'अरुणाचल हमारा था, है और रहेगा'; Arunachal की बेटी को पासपोर्ट अवैध बताकर रोका, ड्रैगन को भारत ने दिखाई औकात

शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को पासपोर्ट ‘अमान्य’ बताकर रोके जाने पर भारत ने चीन को सख्त जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है… चीन चाहे जितना इनकार करे, इस सच्चाई को बदल नहीं सकता.” उन्होंने बताया कि भारत ने इस मुद्दे को चीन के सामने कड़े रूप में उठाया है. चीन अब तक यह नहीं बता पाया कि महिला को रोकने की क्या वजह थी, जबकि उसकी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के कई नियमों और चीन के अपने 24 घंटे वीज़ा-फ्री ट्रांजिट नियम का भी उल्लंघन है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 25 Nov 2025 11:26 PM IST

चीन के शंघाई पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को करीब 18 घंटे तक कथित तौर पर इसलिए रोककर रखा गया क्योंकि चीन के अधिकारियों ने उसके भारतीय पासपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया. केंद्र सरकार ने इस घटना पर कड़ा ऐतराज जताते हुए साफ कहा है कि “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, और चीन जितना चाहे इनकार कर ले. यह सच्चाई नहीं बदलने वाली.”

लंदन से जापान जा रहीं पेमा वांगजॉम थोंगडोक को चीन इमिग्रेशन और एयरलाइन स्टाफ ने तब रोक दिया जब उनके पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश लिखा देखा. चीन के अधिकारियों ने इसे 'चीनी क्षेत्र' बताकर पासपोर्ट को ‘अमान्य’ कहा. इसके बाद उनके तीन घंटे के लेओवर को 18 घंटे की यातना में बदल दिया गया.

18 घंटे कैद जैसी स्थिति, खाना-पीना तक नसीब नहीं

पेमा थोंगडोक, जो मूल रूप से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले की रूपा क्षेत्र की निवासी हैं और वर्तमान में ब्रिटेन में रहती हैं, ने X पर पूरा विवरण साझा करते हुए लिख कि “मुझे शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे से ज्यादा रोके रखा… उन्होंने कहा कि मेरा भारतीय पासपोर्ट अवैध है, क्योंकि मेरा जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश है.” उनके अनुसार उन्हें ट्रांजिट एरिया में ही रोके रखा गया, न ठीक खाना दिया गया, न जरूरी सुविधाएँ. पासपोर्ट छीन लिया गया और वैध वीज़ा होने के बावजूद जापान की कनेक्टिंग फ्लाइट पर भी नहीं जाने दिया गया.

भारत का चीन को दो-टूक जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बयान में कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है… चीन की ओर से कितना भी इनकार क्यों न किया जाए, यह अटल और निर्विवाद सच्चाई कभी नहीं बदल सकती.” उन्होंने कहा कि चीन की यह हरकत अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैवल से जुड़े कई नियमों का उल्लंघन है. “चीनी अधिकारी अब तक अपने इस व्यवहार की कोई स्पष्ट वजह नहीं बता पाए हैं… यह उनके अपने 24 घंटे वीज़ा-फ्री ट्रांज़िट नियमों के भी खिलाफ है.”

भारत ने बीजिंग और दिल्ली-दोनों जगह किया कड़ा विरोध

सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत ने बीजिंग स्थित दूतावास और दिल्ली में चीनी दूतावास दोनों में औपचारिक आपत्ति (demarche) दर्ज कराई. शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने स्थानीय स्तर पर मामले को उठाया और महिला को हर संभव सहायता दी.

चीन का बचाव- 'कोई हिरासत नहीं, कोई उत्पीड़न नहीं'

इस विवाद पर चीन के विदेश मंत्रालय ने आज सफाई देते हुए दावा किया कि महिला को न हिरासत में लिया गया और न उनसे कोई जबरदस्ती की गई. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अधिकारियों ने 'कानून और नियमों के अनुसार' ही कार्रवाई की. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घटना की निंदा करते हुए इसे 'अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन' बताया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस पर और कड़े कदम उठाने चाहिए.

दिल्ली AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पिछले 11 सालों में सरकार ने करीब 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दी है. भारत सरकार चीन से डरती हुई दिखाई देती है और जिन मुद्दों पर बात की जानी चाहिए, उन पर चीन से बातचीत नहीं कर रही है, जिससे देश को नुकसान हो रहा है.”

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