कौन थीं भोजपुरी की 'स्टेज क्वीन' बिजली रानी? अपने लोक संगीत और डांस से किया इंडस्ट्री में राज; 70 साल की उम्र में निधन

बिजली रानी ने कई भोजपुरी फिल्मों और लोक एल्बमों में अपनी आवाज दी. उनके गीतों ने न सिर्फ लोगों को नचाया, बल्कि भोजपुरी संगीत को एक नई ऊंचाई दी. उनके गानों में वो असली लोक रस था, जो दिल से निकलकर सीधे जनता के दिलों में उतर जाता था.;

( Image Source:  Instagram : ajaykrupadhyay07 )
Edited By :  रूपाली राय
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भोजपुरी लोक संगीत की दुनिया से एक ऐसी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई है, जिसने कभी अपने सुरों और थिरकन से लाखों दिलों पर राज किया था. मशहूर लोक सिंगर और डांसर बिजली रानी अब इस दुनिया में नहीं रही. शुक्रवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से किडनी फेलियर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी. 70 साल की उम्र में उन्होंने बिहार के रोहतास जिले के नटवर गांव स्थित अपने पैतृक घर में दम तोड़ा. बिजली रानी का जन्म सासाराम के नटवर गांव में हुआ था. बचपन से ही उनमें संगीत और डांस का गजब का हुनर था. कहते हैं, जब वे गाती थीं तो आवाज में ऐसी मिठास होती थी कि लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे.

जब मंच पर आतीं, तो उनका हर मूव जैसे लोगों के दिलों में बिजली-सी कौंध जाता था, शायद इसी वजह से उन्हें 'बिजली रानी' नाम मिला. 80 और 90 के दशक में वे भोजपुरी लोक संगीत की चमकती हुई सितारा बन चुकी थी. उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि भोजपुर, शाहाबाद, मगध से लेकर पूर्वांचल के गांव-गांव तक उनके नाम का डंका बजता था. शादियों, मेले-ठेलों और स्टेज शोज़ में उनकी मौजूदगी से ही समा बंधता था. अगर किसी कार्यक्रम में बिजली रानी नहीं होतीं, तो लोग कहते- 'अभी तो असली मज़ा बाकी है!.' उनकी परफॉर्मेंस इतने प्रसिद्ध और महंगे होते थे कि सिर्फ अमीर घराने ही उन्हें बुला पाते थे. परफॉर्मेंस के दौरान जब वे डांस करतीं, तो सैकड़ों की भीड़ तालियां बजाकर झूम उठती. उनकी गायकी में देहात की सादगी, मिट्टी की खुशबू और लोक संस्कृति की आत्मा बसती थी. 

इंडस्ट्री में शोक की लहर

बिजली रानी के निधन की खबर जैसे ही फैली, भोजपुरी संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई. बड़े कलाकारों से लेकर नए गायकों तक, सभी ने सोशल मीडिया पर शोक जताया. लोग उन्हें भोजपुरी की असली 'स्टेज क्वीन' कहकर याद कर रहे हैं. उनकी आखिरी यात्रा में गांव के हजारों लोग उमड़ पड़े. किसी ने कहा, 'बिजली रानी गईं, लेकिन उनकी आवाज हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी.' 

लोक संगीत की रानी

बिजली रानी ने कई भोजपुरी फिल्मों और लोक एल्बमों में अपनी आवाज दी. उनके गीतों ने न सिर्फ लोगों को नचाया, बल्कि भोजपुरी संगीत को एक नई ऊंचाई दी. उनके गानों में वो असली लोक रस था, जो दिल से निकलकर सीधे जनता के दिलों में उतर जाता था. वे उन कलाकारों में से थी, जिन्होंने भोजपुरी थियेटर और स्टेज परफॉर्मेंस को लोकप्रियता की नई पहचान दी. भोजपुरी इंडस्ट्री में उन्हें प्रेरणा स्रोत माना जाता है. नए कलाकार अक्सर कहते हैं कि वे बिजली रानी को देखकर मंच पर उतरना सीखे हैं. उनकी हिम्मत, आत्मविश्वास और लोक परंपरा के प्रति समर्पण ने उन्हें भोजपुरी संस्कृति की पहचान बना दिया था. 

लंबी बीमारी और पवन सिंह की मदद

आखिरी कुछ साल बिजली रानी के लिए बेहद कठिन रहे. उम्र बढ़ने के साथ उनकी सेहत लगातार गिरती गई. वे किडनी फेलियर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, और अक्सर अस्पताल और घर के बीच इलाज के चक्कर लगाते रहती थी. जून 2025 में जब उनकी हालत बहुत बिगड़ी, तो भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह उनके मददगार बनकर आगे आए. पवन सिंह उन्हें अपनी चाची समान मानते थे. उन्होंने खुद बिजली रानी को लखनऊ के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया और दो महीने तक उनका इलाज करवाया. उस समय उनकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थीं, जिनमें पवन सिंह उन्हें ढांढस बंधाते नजर आए थे. इलाज से थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन बीमारी इतनी गहरी थी कि उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

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