300 उड़ानें रद्द, हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे... पायलटों की भारी कमी बनी IndiGo संकट की वजह, DGCA ने लगाई कड़ी फटकार

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को पायलटों की भारी कमी और नए FDTL नियमों की गलत योजना के कारण गंभीर परिचालन संकट का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को करीब 300 फ्लाइट्स रद्द हुईं, जिससे हजारों यात्री देशभर के एयरपोर्ट्स पर फंस गए. DGCA ने इंडिगो को कड़ी फटकार लगाते हुए फरवरी 2026 तक हालात सामान्य करने का अल्टीमेटम दिया है. सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी को फंसे यात्रियों की तत्काल मदद के निर्देश दिए गए हैं.;

( Image Source:  X/@AdiFlips )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 5 Dec 2025 10:19 AM IST

IndiGo flight cancellation, DGCA action: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इस समय अपने इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकट से गुजर रही है. गुरुवार को करीब 300 फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री देशभर के एयरपोर्ट्स पर फंसे रह गए. हालात इतने बिगड़ गए कि यात्रियों को यह तक नहीं बताया जा सका कि उनकी उड़ान कब रवाना होगी या होगी भी या नहीं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशन में रुकावट पर चर्चा के लिए राज्यसभा में रूल 180 के तहत नोटिस देकर चर्चा करने की मांग की है.

इस अव्यवस्था का असर सिर्फ इंडिगो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पुणे जैसे कई एयरपोर्ट्स पर अन्य एयरलाइंस के यात्रियों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी, क्योंकि इंडिगो के विमान पायलट न होने के कारण रनवे पर फंसे रहे. वहीं, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में यात्री घंटों से फंसे हुए हैं. यात्रियों का आरोप है कि लगातार देरी के बाद फ्लाइट रद्द कर दी गई, लेकिन न तो समय पर सामान लौटाया गया और न ही पानी-खाने की कोई व्यवस्था की गई. दूसरी एयरलाइनों ने किराया दोगुना-तीन गुना तक बढ़ा दिया है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

DGCA का बड़ा खुलासा, पायलटों की संख्या का गलत आकलन बना तबाही की वजह

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन प्रबंधन के साथ आपात बैठक की . इस बैठक के बाद DGCA ने इंडिगो ने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के तहत पायलटों की जरूरत का गंभीर रूप से गलत आकलन किया.

DGCA की आधिकारिक बयान में कहा गया है, “ये व्यवधान Phase-2 FDTL नियमों को लागू करने में हुई भारी चूक, गलत योजना और क्रू प्लानिंग में गंभीर खामियों के कारण उत्पन्न हुए हैं. वास्तविक पायलट आवश्यकता कंपनी के अनुमान से कहीं अधिक निकली.”

2-3 दिन और चलेंगी कैंसिलेशन, फरवरी 2026 तक पूरी तरह सामान्य होने का दावा

इंडिगो ने DGCA को बताया है कि अगले 2-3 दिनों तक फ्लाइट कैंसिलेशन जारी रहेंगी. वहीं, 8 दिसंबर (सोमवार) से फ्लाइट ऑपरेशन घटाया जाएगा, ताकि स्थिति को संभाला जा सके. एयरलाइन का दावा है कि 10 फरवरी 2026 तक इंडिगो की उड़ान सेवाएं पूरी तरह सामान्य और स्थिर हो जाएंगी. इसी के तहत इंडिगो ने DGCA से Airbus A320 विमानों के लिए कुछ FDTL नियमों में अस्थायी छूट भी मांगी है. इस पर फैसला शुक्रवार तक हो सकता है.

कोहरे से पहले संकट पर काबू जरूरी

DGCA के लिए ये संकट इसलिए भी बेहद गंभीर है क्योंकि दिसंबर के मध्य से उत्तर भारत में कोहरे का मौसम शुरू हो जाता है, जो फ्लाइट सेवाओं को और ज्यादा प्रभावित करता है. ऐसे में अगर अभी हालात सामान्य नहीं हुए तो संकट और गहराने की आशंका है.

फ्लाइट्स बढ़ाईं, पायलट नहीं बढ़ाए – सबसे बड़ी गलती

1 नवंबर से Phase-2 FDTL नियम लागू होने के बावजूद इंडिगो ने गलती से घरेलू उड़ानों की संख्या 6% बढ़ा दी. समर शेड्यूल के लिए 14,158 फ्लाइट्स, जबकि विंटर शेड्यूल: 15,014 फ्लाइट्स निर्धारित की गई, लेकिन इसके मुकाबले पायलटों की संख्या नहीं बढ़ाई गई, जिससे आज फ्लाइट और क्रू के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया.

यात्रियों का फूट पड़ा गुस्सा, एयरपोर्ट पर विरोध प्रदर्शन

दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाले एक यात्री ने बेहद नाराजगी में कहा, “इंडिगो ने सारी हदें पार कर दी हैं. पहले कहते हैं फ्लाइट ऑन टाइम है, चेक-इन करा लेते हैं, बोर्ड पर टाइम भी दिखाते हैं और जैसे ही समय आता है, फ्लाइट का नंबर ही गायब हो जाता है. ये अनैतिक व्यवहार है.” कई एयरपोर्ट्स पर यात्री गेट पर प्रदर्शन करने लगे, और दूसरी एयरलाइंस भी यात्रियों को बोर्ड नहीं करा सकीं.

ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर सिर्फ 19.7% पर

बुधवार को इंडिगो की On-Time Performance (OTP) गिरकर केवल 19.7% रह गई, जो एक राष्ट्रीय एयरलाइन के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति मानी जा रही है.

यात्रियों के लिए ना खाना, ना सही जानकारी

DGCA की टीम जब दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 पहुंची, तो पाया गया कि वहां यात्री सहायता स्टाफ बेहद कम था. भीड़ संभालने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे. खाने-पीने की दुकानों पर स्टॉक खत्म हो गया था. एक छोटे एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि फंसे यात्रियों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि सभी स्टॉल खाली हो गए.

केंद्रीय मंत्री का हस्तक्षेप, एयरपोर्ट्स को अलर्ट

नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “मैंने DGCA और मंत्रालय के अधिकारियों को हालात पर करीबी नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इंडिगो को जल्द से जल्द ऑपरेशन सामान्य करने को कहा गया है. सभी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को फंसे यात्रियों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए गए हैं.” DGCA को हवाई किराए पर भी कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है.

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इंडिगो का यह संकट केवल एक एयरलाइन की चूक नहीं, बल्कि पूरे भारतीय एविएशन सिस्टम के लिए चेतावनी बन गया है. पायलट प्लानिंग की गलती, बढ़ता ऑपरेशन, और नियमों की अनदेखी ने हजारों यात्रियों को सड़कों पर ला खड़ा किया है. अब निगाहें DGCA के फैसले और इंडिगो के सुधारात्मक कदमों पर टिकी हैं.

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