मैंने कभी विकल्प नहीं चुना, पार्टी का निर्णय सर्वोपरि... बीजेपी अध्यक्ष या उपराष्ट्रपति बनने की अटकलों पर बोले मनोहर लाल खट्टर

केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह न तो बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं, न ही उपराष्ट्रपति पद पर जाना चाहते हैं. उनका कहना है, “मैं विकल्प चुनने के लिए पैदा नहीं हुआ- पार्टी या नेतृत्व जो जिम्मेदारी देगा, बस उसे निभाने को तैयार हूं.” खट्टर का यह बयान उस समय आया जब बीजेपी में उनके संभावित भविष्य को लेकर चर्चा तेज थी.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 25 July 2025 12:23 AM IST

Manohar Lal Khattar: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चल रही अटकलों पर चुप्पी तोड़ दी है. बीते कुछ समय से यह चर्चा तेज थी कि खट्टर को पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है या उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया जा सकता है, लेकिन इन तमाम अटकलों के बीच खट्टर ने बेहद सधे हुए लहजे में कहा है कि वह न तो कोई पद मांगते हैं और न ही कभी विकल्प चुनते हैं.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैं विकल्प चुनने के लिए पैदा नहीं हुआ. पार्टी और नेतृत्व जो भी जिम्मेदारी देगा, मैं उसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाने को तैयार हूं." उनके इस बयान को पार्टी के भीतर चल रही रणनीतिक चर्चाओं के संदर्भ में देखा जा रहा है.

बीजेपी के नए अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी तेज

दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है. ऐसे में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासबाजी तेज है. वहीं, उपराष्ट्रपति पद के लिए भी अगले साल चुनाव होने हैं, और माना जा रहा है कि एनडीए खेमे से कुछ वरिष्ठ चेहरों के नामों पर मंथन चल रहा है.

खट्टर का  बयान कई मायनों में है अहम 

इस बीच खट्टर का यह बयान कई मायनों में अहम है. एक तरफ यह उनके संगठनात्मक समर्पण को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह बीजेपी नेतृत्व के प्रति उनकी निष्ठा का भी प्रतीक है. खट्टर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से आते हैं और लंबे समय से संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को भी अनुशासन और प्रशासनिक सख्ती के लिए जाना जाता है.

खट्टर का बयान ‘लौ प्रोफाइल’ रणनीति का हिस्सा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खट्टर का यह बयान उनकी ‘लौ प्रोफाइल’ रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहां वे अपने नाम को आगे बढ़ाने की बजाय पार्टी नेतृत्व को निर्णय लेने का पूरा सम्मान दे रहे हैं. यह संगठन के भीतर उन्हें और विश्वसनीय बनाता है. अब देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व आने वाले समय में उन्हें किस भूमिका में आगे बढ़ाता है- एक संगठनात्मक जिम्मेदारी के रूप में या फिर एक संवैधानिक पद की ओर... लेकिन फिलहाल इतना तय है कि खट्टर किसी भी भूमिका को निभाने के लिए तैयार हैं, बगैर कोई शर्त रखे.

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