दुश्मन का दोस्त दुश्मन... 'ना-पाक वाली रडार में दोगला तुर्की'! जानें अब तक क्या-क्या हुआ

भारत ने तुर्की द्वारा पाकिस्तान को सैन्य सहायता और भारत विरोधी रुख अपनाने के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं. इनमें तुर्की के साथ व्यापारिक संबंधों की समीक्षा, रक्षा सहयोग में कटौती, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी घटाना, और तुर्की के विश्वविद्यालयों व संगठनों से समझौते रद्द करना शामिल हैं. इसके अलावा, भारत ने तुर्की के खिलाफ राजनयिक विरोध दर्ज कराया और तुर्की की कंपनियों के साथ साझेदारी को सीमित किया.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 May 2025 1:16 AM IST

Anti-Turkey protest in India: तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी और भारत के खिलाफ तुर्की की हालिया गतिविधियों ने भारत-तुर्की संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है. इस स्थिति को देखते हुए, भारत में तुर्की के खिलाफ विरोध और बहिष्कार की मांगें तेज हो गई हैं.

हाल ही में, तुर्की ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें हथियार और ड्रोन शामिल हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति की है और एक तुर्की युद्धपोत कराची बंदरगाह पर तैनात किया गया है. इसके अलावा, तुर्की के C-130E हरक्यूलिस विमान ने पाकिस्तान में हथियारों की आपूर्ति की है. इन घटनाओं ने भारत में नाराज़गी और विरोध को जन्म दिया है, जिससे तुर्की के खिलाफ बहिष्कार की मांगें उठ रही हैं।


भारत में तुर्की के खिलाफ विरोध में अब तक क्या-क्या हुआ?

  1. तुर्की की पाकिस्तान को सैन्य सहायता के विरोध में, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में तुर्की उत्पादों और सेवाओं के बहिष्कार की मांगें उठ रही हैं. उदयपुर और पुणे जैसे शहरों में व्यापारियों ने तुर्की से आयातित उत्पादों, जैसे कि संगमरमर और सेब, के बहिष्कार की अपील की है. व

  2. शिवसेना ने मुंबई हवाई अड्डे पर तुर्की की कंपनी की भागीदारी का विरोध किया है और तुर्की कंपनियों को महाराष्ट्र में व्यापार करने से रोकने की मांग की है. वहीं, पुणे के मसाला और सूखे मेवे एसोसिएशन ने तुर्की से खुबानी और हेज़लनट्स के आयात का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
  3. तुर्की की पाकिस्तान के प्रति समर्थन और भारत के खिलाफ गतिविधियों के चलते, भारत-तुर्की व्यापार संबंधों पर भी असर पड़ा है. भारत ने पहले ही एक तुर्की शिपबिल्डिंग कंपनी के साथ 2 बिलियन डॉलर का नौसेना अनुबंध रद्द कर दिया है.
  4. भारतीय पर्यटकों ने तुर्की की यात्रा से परहेज करना शुरू कर दिया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र पर भी प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में लोगों ने तुर्की जाने का टिकट कैंसिल करा दिया है. पिछले 6 सालों में तुर्की जाने वाले भारतीयों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है.
  5. ट्रैवल कंपनियों ने एडवाइजरी कर कहा है कि तुर्की की यात्रा करने से बचें. जब बहुत जरूरी हों, तभी जाएं, क्यों इसने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन किया है.
  6. तुर्की द्वारा संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद भारत ने तुर्की को राजनयिक स्तर पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई.
  7. भारत ने तुर्की के साथ व्यापारिक संबंधों की समीक्षा की और कुछ रक्षा सौदों को होल्ड या धीमा किया. 2019-20 में भारत ने तुर्की के लिए निर्माणाधीन कुछ प्रोजेक्ट्स की गति भी धीमी कर दी.
  8. भारत ने तुर्की को रक्षा-संबंधी तकनीक और उपकरण की आपूर्ति सीमित कर दी. साथ ही तुर्की की रक्षा कंपनियों के साथ साझेदारी को भी सीमित किया गया.
  9. तुर्की द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के विरोध में भारत ने कई सांस्कृतिक और गैर-सरकारी मंचों पर तुर्की की भागीदारी को सीमित किया.
  10. हाल ही में जेएनयू (JNU) ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की की एक यूनिवर्सिटी से किया गया समझौता निलंबित कर दिया.

तुर्की की पाकिस्तान के साथ बढ़ती सैन्य साझेदारी और भारत के खिलाफ गतिविधियों ने भारत-तुर्की संबंधों में तनाव पैदा किया है. भारत में तुर्की के खिलाफ विरोध और बहिष्कार की मांगें बढ़ रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर असर पड़ रहा है. दो साल पहले तुर्की में आए भूकंप के समय 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भारत ने मानवीय सहायता भेजकर बड़ा दिल दिखाया था लेकिन उसके बदले में तुर्की ने भारत की पीठ पर खंजर घोंप दिया है. ऐसे में लोगों में तुर्की को लेकर काफी आक्रोश है. 

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