हिमाचल के मंडी में चमत्कार! 5 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद मलबे से बाहर निकली लड़की, जानें भावुक करने वाली कहानी

हिमाचल में हुए भूस्खलन के दौरान एक महिला 5 घंटे तक मलबे के नीचे दबी रही. परिजन सहित स्थानीय लोगों ने मेहनत और प्रयास के दम पर अंतत: 20 वर्षीय महिला को बचा लिया. इससे पहले महिला पांच घंटे तक मलबे में दबी रही, किसी तरह उसने सांस लेने के लिए गाद को जैसे-तैसे हटा लिया था. पढ़िए, भावुक कर देने वाली इस घटना की पूरी कहानी.;

( Image Source:  @city_news_in (Screengrab) )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 9 July 2025 9:25 AM IST

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सेराज घाटी के शरण गांव में भूस्खलन के मलबे में एक महिला के दबने की घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया. दरअसल, इस हादसे में एक 35 वर्षीय महिला मलबे के नीचे फंस गई. उसका पता नहीं चल पा रहा था कि वो मलबे में कहा हैं. इससे लोग चिंतित उठे, लेकिन मलबे में फंसी 20 वर्षीय लड़की ने साहस और समझदारी का परिचय देकर सबको चौंका दिया. साथ ही यह साबित कर दिया कि जहां हिम्मत होती है, वहां चमत्कार भी होते हैं.

लड़की की जान बचने के बाद सेराज घाटी के शरण गांव वालों और रेस्क्यू टीम ने इसे ‘जिंदगी की जीत’ बताया. यह सिर्फ एक रेस्क्यू नहीं था, यह उम्मीद, संघर्ष और मानवता की मिसाल बन गया.

मिसाल इसलिए कि 20 वर्षीय महिला तुनेजा ठाकुर ने भूस्खलन में दबने के बाद हैरत कर देने वाली साहस का परिचय दिया. पांच घंटे तक वह सांस लेने के लिए कीचड़ और मलबे को खोदती रही. सांस लेने के लिए जगह बनाती रही और बाहर निकलने का रास्ता खोदती रही. अधिकारियों ने उसके साहस की प्रशंसा की है.

बेटी के हौसले को सलाम!

हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने पिछले सप्ताह उनसे मुलाकात की और उनके साहस की प्रशंसा की. जय राम ठाकुर ने लड़की से मुलाकात के बाद कहा कि

आपदा में सराज बगस्याड़ के शरण गांव की बेटी दीक्षा ने अपनी हिम्मत का परिचय देते हुए भूस्खलन की चपेट में आने के बावजूद खुद को मलबे से सुरक्षित निकाला, जो किसी प्रेरणा से कम नहीं है.

जब बाहर निकली सिर्फ सांस ले पा रही थी - तुनेजा

पीड़ित लड़की तुनेजा ठाकुर ने कहा, "हर कोई बाहर भागा. बारिश हो रही थी और बाढ़ का पानी घरों में घुस रहा था. लोग दहशत में चिल्ला रहे थे. मैं सुरक्षित जगह की तलाश में बाहर निकली, तभी अचानक एक घर की जमीन नीचे खिसक गया और मेरे घर के कोने के पास मेरे ऊपर गिर गया."

उसके बाद पांच घंटे तक वह मलबे की गिरफ्त में रही. सांस लेने की कोशिश करती रही. लोगों से मदद की उम्मीद में जिंदगी की लड़ाई लड़ती रही. स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीम ने बिना हिम्मत हारे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. जब पांच घंटे बाद महिला को बाहर निकाला गया तो वह जिंदा थी, डरी हुई, जख्मी, लेकिन सांस लेती हुई.

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