ममता के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगे हुमायूं कबीर! कहीं बन न जाएं पश्चिम बंगाल के 'ओवैसी'; पार्टी बनाने का कर चुके हैं ऐलान

पश्चिम बंगाल की TMC सरकार मुर्शिदाबाद के विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निसकासित कर चुकी हैं. हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में एक नई मस्जिद का शिलान्यास करने की घोषणा की है, जिसे उन्होंने सीधे तौर पर बाबरी मस्जिद की तरह बताया. जिसके बाद अब कबीर ने कहा कि वे नई पार्टी बनाने की घोषणा करेंगे.;

( Image Source:  X/@TheSavvySapien )
Edited By :  विशाल पुंडीर
Updated On :

पश्चिम बंगाल में राजनीति में जबर्दस्त हलचल मची हुई है. मुर्शिदाबाद के विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में एक नई मस्जिद का शिलान्यास करने की घोषणा की है, जिसे उन्होंने सीधे तौर पर बाबरी मस्जिद की तरह बताया. इस बयान ने राज्य में धार्मिक-सांप्रदायिक समीकरणों को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है.

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बयान जारी होते ही सत्तारूढ़ TMC ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है. पार्टी का कहना है कि उनकी गतिविधियां सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती थीं, इसलिए उन्हें पार्टी से अलग किया जाना पड़ा.

हुमायूं ने ममता पर लगाए आरोप

मीडिया से बातचीत करते हुए हुमायूं कबीर ने कहा कि "2011 में राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद जब ममता बनर्जी सीएम बनीं, उस समय राज्य में 400 से ज्यादा आरएसएस की शाखाएं थी. आज यह संख्या 12,000 तक पहुंच गई है. इससे पता चलता है कि सीएम किसके लिए काम कर रही हैं. जगन्नाथ मंदिर बनाने के लिए राज्य के खजाने से पैसा किसने खर्च किया? फिर मस्जिद बनाने की इच्छा रखने पर मुझ पर इतना गुस्सा क्यों है?."

हुमायूं कबीर का बड़ा ऐलान

उन्होंने कहा है कि मैं पहले टीएमसी से इस्तीफा दूंगा और उसके बाद यदि जरूरत पड़ी तो 22 दिसंबर 2025 को वे एक नई पार्टी का ऐलान करूंगा. उनके इस बयान ने अब बंगाल की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है. इसको लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि अगर कबीर नया राजनीतिक मोर्चा कायम करते हैं तो वे निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल के ओवैसी बन सकते हैं, मतलब ऐसी सियासी ताकत जो विशेष समुदाय के वोट बैंक को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ती हो.

मुस्लिम वोट बैंक में खलबली मचा सकते हैं हुमायूं

दरअसल मुर्शिदाबाद जिले में मुस्लिम आबादी 70% से अधिक है, जिसके चलते राजनीतिक सर्वेक्षणों में यह माना जा रहा है कि कबीर की नई पार्टी मुस्लिम वोट बैंक में खलबली मचा सकती है. इस तरह, वे राज्य के लिए उस तरह की भूमिका निभा सकते हैं जैसी राष्ट्रीय स्तर पर ओवैसी निभा रहे हैं. इससे पश्चिम बंगाल के मुस्लिम वोट बैंक में दरार आने की आशंका है, जिससे विपक्ष को फायदा हो सकता है.

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