'गंगा का पानी गंदा, मैं कभी ये पानी नहीं छुउंगा'; कुंभ में स्नान करने पर राज ठाकरे का विवादित बयान, VIDEO
MNS Chief Raj Thackeray: 144 साल बाद संपन्न हुए महाकुंभ के बाद भी सियासी बयानबाजी जारी है. इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, 'लोगों को अंधविश्वास से मुक्त होना चाहिए. मैं गंगा के उस गंदे पानी को नहीं छूऊंगा, जहां करोड़ों लोग पहले ही स्नान कर चुके हैं;
MNS Chief Raj Thackeray: 144 साल बाद संपन्न हुए महाकुंभ के बाद भी सियासी बयानबाजी जारी है. इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, 'लोगों को अंधविश्वास से मुक्त होना चाहिए. मैं गंगा के उस गंदे पानी को नहीं छूऊंगा, जहां करोड़ों लोग पहले ही स्नान कर चुके हैं. उनके इस बयान के बाद धार्मिक आस्थाओं के अपमान का आरोप लगाते हुए कई लोगों ने विरोध जताया.
गंगा की स्वच्छता को लेकर पिछले 50 वर्षों से अभियान चल रहे हैं, लेकिन अब तक संतोषजनक परिणाम नहीं मिले. राजीव गांधी से लेकर नरेंद्र मोदी तक की सरकारों ने इस पर ध्यान दिया, यहां तक कि 2014 में गंगा के लिए विशेष मंत्रालय भी बनाया गया, मगर गंगा की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ. हाल ही में समाप्त हुए महाकुंभ के दौरान भी गंगा जल की शुद्धता पर विवाद उठा, जिससे यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया.
बताओ कौन पीएगा ये पानी?
राज ठाकरे महाकुंभ ले लाया गया गंगाजल का पानी पीने से मना कर दिया है और कहा कि सोशल मीडिया पर हम रोज देखते हैं कि लोग गंगा में नहाने समय खुद की साफ- सफाई करते हैं और यहां बाला नंदगांवकर मुझे वहां का पानी पीने के लिए दे रहे हैं अब बताओ, कौन पीएगा ये पानी?
महाकुंभ के बाद गंगा की शुद्धता और धार्मिक आस्था को लेकर जारी बहस के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, "बाला नंदगांवकर मेरे लिए थोड़ा गंगाजल लेकर आए थे, लेकिन मैंने मना कर दिया. मैंने कहा, चले जाओ, मैं गंगा स्नान नहीं करने जा रहा। कौन इस पानी को पीएगा? कोविड अभी-अभी गुजरा है, दो साल तक लोग मास्क पहनकर घूमते रहे और अब वे गंगा में डुबकी लगा रहे हैं.
ठाकरे ने आगे कहा कि उन्होंने वीडियो देखे हैं, जिसमें लोग एक-दूसरे के शरीर को रगड़ते हुए गंगा में स्नान कर रहे हैं. उन्होंने देश की नदियों की स्वच्छता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमारी सभी नदियां प्रदूषित हैं, लेकिन हम उन्हें 'मां' कहते हैं। जबकि विदेशों में नदियों को मां नहीं कहा जाता, फिर भी वे पूरी तरह से स्वच्छ रहती हैं.'
उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी के समय से गंगा सफाई की बात हो रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. उनका कहना था कि "लोगों को आस्था और अंधविश्वास से बाहर निकलकर तर्कसंगत सोच अपनानी चाहिए.' राज ठाकरे का यह बयान तब आया है, जब विपक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि महाकुंभ के दौरान गंगा का पानी स्नान योग्य नहीं था. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संगम का जल स्नान और आचमन (पवित्र जल पीने) के लिए उपयुक्त था.