'हाईवे न रोकें, जनता को न हो परेशानी', किसान आंदोलनकारियों को SC ने क्या कुछ बोला?

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों को नसीहत में कहा कि उनके इस प्रदर्शन से आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 2 Dec 2024 3:33 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को नसीहत दी है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डड्डेवाल से कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों को समझाएं कि वे राजमार्गों को बाधित न करें और आम जनता की सुविधाओं का ख्याल रखें. कोर्ट की यह टिप्पणी उस समय आई जब डड्डेवाल को पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिया था.

हालांकि, कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी गई कि पुलिस ने डड्डेवाल को कथित हिरासत से रिहा कर दिया है. इसके बाद डड्डेवाल फिर से विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि किसानों को शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें इसे इस तरह से करना चाहिए कि आम लोगों को कोई परेशानी न हो और यातायात या सार्वजनिक सुविधाएं बाधित न हों.

मीडिया से बात करते हुए डड्डेवाल ने अपने अस्पताल में भर्ती होने को हिरासत का एक रुप बताया. उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपने फोन तक पहुंच और मीडियाकर्मियों से संपर्क करने से वंचित रखा गया था. उन्होंने कहा, "अगर मुझे चेक-अप के लिए भर्ती कराया गया होता, तो मीडियाकर्मी मुझसे मिल सकते थे. लेकिन मैं अनिवार्य रूप से पुलिस हिरासत में था. मेरे रहने के दौरान कोई मेडिकल जांच नहीं की गई." अपनी रिहाई के बाद दल्लेवाल का स्वागत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के वरिष्ठ नेता सरवन सिंह पंधेर ने किया , जिन्होंने किसानों के आंदोलन को निरंतर समर्थन देने का वादा किया.

बेंच ने कहा, एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में आपको शांतिपूर्ण प्रदर्शन का पूरा अधिकार है लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जनता को इससे असुविधा न हो. आप सभी लोग जानते हैं कि खनौरी बॉर्डर पंजाब के लिए लाइफलाइन की तरह होते है. हम यह नहीं कह रहे हैं कि प्रदर्शन सही है या गलत, लेकिन जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि डल्लेवान प्रदर्शनकारियों को यह समझा सकते हैं कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन करें. यह ध्यान रहे कि आपके प्रदर्शन में किसी को परेशानी न हो.

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