पाकिस्तान की घबराहट, भारत ने टॉप डिप्लोमैट को किया तलब; ख्वाजा आसिफ बोले- 'पड़ोसी देश हमपर नहीं करे सर्जिकल स्ट्राइक'

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर बड़ा कूटनीतिक प्रहार किया है. पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है, जबकि सिंधु जल संधि और वीज़ा छूट योजनाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत हमपर सर्जिकल स्ट्राइक नहीं करेगा.;

Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 24 April 2025 8:18 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक कूटनीतिक कदम उठाया है. दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी साद अहमद वराइच को तलब कर भारत ने अपने सैन्य राजनयिकों के लिए औपचारिक 'पर्सोना नॉन ग्रेटा' (अवांछनीय व्यक्ति) नोट सौंप दिया. इसका मतलब है कि पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना से जुड़े सलाहकार अब भारत में नहीं रह सकते. उन्हें सात दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

भारत ने केवल राजनयिक निष्कासन तक ही सीमित नहीं रहा. इस कदम के साथ ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भी अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है. दोनों देशों के उच्चायोगों में अब रक्षा से जुड़े पद रद्द माने जाएंगे और पांच सहायक कर्मचारियों को भी देश से बाहर निकलने के निर्देश दिए गए हैं. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद सामने आया, जो करीब दो घंटे तक चली.

डर गई पाकिस्तान सरकार

भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने आपातकालीन राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई. साथ ही पाकिस्तानी रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ की प्रतिक्रियाएं भी इसी घबराहट की ओर इशारा करती हैं. हम न्यूज से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक जैसे "गैर-जिम्मेदाराना" कदम नहीं उठाएगा. साथ ही चेतावनी दी कि अगर भारत की ओर से दबाव या हमला हुआ, तो पाकिस्तान जवाब देगा. हालांकि, उनके बयानों में आत्मविश्वास कम और अनिश्चितता ज़्यादा झलक रही थी.

सीमा, संधि और आवाजाही पर रोक

भारत ने अटारी बॉर्डर पर एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है. सीमित समय सीमा तक केवल उन्हीं लोगों को लौटने की इजाज़त दी गई है जो वैध दस्तावेजों के साथ पहले से भारत में मौजूद हैं. इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को भी 'तत्काल प्रभाव से' निलंबित कर दिया है, यह संकेत देते हुए कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ईमानदारी से कदम नहीं उठाता, तब तक द्विपक्षीय संधियों का लाभ नहीं मिलेगा.

नागरिक सुविधाओं पर प्रहार

सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को मिलने वाली सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) को भी रद्द कर दिया है. पहले से जारी किए गए वीज़ा अब मान्य नहीं माने जाएंगे और भारत में रह रहे SVES वीजा धारकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके अलावा, 1 मई, 2025 तक भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में मौजूद स्टाफ की संख्या भी घटाकर 30 कर दी जाएगी, जो अब तक 55 थी.

‘हिट बैक’ की रणनीति

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि CCS ने समग्र सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की है. सभी सुरक्षा बलों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. साथ ही स्पष्ट किया गया है कि भारत न सिर्फ हमले के दोषियों को सज़ा दिलाएगा, बल्कि उनके समर्थन और प्रशिक्षण में शामिल तत्वों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब और जवाबदेह बनाएगा. अब यह लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं, कूटनीतिक गलियारों में भी लड़ी जाएगी.

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