'भगोड़ागिरी इनकी फितरत में, बचपन में स्कूल, जवानी में पत्नी और बुढ़ापे में...कन्हैया कुमार का तंज

21 जुलाई की रात 9 बजे उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. लेकिन इसके बाद उठे सवालों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. विपक्षी नेता इस्तीफे की ‘वास्तविक वजह’ पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकरीबन 15 घंटे बाद केवल एक ट्वीट कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. केंद्र सरकार के अन्य मंत्री अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसते हुए जगदीप धनखड़ पर सीधा हमला बोला है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 23 July 2025 12:38 AM IST

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. 21 जुलाई की रात 9 बजे उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. लेकिन इसके बाद उठे सवालों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. विपक्षी नेता इस्तीफे की ‘वास्तविक वजह’ पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकरीबन 15 घंटे बाद केवल एक ट्वीट कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. केंद्र सरकार के अन्य मंत्री अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसते हुए जगदीप धनखड़ पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने उनके इस्तीफे को 'भागने की पुरानी आदत" से जोड़ते हुए जमकर निशाना साधा'

'भगोड़ागिरी इनकी पुरानी आदत है'

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'भगोड़ागिरी इनकी पुरानी आदत है, बचपन में स्कूल छोड़ के भाग गए, जवानी में पत्नी छोड़ के भाग गए, बुढ़ापे में देश छोड़ के भाग जाते हैं. ये संस्कार इन्होंने अपनी ‘संस्था’ से सीखी है, जो आज़ादी का आंदोलन छोड़ के भाग गए थे. हालांकि कन्हैया ने यह भी माना कि धनखड़ देश छोड़कर नहीं भागे हैं, बल्कि उन्होंने केवल पद का त्याग किया है.

संघ से नहीं है धनखड़ का संबंध

दिलचस्प बात यह है कि जगदीप धनखड़ संघ की पृष्ठभूमि से नहीं आते, बावजूद इसके कन्हैया कुमार ने “संस्था” शब्द का प्रयोग कर उन्हें विचारधारा से जोड़ने की कोशिश की। इससे साफ है कि विपक्ष अब इस इस्तीफे को राजनीतिक मोड़ देने की तैयारी में है.

'राजस्थान के लिए बड़ा झटका'

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'धनखड़ जी के इस्तीफे से राजस्थान को बड़ा झटका लगा है. वे किसानों की बात संसद के अंदर और बाहर लगातार उठाते रहे. जब किसान आंदोलन हुआ था, तब भी उन्होंने मजबूती से उनकी आवाज़ उठाई थी. हाल ही में उन्होंने कृषि मंत्री को भी खरी-खरी सुनाई थी. गहलोत ने धनखड़ के कामकाज की तारीफ करते हुए उनके अचानक हटने पर हैरानी भी जताई.

विपक्ष को क्यों लग रही है ‘असल वजह’ की बू?

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को लगता है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और गंभीर कारण हो सकता है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य कारण केवल बहाना है और अंदरखाने कोई बड़ा घटनाक्रम जरूर हुआ है. कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि सरकार के भीतर मतभेद या दबाव इसकी वजह हो सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 15 घंटे बाद (X) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि वे उपराष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं. इसके अलावा किसी मंत्री या वरिष्ठ भाजपा नेता की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जो विपक्ष की आशंकाओं को और हवा दे रही है.

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