Exclusive: बारूद के ढेर पर बैठा सुलगता बांग्‍लादेश और भारत की खामोशी, पड़ोसी का वजूद ही न खत्‍म कर दे ‘उम्माह’ में रहने की ‘जिद’

बांग्लादेश इस वक्त गंभीर राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा संकट के दौर से गुजर रहा है. पूर्व सीआरपीएफ आईजी के.के. शर्मा का कहना है कि हालातों के लिए भारत की खामोशी कमजोरी नहीं, बल्कि एक सोची-समझी कूटनीतिक रणनीति है, जिसका असर आने वाले महीनों में दिखेगा. शर्मा के मुताबिक बांग्लादेश ‘उम्माह’ में शामिल होने की ज़िद, आंतरिक अस्थिरता और चीन-पाकिस्तान-अमेरिका जैसे देशों के स्वार्थी हस्तक्षेप के चलते खुद को खोखला कर रहा है.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 20 Dec 2025 7:30 PM IST

भूल जाइए कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में राजनीतिक शरण लेने के कारण बांग्लादेश जल रहा है. आज जल रहे बांग्लादेश को जब तक अपनी बर्बादी की वजह पता चलेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. इस मामले में भारत की खामोशी को मजबूरी मत समझिए. अभी इस मसले पर खामोश भारत को देखकर जो चीन-पाकिस्तान या इस्लामिक देश हमसे खार खा रहे हैं. देखते रहिए चंद महीनों बाद इस मामले में भी कूटनीतिक फतेह आज के खामोश भारत की ही होगी.

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जहां तक सवाल पाकिस्तान चीन अमेरिका और इस वक्त बांग्लादेश के कार्यवाहक या अंतरिम राजनीतिक सलाहकार मोहम्म युनूस का है, तो युनूस और बांग्लादेश का हाल वही है जो 64वीं ईस्वी में रोम और वहां के सम्राट नीरो का था. नीरो जूलियो-क्लाउडियन राजवंश का पांचवां और सबसे क्रूर रोमन सम्राट-शासक था. जब रोम में भीषण आग लगी थी और रोम आज के ही बांग्लादेश की तरह धूं-धूं कर जल रहा था, तब यही बदनाम नीरो बांसुरी बजा रहा था. कमोबेश आज के बांग्लादेश और युनूस का भी हू-ब-हू वही आलम है.

भारत की भूमिका पर सवाल उठाने वालों को मिलेगा करारा जवाब

यह तमाम बेबाक बातें 20 दिसंबर 2025 को कृष्ण कांत शर्मा ने बेबाकी से बयान कीं. के के शर्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के रिटायर्ड महानिरीक्षक कोबरा कमांडो (KK Sharma, IG (R) CRPF Cobra Commando Battalion) हैं. के के शर्मा ने नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान से लंबी एक्सक्लूसिव बातचीत में जलते हुए बांग्लादेश के अंदरूनी हालातों पर बेबाक बातें की. उन्होंने कहा आज जो लोग बांग्लादेश के बदतर होते हालातों पर भारत की खामोश भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं. आने वाले कुछ महीनों में दुनिया देखेगी कि इसी आज के खामोश भारत ने अपनी गजब की विदेश-सामरिक और कूटनीति के चलते बांग्लादेश को बचा लिया है.

बांग्‍लादेश को कोई इस्लामिक देश भी महफूज नहीं रख पायेगा

एक सवाल के जवाब में सीआरपीएफ के पूर्व आईजी ने कहा, “दरअसल जो बेहाली पाकिस्तान की अमेरिका के कदमों में लेटने के चलते रहती है. वही हाल आज बांग्लादेश का हो चुका है. अगर आज के हालातों से निकलने के बाद भी बांग्लादेश नहीं सुधरा तब समझिए कि फिर बांग्लादेश को भारत क्या दुनिया का कोई इस्लामिक देश भी महफूज नहीं रख पायेगा. जो चीन और पाकिस्तान आज अपने अपने स्वार्थ के चलते बांग्लादेश को जलता हुआ देखकर खुश हो रहे हैं. और जो देश आज बांग्लादेश पर भारत की खामोशी पर सवाल उठा रहे हैं, वे ही पाकिस्तान-चीन व तुर्की जैसे तमाम मक्कार देश, इसी बांग्लादेश की बर्बादी तो अपनी आंखों से देखेंगे, मगर तब तक बांग्लादेश की इतनी सांसे भी बाकी नहीं बची होंगी जो, इसे (बांग्लादेश) में जान डालकर उसे बचा सकें.”

