PM मोदी को घर बुलाने पर पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने अब तोड़ी चुप्‍पी, राम मंदिर के फैसले पर कहा - यह किसी के दबाव या...

राम मंदिर फैसले को लेकर फिर से सुर्खियों में आए पूर्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रिटायरमेंट के 10 महीने बाद पीएम मोदी को घर बुलाने पर चुप्पी तोड़ी. इस मसले पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कानून और सबूतों के आधार पर था, किसी दबाव या प्रभाव में नहीं. साल 2014 में यूपी के सीएम भी मेरे आवास पर आए थे.;

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By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 26 Sept 2025 12:28 PM IST

अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के सालों बाद भी बहस थमी नहीं है. हाल ही में यह मामला तब और चर्चा में आया जब पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ पर आरोप लगे कि उन्होंने फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घर बुलाया. अब चंद्रचूड़ ने पहली बार फैसले की निष्पक्षता पर उठे सवालों का जवाब दिया.

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या विवाद पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. इस फैसले के बाद पूरे देश में इसे ऐतिहासिक करार दिया गया. हाल के दिनों में राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर यह चर्चा चली कि पूर्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने फैसले के बाद पीएम मोदी को अपने घर बुलाया था. इसको लेकर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए.

चंद्रचूड़ ने सफाई में क्या कहा?

एक निजी चैनल के कार्यक्रम में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अब पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी दबाव, राजनीति या प्रभाव में नहीं बल्कि सबूत और संवैधानिक सिद्धांतों के आधार पर हुआ था. उन्होंने कहा कि अदालत का दायित्व सिर्फ न्याय करना है और वही हुआ.

नियमों के दायरे में फैसला

पूर्व CJI ने दोहराया कि राम मंदिर पर दिया गया फैसला सिर्फ कानूनी दस्तावेजों, पुरातत्व साक्ष्यों और दलीलों के आधार पर दिया गया था. व्यक्तिगत संबंध या मुलाकातों का इससे कोई लेना-देना नहीं है.

चंद्रचूड़ का बयान अहम क्यों?

डीवाई चंद्रचूड़ का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर न्यायपालिका और सरकार के बीच कथित सांठगांठ का आरोप लगाता रहा है. ऐसे में उनकी सफाई न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को दोबारा रेखांकित करती है.उन्होंने कहा,"सीजेआई विपक्ष का नेता नहीं, सिस्टम का ही अंग है. मुझे कोई संकोच नहीं है कि मैं हिंदू हूं. संविधान किसी धर्म के विरोध की बात नहीं करता. जज किसी भी धर्म का हो, वह जब कोर्ट जाता है तो जस्टिस ही करता है. जहां तक पीएम मोदी को आमंत्रित करने के लिए आलोचना की बात है, तो सीजेआई विपक्ष के नेता नहीं हैं. वह भी सिस्टम के अंग हैं और यह एक शिष्टाचार है."

अखिलेश भी मेरे आवास पर आए थे

पूर्व सीजेआई ने आगे कहा, 'साल 2014 में मेरी माता जी का निधन हुआ था. तब मैं इलाहाबाद में था. उस समय अखिलेश यादव यूपी के सीएम थे, वह भी तब मेरे आवास आए थे. मुझसे मुलाकात कर शोक व्यक्त किया था. पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि मैं हिंदू हूं और मुझे मेरा धर्म किसी भी धर्म की प्रार्थना की इजाजत देता है.

उम्र का टैलेंट से कोई लेना देना नहीं

पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कॉलेजियम और न्यायिक व्यवस्था में भाई भतीजावाद के प्रश्न पर कहा कि लेवल पर जाने की बजाय काम की क्वालिटी पर जाना चाहिए. जहां तक मेरी बात है 45 साल की उम्र में हाईकोर्ट का जज बना. 16 साल हाईकोर्ट में रहा और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चार साल तक केस देखे. चंद्रचूड़ ने कहा कि उम्र का टैलेंट से कोई संबंध नहीं होता. चंद्रचूड़ ने हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति के लिए 45 साल की उम्र के प्रावधान की भी चर्चा की.

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