'BJP के मंत्री महिला को भेजते हैं न्‍यूड तस्‍वीरें', कौन हैं जयकुमार गोरे जिनपर संजय राउत ने लगाया ये आरोप?

शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी के मंत्री जयकुमार गोरे पर एक महिला को अश्लील तस्वीरें भेजने का आरोप लगाया है. इस मामले पर संजय राउत ने कहा कि जय कुमार गोरे ने एक प्रमुख मराठा योद्धा हंबीरराव मोहिते के परिवार की एक महिला से छेड़छाड़ की.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 5 March 2025 6:19 PM IST

शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी के मंत्री जयकुमार गोरे पर एक महिला को अश्लील तस्वीरें भेजने का आरोप लगाया है. इस मामले पर संजय राउत ने कहा कि जय कुमार गोरे ने एक प्रमुख मराठा योद्धा हंबीरराव मोहिते के परिवार की एक महिला से छेड़छाड़ की. संजय राउत ने आगे कहा कि, पीडित महिला अलगे कुछ दिनों में विधानसभा धरने देगी. राउत ने कहा कि ऐसे मामलों को विधानसभा में उठाना होगा और मंत्री को भी बाहर का रास्ता दिखाना होगा.

संजय राउत के क्या है आरोप?

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने भाजपा मंत्री जयकुमार गोरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने मराठा योद्धा हंबीरराव मोहिते के परिवार की एक महिला के साथ छेड़छाड़ की है. इस आरोप पर मंत्री जयकुमार गोरे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. वहीं, राउत ने मांग की है कि ऐसे मंत्रियों को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए.

जयकुमार गोरे भाजपा के उन नेताओं में गिने जाते हैं जिन्हें देवेंद्र फडणवीस भविष्य की राजनीति के लिए तैयार कर रहे हैं. हालांकि, मंत्री गोरे पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं. मामला इस साल जनवरी में एक नया मोड़ तब ले चुका था जब पीड़िता ने राज्यपाल को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उसका नाम और पता कई व्हाट्सएप ग्रुपों में व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है.

कौन हैं बीजेपी मंत्री जयकुमार गोरे?

भाजपा मंत्री जयकुमार गोरे महाराष्ट्र के सतारा जिले के मान-खटाव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं और वर्तमान में ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग के मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। 2019 तक वह कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए. उन पर लगे आरोप 2016 के एक मामले से जुड़े हैं, जिसमें एक महिला को आपत्तिजनक तस्वीरें भेजने का आरोप लगाया गया था. शिकायत दर्ज होने के बाद, जयकुमार गोरे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सतारा जिला न्यायालय और मुंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था. हालांकि, उस समय अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 10 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था.

हालांकि, बाद में यह मामला सुलझ गया था, लेकिन इस साल जनवरी में पीड़िता ने राज्यपाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उसका नाम और पता कई व्हाट्सएप ग्रुपों पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयकुमार गोरे ने कहा, 'इस मामले में 2019 में फैसला आ चुका है. मेरे पास अदालत के फैसले की प्रति है, जिसमें मुझे बरी कर दिया गया था. कोर्ट ने जब्त किए गए सामान और मोबाइल फोन को नष्ट करने का आदेश दिया था.

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