हैदराबाद: 7वीं क्लास की लड़की हुई थी लापता, माता-पिता ने ऑनलाइन दोस्त को खोजकर मार डाला
हैदराबाद पुलिस ने 2023 में एक 24 साल के व्यक्ति की हत्या के आरोप में एक नाबालिग लड़की के माता-पिता को अरेस्ट किया. माता-पिता को संदेह था कि उस व्यक्ति ने उनकी बेटी को नुकसान पहुंचाया है, जब वह हमले की कोशिश के बाद भाग गई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है.;
बोरबांडा पुलिस ने एक नाबालिग बच्ची के माता-पिता को शनिवार को अरेस्ट कर लिया है. उन पर 2023 में एक 24 साल के व्यक्ति की हत्या का आरोप है, जिस पर उन्हें शक था कि उसने उनकी बच्ची को नुकसान पहुंचाया है. हत्या करने के बाद दंपति ने शव को नागार्जुनसागर में फेंक दिया.
पुलिस ने जब मामले की जांच की तो उन्हें पता चला कि बच्ची ने पीड़ित ओ कुमार से सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती की थी. कुमार ने बच्ची से वादा किया था कि वह उसे फिल्मों में अभिनय करने का मौका दिलाएगा. पीड़ित ने बच्ची को इस बात का झांसा दे दिया. इसके बाद लड़की अपने परिवार के सदस्यों को बताए बिना कुमार से मिली. कुमार ने नाबालिग को यूसुफगुडा के एक कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की. लेकिन बच्ची कैसे तैसे वहां से भाग गई.
लड़की ने कहा वह अनाथ है
बाद में बालानगर पुलिस ने उसे अकेले सड़कों पर घूमते हुए देखा और उसे एक सरकारी घर में भेज दिया. 7 क्लास की नाबालिग लड़की ने कहा की वह अनाथ है. लड़की के गायब होने से उसके माता-पिता परेशान हो गए और उन्होंने उसके टैबलेट को चेक किया और कुमार के बारे में जानकारी निकाली. फिर माता-पिता ने कुमार को संपर्क किया और उनसे मिलने को कहा. मिलने के बाद पीड़ित ने कहा कि उसे नहीं पता की वो कहा चली गई, तो दंपति ने पीड़ित पर हमला किया, जिसके बाद कुमार ने दम तोड़ दिया और उसकी जान चली गई.
कहा फेका शव?
कुमार की हत्या करने के बाद नाबालिग के माता-पिता घबरा गए और उन्होंने पीड़ित के शव को एक कार में रखा और नागार्जुनसागर की बाईं नहर में फेंक दिया. यह मामला फिर से सामने आया जब पीड़ित के बहनोई ने पूर्व के ऑटो-रिक्शा को देखा. बोरबांडा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, '12 मार्च, 2023 को कुमार के परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन हमें हाल ही में सुराग मिला जब उनके बहनोई ने पाया कि उनका ऑटो - जिसमें कुछ विशेष फिटिंग थी - किसी और द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था. उस जानकारी का उपयोग करके, हमने उस व्यक्ति का पता लगाया जो वाहन का उपयोग कर रहा था. हमने पाया कि उसने मूल रजीस्टर्ड नंबर को बदलकर एक नकली नंबर लगा दिया था.'