Pahalgam Attack: अमेरिका ने लश्कर की TRF को घोषित किया विदेशी आतंकी संगठन, पहलगाम आतंकी हमले को दिया था अंजाम
Pahalgam Attack: पलहगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले लश्कर की शाखा TRF को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है. यूएस के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, उस पर भारत और कई अन्य देशों में कई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है.;
Pahalgam Attack: कश्मीर के पहलगाम में अपने परिवार के साथ घूमने गए टूरिस्टों पर 22 अप्रैल 2025 को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा. इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के तरफ का हाथ सामने आया था. अब अमेरिका ने लश्कर की द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है.
देश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार (17 जुलाई) को इस संबंध में एक बयान जारी किया. यह कदम पाकिस्तान की सरकार पर तमाचा है कि कैसे वह अपने देश में आतंकवाद को पनाह दे रहा है. अब हर ओर अमेरिका के इस फैसले की चर्चा हो रही है.
अमेरिकी सरकार का बयान
यूएस के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, राज्य विभाग TRF को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइज़ेशन (FTO) और स्पेशली डिजाइनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) दोनों श्रेणियों में शामिल कर रहा है. वह इस हमले को 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमले के रूप में देखते हैं.
बता दें कि TRF को कश्मीर रेजिस्टेंस के नाम से भी जाना जाता है. उसने ही पहले इस पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उसने अपना दावा वापस ले लिया और बताया कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं था. वहीं लश्कर-ए-तैयबा को अमेरिका पहले से ही विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर चुका है. उस पर भारत और कई अन्य देशों में कई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है. यह वही संगठन है जिसे नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला किया था.
राष्ट्रीय सुरक्षा का फैसला
अमेरिका का यह कदम ट्रम्प प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने, आतंकवाद से मुकाबला करने और पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. रुबियो ने यह भी बताया कि TRF और इसके साथ जुड़ी अन्य नामों को अब लश्कर-ए-तैयबा की घोषणा में FTO और SDGT के अंतर्गत शामिल किया गया है. यह नामांकन अधिसूचना संघीय रजिस्टर में प्रकाशित होने पर प्रभावी हो जाएगा.
इससे पहले अमेरिका ने भारत के आतंकवाद विरोधी संघर्ष और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का समर्थन दोबारा सुनिश्चित किया था, जब एक भारतीय सांसद प्रतिनिधिमंडल की संयुक्त राज्य यात्रा हुई थी.
कब हुआ था हमला?
पहलगाम में 22 अप्रैल को चार आतंकवादियों ने बायसरान घाटी में घुसकर हिन्दू पुरुषों को पहचानने और मारने की घटना को अंजाम दिया. इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव गहराया. भारत ने इसके जवाब में 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयर स्ट्राइक की. जिनमें रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस भी निशाने पर था. पाकिस्तानी सेना ने भी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की, जबकि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रहा.
अमेरिका ने युद्धविराम की घोषणी की लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आया. 10 मई को पाकिस्तान के सेना के जनरल ऑपरेशंस निदेशक ने भारतीय तरफ से युद्धविराम की अपील की, जिसके बाद दोनों पक्षों ने बातचीत कर समझौता किया और गोलीबारी बंद कर दी.