बिगड़ने लगे रिश्ते, हिल गया भरोसा! हज़ार झूठ के बाद कनाडा से अपने उच्चायुक्त बुलाएगा भारत
India Replied To Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री लगातार अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए भारत विरोधी चाल चल रहा है. हद तो तब हो गई, जब कनाडा अब भारत की राजनीति में हस्तक्षेप करने लगा. इसे लेकर भारत ने सख्त कदम उठाया है और अपने कनाडा के सभी उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है.;
India Replied To Canada: कनाडा और भारत के रिश्तों में दरारें बढ़ती जा रही है. कनाडा लगातार खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड में लगातार भारत पर झूठ बोल रहा है. हद तो तब हो गई कनाडा ने भारत को डिप्लोमेटिक मैसेज दिया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक जांच से संबंधित मामले में 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' हैं. इसे लेकर भारत ने सख्त कदम उठाया है और अपने कनाडा के सभी उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा, 'भारत के प्रति प्रधानमंत्री ट्रूडो की शत्रुता लंबे समय से देखने को मिल रही है. 2018 में वोट बैंक के चक्कर में उनकी चाल ने उनकी भारत यात्रा पर उन्हें असहज कर दिया है. उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं.'
भारत की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप
मंत्रालय ने आगे कहा, 'दिसंबर 2020 में भारतीय आंतरिक राजनीति में उनके खुले हस्तक्षेप से पता चलता है कि वे इस संबंध में किस हद तक जाने को तैयार हैं. उनकी सरकार एक राजनीतिक दल पर निर्भर थी, जिसके नेता भारत के संबंध में खुले तौर पर अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं, जिससे मामला और बिगड़ गया.'
ट्रूडो पर भारत विरोधी दलों के समर्थन का आरोप
विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो की सरकार पर उन राजनीतिक दलों के समर्थन पर निर्भर रहने का आरोप लगाया, जो भारत में अलगाववाद का खुले तौर पर समर्थन करते हैं. कनाडा की ओर से यह आरोप ऐसे समय में आया है जब ट्रूडो की सरकार अपनी ही राजनीतिक व्यवस्था में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर घरेलू जांच का सामना कर रही है.
विदेश मंत्रालय ने कनाडा के साथ भारत के पुराने संबंधों को का भी हवाला दिया और कहा कि ट्रूडो ने पहले भी दोनों देशों के बीच अपनी करतूतों से तनाव उत्पन्न किया है. विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ट्रूडो का ताजा कदम उन आरोपों से ध्यान हटाने की कोशिश का हिस्सा है. बता दें कि खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड में कनाडा ने भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था, तभी से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है.