सीजफायर पर ट्रंप का कोई रोल नहीं, पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले का No सिग्नल; विदेश सचिव ने क्या-क्या बताया

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसद की एक स्थायी समिति को स्पष्ट रूप से बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का निर्णय पूरी तरह द्विपक्षीय था और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 19 May 2025 7:56 PM IST

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसद की एक स्थायी समिति को स्पष्ट रूप से बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का निर्णय पूरी तरह द्विपक्षीय था और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. विदेश सचिव का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ विपक्षी सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार इस दावे पर सवाल उठाया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष विराम कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

एक सदस्य ने कहा, 'ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कम से कम सात बार दावा किया कि उन्होंने संघर्ष विराम में मदद की. भारत चुप क्यों रहा?” एक अन्य सदस्य ने पूछा कि भारत ने 'ट्रंप को बार-बार नैरेटिव पर कब्जा क्यों करने दिया, खासकर जब वो बार-बार कश्मीर का ज़िक्र कर रहे थे?' इस पर विदेश सचिव ने जवाब दिया, 'भारत-पाक संघर्षविराम पूरी तरह से द्विपक्षीय था, इसमें अमेरिका या किसी अन्य तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.

'पाकिस्तान ने नहीं दी परमाणु संकेतों की कोई चेतावनी'

इसके साथ ही विदेश सचिव ने यह भी साफ किया कि भारत-पाक तनाव पारंपरिक युद्ध की सीमाओं में ही रहा और पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह की परमाणु हथियारों की चेतावनी या 'न्यूक्लियर सिग्नलिंग' के कोई संकेत नहीं मिले. विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच 10 मई को यह सहमति बनी थी कि सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए.

'उन्होंने क्या इस्तेमाल किया, इससे फर्क नहीं पड़ता'

जब कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता जताई, तो मिस्री ने दो टूक कहा, 'उन्होंने क्या इस्तेमाल किया, इससे फर्क नहीं पड़ता. फर्क इससे पड़ता है कि हमने उनके एयरबेस को कितना नुकसान पहुंचाया.हालांकि, जब भारतीय वायुसेना द्वारा खोए गए विमानों की संख्या पर सवाल किया गया तो उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया.

जयशंकर के बयान पर भी दी सफाई

एक सदस्य द्वारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान को लेकर सवाल पूछे जाने पर मिस्री ने आग्रह किया कि उनके शब्दों की गलत व्याख्या न की जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन 'सिंदूर' के पहले चरण के बाद भारत ने पाकिस्तान को सूचित किया था कि केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया है- वो भी पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के भीतर.

कौन-कौन रहा मौजूद?

इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने की. बैठक में टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी व अरुण गोविल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे. यह बैठक ऑपरेशन 'सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में बुलाई गई थी.

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