गोवा टूर बना जिंदगी का आखिरी सफर! पति ने पत्नी को बचाया- सालियों को बचाने में हुई मौत- चश्मदीदों ने बयां किया हादसे का भयावह मंजर
गोवा के नॉर्थ गोवा के अरपोरा स्थित Birch by Romeo Lane नाइट क्लब में शनिवार रात लगी भीषण आग ने खुशियों से भरे एक पारिवारिक सफर को त्रासदी में बदल दिया. दिल्ली से छुट्टियां मनाने आई भावना जोशी के पति विनोद कुमार ने पहले अपनी पत्नी को बाहर निकालकर उसकी जान बचाई, फिर अपनी तीन सालियों को बचाने के लिए दोबारा आग में लौट गए, लेकिन वहीं सभी की मौत हो गई. इस हादसे में अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें अधिकांश क्लब कर्मचारी शामिल हैं.;
Goa Fire Tragedy Emotional Stories: गोवा के अरपोरा स्थित Birch by Romeo Lane नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने एक खुशहाल पारिवारिक यात्रा को पल भर में मातम में बदल दिया. दिल्ली से गोवा घूमने आए एक परिवार के पांच में से चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि एक महिला चमत्कारिक रूप से बच गई- लेकिन अब वह अपने पति और तीन बहनों को हमेशा के लिए खो चुकी है.
छुट्टियों का सफर बना ज़िंदगी का सबसे डरावना मंजर
दिल्ली की रहने वाली भावना जोशी अपने पति विनोद कुमार और तीन बहनों, अनीता, सरोज और कमला के साथ 4 दिसंबर को गोवा छुट्टियां मनाने आई थीं. शनिवार की रात सभी लोग अरपोरा के मशहूर नाइट क्लब Birch by Romeo Lane पहुंचे. माहौल खुशनुमा था, डांस फ्लोर पर सैकड़ों लोग मौजूद थे, म्यूज़िक बज रहा था और लोग जश्न में डूबे थे, लेकिन कुछ ही मिनटों में वहां भयानक आग भड़क उठी.
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तेज धुआं फैलने लगा, लोग बदहवास भागने लगे. इसी दौरान विनोद ने पत्नी भावना को मुख्य दरवाजे से धक्का देकर बाहर निकाल दिया. भावना किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल आई, लेकिन जब उसने पीछे देखा तो उसका पति लौट चुका था, अपनी सालियों को बचाने के लिए....
पत्नी बची, पति और तीन बहनें जलकर मर गईं
विनोद भीतर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कुछ ही पलों में आग ने पूरे क्लब को अपनी चपेट में ले लिया। विनोद और भावना की तीनों बहनें जिंदा जल गईं. बाहर खड़ी भावना लगातार पति को फोन करती रही. कॉल जाती रही, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. बाद में जब विनोद का शव बाहर निकाला गया, तब भी भावना का फोन उसके हाथ में था.
घर पर इंतज़ार कर रहे मासूम बच्चे
परिजनों ने बताया कि घर पर बच्चों को अभी पूरी सच्चाई नहीं बताई गई है. सिर्फ इतना बताया गया है कि दो लोगों की मौत हुई है, दो लापता हैं. परिवार चाहता है कि शवों को जल्द दिल्ली लाया जाए. एक रिश्तेदार ने शव की हालत बताते हुए कहा, “उनका शरीर पूरी तरह झुलस चुका है, पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है.”
कमला के दो बच्चे अनाथ, विनोद के भी पीछे छूटे दो मासूम
मृतकों में कमला अपने पति नवीन और दो बच्चों को छोड़ गईं, जबकि विनोद कुमार अपने पीछे पत्नी भावना और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. अनीता और सरोज की भी मौके पर ही मौत हो गई.
25 लोगों की मौत, जिनमें 20 क्लब कर्मचारी शामिल
इस भीषण हादसे में अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें 20 लोग नाइट क्लब के कर्मचारी थे. कई शव इतने बुरी तरह झुलस चुके हैं कि अभी तक उनकी पहचान तक मुश्किल हो रही है.
चार मैनेजर गिरफ्तार, 6 दिन की पुलिस कस्टडी
इस मामले में गोवा के अंजुना पुलिस स्टेशन ने चार वरिष्ठ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें राजीव मोदक (चीफ जनरल मैनेजर), प्रियांशु ठाकुर (गेट मैनेजर), राजवीर सिंघानिया (बार मैनेजर) और विवेक सिंह (जनरल मैनेजर) शामिल हैं. चारों को कोर्ट में पेश कर 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इन पर लापरवाही, सुरक्षा इंतज़ामों में गंभीर चूक और अवैध ढांचे से जुड़े आरोपों की जांच हो रही है. वहीं, नाइटक्लब के केयर टेकर को भी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है.
चश्मदीदों की आंखों देखा हाल
हैदराबाद की फातिमा शेख ने हादसे का भयावह मंजर याद करते हुए कहा, “पूरा क्लब भरा हुआ था, डांस फ्लोर पर 100 से ज्यादा लोग थे. अचानक धुआं भरने लगा और आग दिखी. लोग चीखने लगे. हम किसी तरह बाहर भागे. किचन की ओर भागे कई लोग वहीं फंस गए.”
ठंडी आतिशबाजी बनी आग की वजह?
दिल्ली की रिया ने बताया कि क्लब की पहली मंजिल पर कोल्ड पायरो (ठंडी आतिशबाजी) चल रही थी. संभव है उसी से आग भड़की हो. हमें अपना सामान वहीं छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा.
अव्यवस्था और संकरे रास्ते बने मौत की वजह
अमीन मनोचा ने कहा, “यह सीधी तौर पर कुप्रबंधन का नतीजा है. संकरे रास्ते, अस्पष्ट निकासी द्वार और अस्थायी ढांचे ने लोगों की जान ले ली.”
झारखंड और असम से रोज़गार के लिए आए मजदूर भी चपेट में
झारखंड के फतेहपुर गांव के दो सगे भाई, प्रदीप महतो (24) और विनोद महतो (22) के साथ मोहित मंडा (22) की भी मौत हो गई, जो क्लब के किचन में काम करते थे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया.
अस्थायी ढांचा बना मौत का फंदा
चश्मदीदों के मुताबिक, पूरा क्लब ताड़ की पत्तियों और फूस से बना अस्थायी ढांचा था. आग लगते ही पूरा क्लब चिंगारी की तरह फैल गया. निकास द्वार कम और संकरे थे. बेसमेंट में फंसे कर्मचारियों को निकलने का मौका नहीं मिला.