अब 'बांग्ला' नाम से जाना जाएगा पश्चिम बंगाल? ममता सरकार की संसद से मांग

Mamta government: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद से पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर 'बांग्ला' रखने की अपील की है. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया था कि प्रस्तावित नाम राज्य के इतिहास, संस्कृति और पहचान को दर्शाता है. 1947 में अविभाजित बंगाल के विभाजन के बाद, भारतीय हिस्से का नाम पश्चिम बंगाल रखा गया, जबकि दूसरी तरफ पूर्वी पाकिस्तान बना.;

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West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद में सरकार ने बड़ी मांग की. राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस सरकार ने कहा कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर 'बांग्ला' कर दिया जाए. यह नाम राज्य के इतिहास और संस्कृति की छाप रखता है. इससे संबंध में सीएम ममता ने पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को संसद में राज्य का नाम बदलने की मांग रखी. पार्टी सांसद रीताब्रत बनर्जी ने राज्यसभा को बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने जुलाई 2018 में राज्य का नाम बदलने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन केंद्र ने अभी तक इस पर सहमति नहीं जताई है.

पीएम मोदी को लिखा पत्र

रीताब्रत बनर्जी ने संसद को बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया था कि प्रस्तावित नाम राज्य के इतिहास, संस्कृति और पहचान को दर्शाता है. उन्होंने कहा, "हमारे राज्य का नाम बदलकर बांग्ला करने की लंबे समय से लंबित मांग का मुद्दा उठाया, जिसे 26 जुलाई, 2018 को पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था. ममता बनर्जी ने हमेशा कहा है कि नया नाम हमारे राज्य के इतिहास, संस्कृति और पहचान के अनुरूप होगा और हमारे लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा."

1947 में अविभाजित बंगाल के विभाजन के बाद, भारतीय हिस्से का नाम पश्चिम बंगाल रखा गया, जबकि दूसरी तरफ पूर्वी पाकिस्तान बना. 1971 में पूर्वी पाकिस्तान ने स्वतंत्रता की घोषणा की और बांग्लादेश के रूप में नया राष्ट्र बनाया. तृणमूल सांसद ने कहा कि 'पूर्वी पाकिस्तान' अब अस्तित्व में नहीं है और उन्होंने कहा, "हमारे राज्य का नाम बदलने की जरूरत है. राज्य के लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए."

कई शहरों के बदले गए नाम 

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में कई शहरों के नाम बदले गए हैं. इनमें बॉम्बे शामिल है जो 1995 में मुबंई में बदला गया. 1996 में मद्रास 2021 बन गया, 2001 में कलकत्ता को कोलकाता और 2014 में बैंगलोर से बेंगलुरु नाम से जाने जाना लगा. बता दें कि भारत में किसी राज्य का नाम बदलने के लिए राष्ट्रपति की सिफारिश से संसद में विधेयक पेश किया जाता है और फिर उसे संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाता है.

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