फिर बजेंगे जंगी सायरन, बॉर्डर से सटे इलाकों में हाई अलर्ट; इन चार राज्‍यों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ की पूरी तैयारी

Mock Drill: भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौते के बाद फिर से सीमा इलाकों में मॉक ड्रिल अभियास करने का एलान किया है. गुरुवार शाम को गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल किया जाएगा.;

( Image Source:  ani )

Mock Drill: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में खत्म हुए चार दिवसीय संघर्ष के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने एक बार फिर सीमाई राज्यों को सतर्क कर दिया है. गुरुवार शाम को गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल (सुरक्षा अभ्यास) किया जाएगा. यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा, एयर रेड सायरन, रेस्क्यू ऑपरेशन और इमरजेंसी मैनेजमेंट सिस्टम की तैयारियों को परखने के लिए किया जा रहा है.

इससे पहले 7 मई को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत पूरे देश में इसी तरह का ड्रिल किया गया था, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से कुछ घंटे पहले हुआ था. मॉक ड्रिल के दौरान सीमाई जिलों में लोगों को सतर्क रहने और तय गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए जाएंगे.

फैसले और तैयारी से जुड़ीं 10 बड़ी बातें

  1. गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्यों में गुरुवार शाम को एकसाथ सुरक्षा अभ्यास किया जाएगा.
  2. हालिया चार दिनी युद्ध ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह पहला मॉक ड्रिल है, जिसका उद्देश्य भविष्य के हमलों के लिए तैयार रहना है.
  3. सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अभ्यास के दौरान सतर्क रहने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा जाएगा.
  4. मॉक ड्रिल के तहत सायरन बजाकर एयर रेड सिस्टम और कंट्रोल रूम्स की कार्यक्षमता का परीक्षण किया जाएगा.
  5. वार्डन सर्विस, फायरफाइटिंग, रेस्क्यू, डिपो प्रबंधन और निकासी योजनाओं जैसी नागरिक सेवाओं की दक्षता को परखा जाएगा.
  6. इससे पहले 7 मई को देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 250 जगहों पर इसी तरह का राष्ट्रव्यापी ड्रिल किया गया था.
  7. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के फिरोज़पुर, पठानकोट, फाज़िल्का, अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन में स्कूल बंद कर दिए गए थे.
  8. पाकिस्तान से 1,037 किमी लंबी सीमा साझा करने वाले राजस्थान के बॉर्डर क्षेत्रों में भी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद किया गया था.
  9. यह मॉक ड्रिल उस स्तर की है जैसी 1971 के युद्ध के बाद शायद ही कभी देखी गई हो — एक संगठित और युद्ध-स्तर पर तैयारी.
  10. मॉक ड्रिल की योजना और क्रियान्वयन गृह मंत्रालय की देखरेख में किया जा रहा है ताकि सभी एजेंसियों में समन्वय सुनिश्चित हो सके.

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