सुधर नहीं रहा बांग्लादेश, एस जयशंकर को क्यों पड़ी यूनुस सरकार के कान ऐंठने की जरूरत?
बांग्लादेश में जब से नई सरकार बनी है तब से कट्टरपंथी ताकतें भारत विरोधी गतिविधियों में लगी हुई हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि उसे तय करना होगा कि वह भारत के साथ कैसे संबंध रखना चाहता है. साथ ही, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर भी भारत ने चिंता जताई है.;
बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार गई है, तब से कट्टरपंथी ताकतें भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय हो गई हैं. अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस भारत के साथ अच्छे संबंधों की बात तो करते हैं, लेकिन उनकी सरकार के कई सलाहकार लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार से मुलाकात की और इस मुद्दे पर कड़ा संदेश दिया.
एस. जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि बांग्लादेश को पहले यह तय करना होगा कि वह भारत के साथ किस तरह के संबंध रखना चाहता है. उन्होंने ढाका में भारतीय अधिकारियों से अपील की कि वे बांग्लादेश द्वारा फैलाई जा रही नकारात्मकता का उसी तरह जवाब न दें. जयशंकर का कहना था कि ढाका यह नहीं कह सकता कि वह भारत से अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन घरेलू समस्याओं के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराता रहे.
डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा
जयशंकर ने कहा कि अगर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हर दिन भारत पर आरोप लगाती है, तो यह स्वीकार्य नहीं होगा. उन्होंने बांग्लादेश की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक तरफ वह अच्छे संबंधों की बात करती है और दूसरी तरफ हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए भारत को दोषी ठहराती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत को इस रवैये को लेकर सख्त रुख अपनाना होगा.
हिंदुओं पर हो रहे हमले चिंता का विषय
भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक बड़ी समस्या वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय है. जयशंकर ने कहा कि यह मुद्दा भारतीय समाज को प्रभावित करता है और भारत इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की राजनीति भले ही आंतरिक मामला हो, लेकिन दोनों देशों के बीच पड़ोसी होने के नाते यह महत्वपूर्ण है कि वे आपसी संबंधों को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं.
भारत-बांग्लादेश का ऐतिहासिक रिश्ता
जयशंकर ने भारत-बांग्लादेश के ऐतिहासिक संबंधों पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते 1971 से जुड़े हुए हैं और यह संबंध बहुत खास हैं. भारत ने हमेशा बांग्लादेश की प्रगति और स्थिरता का समर्थन किया है. अब यह बांग्लादेश पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ दोस्ती बनाए रखना चाहता है या राजनीतिक कारणों से कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा देना चाहता है.