'धनखड़ को इस्तीफे के लिए किया गया मजबूर, अगले उपराष्ट्रपति राजनाथ सिंह होंगे'; TMC सांसद का दावा
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला सिर्फ दिखावा है, असल में उन्हें हटने के लिए मजबूर किया गया ताकि अगला उपराष्ट्रपति राजनाथ सिंह को बनाया जा सके.;
Jagdeep Dhankhar Resignation; तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने बुधवार को एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के दबाव में आकर इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ को महाभियोग की धमकी देकर इस्तीफे के लिए मजबूर किया गया और यह सब एक 'राजनीतिक रणनीति' के तहत किया गया.
बनर्जी ने यह भी दावा किया कि देश के वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अगला उपराष्ट्रपति नियुक्त किया जाएगा. इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल मचा दी है, जहां धनखड़ का इस्तीफा पहले से ही कई सवालों के घेरे में था.
'महाभियोग की धमकी देकर इस्तीफे को मजबूर किया गया'
कल्याण बनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने जगदीप धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने उस दिन रात 9 बजे से पहले इस्तीफा नहीं दिया, तो उनके ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा. यह प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों द्वारा दबाव बनाने की एक रणनीति थी. 'इससे पहले, चुनाव से ठीक पहले एक चुनाव आयुक्त ने इस्तीफा दे दिया था... सुनने में आ रहा है कि अब राजनाथ सिंह को उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा.
'मोदी की टिप्पणी ने उजागर की इस्तीफे की राजनीति'
लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने भी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी जिसमें मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे पर "स्वास्थ्य कारणों" को वजह बताया था. गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी से स्पष्ट है कि यह इस्तीफा पूरी तरह राजनीतिक था. प्रधानमंत्री की टिप्पणियों ने इस इस्तीफे की राजनीतिक प्रकृति को उजागर कर दिया है.
धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, जताया राष्ट्रपति और मोदी का आभार
धनखड़ ने सोमवार शाम को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा और कहा कि उन्होंने यह फैसला “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने” के लिए लिया है. जगदीप धनखड़ ने कहा कि, 'मैं महामहिम - भारत की माननीय राष्ट्रपति जी के प्रति उनके अटूट सहयोग और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद, अद्भुत कार्य संबंधों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता जाहिर की.
राजनीतिक हलचल और सियासी पारा चढ़ा
धनखड़ के इस्तीफे के बाद ही सियासी कयासबाज़ी शुरू हो गई थी, लेकिन कल्याण बनर्जी और गौरव गोगोई के इन बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है. क्या यह इस्तीफा वास्तव में महज़ स्वास्थ्य कारणों की वजह से था या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक चाल है, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन चुका है.