कैसे सफेद से नीली हो गई राहुल गांधी की टी- शर्ट? जानिए वजह

19 दिसंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी नीले रंग की टी- शर्ट पहने हुए नजर आए है जिसके बाद से चर्चा में बन गया है. संसद में बोलने के दौरान हो या भारत जोड़ो न्याय यात्रा हर समय राहुल गांधी सफेद टीशर्ट में ही दिखे, लेकिन आइए जानते हैं कि आखिर आज क्या हुआ कि राहुल गांधी ब्लू टीशर्ट पहने हुए क्यों नजर आए?;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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Rahul Gandhi Blue T Shirt: आज संसद के शीतकालीन सत्र का 20वां दिन और कल शुक्रवार को कार्यवाही के बाद यह सेशन खत्म हो जाएगा. अमित शाह के ‌आंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद सत्ता- पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नीले रंग की टी-शर्ट पहनकर पहुंचे जिसके बाद संसद परिसर के बाहर जमकर बवाल हुआ. राहुल गांधी से पत्रकारों ने सवाल भी पूछा कि हमेशा सफेद टी-शर्ट पहनने वाले राहुल गांधी आज नीली टी-शर्ट क्यों पहनकर आए हैं. तो आइए इस खबर में जानते हैं राहुल की टी-शर्ट सफेद से नीली कैसे हो गई?

नीले रंग की टी- शर्ट पहनने की वजह

वहीं इस खबर में अब राहुल गांधी की टी-शर्ट सबका ध्यान खींच रही है और कहा जा रहा कि हमेशा सफेद टी-शर्ट से पहनने वाले आज नीले रंग में कैसे आ गए तो आइए जानते हैं कि जवाब में उन्होंने क्या कहा? माना जा रहा है कि बहुजन आंदोलन से जुड़े संगठनों के लोग नीले रंग का इस्तेमाल अपने झंडे और अन्य सामग्री में करते रहे हैं. नीले रंग को बहुजन आंदोलन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है. 

नीले रंग की टी- शर्ट पहनकर राहुल गांधी और विपक्ष ने संसद परिसर में बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के पास मकर द्वार तक मार्च निकाला. इस दौरान वह राज्यसभा में बाबा साबह आंबेडकर पर की गई टिप्पाणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने के लिए मांग रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता नीले रंग के कपड़ों में नजर आए. विपक्ष ने "जय भीम, जय भीम" और "अमित शाह माफी मांगो" जैसे नारों के माध्यम से दलित समुदाय के प्रति समर्थन व्यक्त किया.

नीले रंग में और कौन- कौन?

इस विरोध प्रदर्शन में सपा सांसद रामगोपाल यादव ने नीली जैकेट पहनकर भाग लिया, जबकि उद्धव सेना के नेता संजय राउत नीली शर्ट में नजर आए. यह प्रदर्शन विपक्षी एकता को दिखाने और बहुजन विचारधारा के साथ खड़े होने का प्रयास माना जा रहा है.नीले रंग के कपड़ों और जय भीम के नारों के साथ, यह प्रदर्शन संसद के भीतर और बाहर चर्चा का केंद्र बन गया है. विपक्ष का यह कदम बहुजन समुदाय को समर्थन और सत्ताधारी दल पर दबाव बनाने का प्रतीक माना जा रहा है.

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