नहीं माना तो बांग्‍लादेश न घर का रहेगा ना घाट का

स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रिटार्यड महानिरीक्षक के के शर्मा बोले, “दरअसल बांग्लादेश की हालत वही होती जा रही है कि घोड़े को देखकर मेढकी भी अपने पांवों में नालें ठुकवा बैठी. घोड़ा ताकतवर था और पांवों में नालों के ठोके जाने का दर्द झेल गया. मगर मेढकी के तो पांव ही फट गए. आज नहीं तो कल अगर बांग्लादेश ने खुद को उम्माह में शामिल करने की बेतुकी जिद नहीं छोड़ी तो कोई बड़ी बात नहीं है कि बांग्लादेश न घर का रहे न घाट का.

बांग्लादेश जमीन से खोखला हो चुका है

जो हाल रूस आज बीते चार साल से यूक्रेन का कर रहा है, रूस को तो नाटो और अमेरिका की मदद मिल रही है, तो वह झेल रहा है. बांग्लादेश की तो इतनी भी कुव्वत नहीं है कि वह यूक्रेन की तरह झपट झेल जाए. क्योंकि बांग्लादेश को पाकिस्तान, अमेरिका और चीन सिर्फ अपने-अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस दिन इन तीनों देशों की तिकड़ी को लगेगा कि बांग्लादेश जमीन से खोखला हो चुका है. उसी दिन बांग्लादेश के ऊपर चीन अमेरिका पाकिस्तान थूकेंगे भी नहीं. तब बांग्लादेश को अहसास होगा कि, गैरों को उकसाने के फेर में फंसकर उसने उम्माह में शामिल होने की जिद अगर छोड़ दी होती तो उसका भी दुनिया की जमीन पर वजूद बचा रहता.”

भारत ही बचाएगा बांग्‍लादेश को

बांग्लादेश तभी से जल रहा है जबसे वहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री और अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना को भारत ने अपने यहां राजनीतिक शरण दी है. 5 अगस्त 2024 को घटे उस एतिहासिक मगर बेहद शर्मनाक राजनीतिक घटनाक्रम के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं का कत्ल-ए-आम शुरू हो गया. इसके लिए तमाम इस्लामिक देश भारत को जिम्मेदार बता रहे हैं. सवाल के जवाब में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पूर्व आईजी, जम्मू कश्मीर और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कई यादगार ऑपरेशंस में प्रमुख भूमिका निभा चुके के के शर्मा ने कहा, “नहीं, यह सब बातें गलत हैं. जो लोग या देश यह कह रहे हैं कि भारत ने शेख हसीना को जबसे अपने यहां राजनीतिक शरण दी है तभी से बांग्लादेश जल रहा है. वहां हिंदुओं का कत्ल-ए-आम शुरू हो गया है. यह सरासर बकवास है. जिसे चीन पाकिस्तान और अमेरिका भारत के खिलाफ फैलवा रहे हैं. मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि आज बांग्लादेश के बदतर हुए हालातों में जो भारत खामोश है, आइंदा देखते रहिए वही भारत बांग्लादेश को सुरक्षित भी करेगा. क्योंकि चीन अमेरिका और पाकिस्तान की तरह भारत मतलबपरस्त स्वार्थी नहीं है.

खुद को बर्बाद करने की जिद पाले बांग्‍लादेश के मामले में भारत क्‍यों टांग अड़ाए?

जहां तक सवाल बांग्लादेश में गहराए मौजूदा राजनीतिक, सामाजिक कानून और व्यवस्था के संकट की बात है, तो इसके लिए कोई गैर नहीं बांग्लादेश खुद, पाकिस्तान और चीन प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं. दूसरे, बांग्लादेश को लग रहा है कि वह उम्माह का सदस्य देश बने रहते ही सुरक्षित रहेगा. इस बेईमान जिद में भी बांग्लादेश खुद को बर्बाद कर रहा है. इसमें भारत क्यों टांग अड़ाए. जब बांग्लादेश को खुद ही अपना भला बुरा नजर नहीं आ रहा है. तो फिर इसमें भारत क्या करेगा. भारत ने तो इंसानियत, मानवता, कूटनीतिक- विदेश नीति के रक्षार्थ एक सच्चा मजबूत पड़ोसी-दोस्त होने के नाते बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की जान बचाई हुई है अपने यहां राजनीतिक शरण देकर. भारत कैसे आज के जलते हुए बांग्लादेश की तबाही बर्बादी के लिए जिम्मेदार है. न ही इसके लिए शेख हसीना जिम्मेदार हैं.”

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