा कि स्क्रैपिंग नीति के तहत पुराने वाहनों को हटाकर नई गाड़ियां खरीदने पर GST राहत दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की नीति से पर्यावरण को लाभ होगा, जबकि ऑटो उद्योग को नई तकनीकों के विकास और बिक्री में मदद मिलेगी.

गडकरी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल वाहन उद्योग को प्रोत्साहित करना नहीं, बल्कि इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है. साथ ही उन्होंने उद्योग से आग्रह किया कि स्वच्छ ऊर्जा आधारित वाहनों की ओर कदम बढ़ाएं ताकि प्रदूषण कम हो और आर्थिक लाभ भी मिल सके. इस तरह नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया कि E20 पेट्रोल योजना देशहित में है और उस पर उठाए जा रहे सवाल राजनीति से प्रेरित हैं.

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