सतारा, शिंदे और सुकून... मुश्किल में फंसते ही गांव की ओर क्यों चले जाते हैं एकनाथ?
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव चले गए हैं. इससे महाराष्ट्र में सरकार गठन में दो दिन की और देरी हो सकती है. आइए जानते हैं कि शिंदे कब-कब और क्यों अपने गांव जाते हैं...;
Eknath Shinde In Satara Dare Village: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होने के बावजूद अभी तक महायुति यह तय नहीं कर पाई है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे सौंपी जाए. कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे के अपने गांव सतारा जाने से सरकार गठन में और देरी हो सकती है. शिंदे ने दिल्ली में कहा था कि महायुति की सरकार गठन को लेकर मुंबई में शुक्रवार को बैठक होगी, लेकिन अब यह बैठक रद्द कर दी गई है.
कहा जाता है कि जब-जब शिंदे जब -जब परेशान होते हैं या उनके सामने दुविधा की स्थिति बनती है, वे जवाली तालुका के दारे गांव (Dare Village) में चले आते हैं. यहां आकर उन्हें शांति और सुकून मिलता है. उनका यह गांव महाबलेश्वर तहसील में पड़ता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे अब तक छह या सात बार गांव आ चुके हैं.
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एकनाथ शिंदे को गांव में आकर बेहद शांति मिलती हैं. वे यहां आकर लोगों से मिलते हैं. कहा जाता है कि इस बार वे शांति की तलाश में गांव आए हैं.
क्या नाखुश हैं शिंदे?
शिवसेना के एक नेता ने कहा है कि हमारे नेता नाखुश हैं. हम भी खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि शिंदे ने अपने कार्यकाल में कुछ भी गलत नहीं किया है. वे महायुति के सीएम पद के असली उम्मीदवार हैं.
पिछले साल जून को सतारा पहुंचे थे शिंदे
इससे पहले, पिछले साल जून में शिंदे अचानक अपने गांव पहुंच गए थे. उस समय कहा गया कि देवेंद्र फडणवीस के साथ उपजे तनाव की वजह से वे गांव पहुंचे हैं. उस समय तनाव इतना बढ़ गया था कि शिंदे के बेटे ने कल्याण लोकसभा सीट छोड़ने तक की बात कह दी थी. उस समय उन्होंने गांव में पहुंचकर युवकों के पलायन को रोकने को लेकर चर्चा की. साथ ही, वन औषधि और बांस की खेती को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की.
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सीएम बनने के बाद कब गांव पहुंचे थे शिंदे?
सीएम बनने के बाद शिंदे सबसे पहले 11 अगस्त 2022 में अपने गांव पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद मैं पहली बार पैतृक गांव आया हूं. गांव वालों के स्नेह से मैं अभिभूत हूं. बता दें कि उस समय शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हुआ था.
25 अप्रैल 2023 को भी पहुंचे थे गांव
शिंदे जून से पहले, अप्रैल में भी अपने गांव पहुंचे थे. यहां आकर उन्होंने खेती का जायजा लिया. उस समय भी काफी चर्चा हुई थी कि शिंदे अचानक क्यों गांव चले गए हैं. वे यहां तीन दिन तक रुके थे.
'मैं सीएम नहीं, कॉमन मैन हूं'
इससे पहले, एकनाथ शिंदे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं सीएम नहीं, कॉमन मैन हूं. मैंने जनता के लिए काम किया है. सरकार गठन में मेरी ओर से कोई अड़चन नहीं आएगी. बीजेपी जो भी फैसला लेगी, मुझे मंजूर हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद भी दिया.
कैसे रहे महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (एससीपी) को 10 सीटें मिलीं.