कौन हैं Kantara - Chapter 1 की चामुंडी दैव? जिनका मजाक उड़ाते हुए Ranveer Singh ने बताया 'भूतनी', अब मांगी माफी
बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह इन दिनों एक बड़े विवाद में घिर गए हैं. गोवा में 56वें भारतीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI 2025) के समापन समारोह में रणवीर ने मंच पर फिल्म 'कंतारा – चैप्टर 1' के फेमस क्लाइमेक्स सीन को दोबारा करने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने तुलुनाडु क्षेत्र के अत्यंत पूज्य 'चामुंडी दैव'(जिन्हें गुलिगा दैव या भूत-देवता भी कहा जाता है) का जिक्र करते हुए मजाक में उन्हें 'भूतनी' कह दिया।;
बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) इन दिनों अपनी नई बड़ी फिल्म 'धुरंधर' की रिलीज़ को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. यह फिल्म 5 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में आने वाली है और फैंस इसे लेकर बहुत एक्साइटेड थे. लेकिन अब यह खुशी थोड़ी फीकी पड़ गई है, क्योंकि रणवीर एक बड़े विवाद में फंस गए हैं. यह पूरा विवाद गोवा में हुए 56वें भारतीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह से शुरू हुआ. उस इवेंट में रणवीर सिंह मंच पर आए और उन्होंने वहां मौजूद दर्शकों के सामने फिल्म 'कंतारा – चैप्टर 1' के क्लाइमेक्स सीन को बहुत जोश के साथ दोबारा करने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने फिल्म के उस पवित्र दैव 'चामुंडी दैव' (जिसे भूत-दैव या गुलिगा दैव भी कहते हैं) का ज़िक्र किया और मजाक-मजाक में उसे 'भूतनी' कह दिया.
कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोग इस पर हंस पड़े, लेकिन जैसे ही इस बात का एक छोटा सा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों का गुस्सा भड़क उठा. खासकर कर्नाटक के तटीय इलाके (तुलुनाडु क्षेत्र) के लोग बहुत नाराज़ हो गए, क्योंकि उनके लिए चामुंडी दैव एक बहुत पवित्र और पूजनीय कुलदेवता हैं. लाखों लोग साल भर उनकी पूजा करते हैं और भूत कोला जैसे बड़े धार्मिक आयोजन करते हैं. लोग बोले कि रणवीर ने मज़ाक में ही सही, लेकिन एक पूज्य शक्ति का अपमान कर दिया.
रणवीर के खिलाफ केस दर्ज
इसके बाद मामला और गंभीर हो गया. हिंदू 'जनजागृति समिति' नाम के संगठन ने गोवा के पणजी पुलिस स्टेशन में रणवीर सिंह के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी. शिकायत में कहा गया है कि रणवीर ने देवी-देवता का मज़ाक उड़ाकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और इससे समाज में अशांति फैल सकती है. संगठन ने पुलिस से मांग की है कि रणवीर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया जाए. साथ ही संगठन ने रणवीर सिंह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि रणवीर को वादा करना चाहिए कि भविष्य में वह कभी भी किसी देवी-देवता या धार्मिक परंपरा का मज़ाक नहीं उड़ाएंगे. इसके अलावा इसके, संगठन ने IFFI जैसे बड़े आयोजनों के लिए एक सख्त आचार संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) बनाने की माँग भी की है, ताकि आगे ऐसा कोई हादसा न हो.
रणवीर को मांगनी पड़ी माफ़ी
हालांकि विवाद बढ़ने के कुछ घंटों बाद रणवीर को माफ़ी मांगने के लिए आगे आना पड़ा. एक्टर ने अपने इंस्टा हैंडल पर माफीनामा भरा एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने लिखा, 'मेरा मकसद सिर्फ़ फ़िल्म में ऋषभ के शानदार एक्टिंग को हाइलाइट करना था. हर एक्टर को पता है कि उस ख़ास सीन को उस स्तर तक निभाने में कितनी मेहनत और डेडिकेशन लगती है. मैं ऋषभ का बहुत बड़ा फ़ैन हूं और उनके उस परफ़ॉर्मेंस की तारीफ़ कर रहा था. मैंने हमेशा भारत की हर संस्कृति, परंपरा और आस्था का पूरा सम्मान किया है. अगर मेरी उस पोस्ट से किसी की भी भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं दिल से माफ़ी मांगता हूं.'
चामुंडी दैव कौन हैं और क्यों इतने पूजनीय क्यों हैं?
चामुंडी दैव (Chamundi Daiva) दक्षिण कर्नाटक के तटीय क्षेत्र (तुलुनाडु – उदुपी, दक्षिण कन्नड़ और उत्तरी केरल का कासरगोड इलाका) में बहुत गहरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजे जाने वाले एक शक्तिशाली दैव (दिव्य शक्ति) हैं. इन्हें कई नामों से जाना जाता है जैसे: चामुंडेश्वरी दैव, चामुंडी गुलिगा, गुलिगा दैव, पंजुरली दैव के साथ भी जुड़े रहते हैं कभी-कभी.
इनकी पहचान और रूप
चामुंडी दैव को मां दुर्गा की एक क्रोधित और रक्षक शक्ति माना जाता है. इनका रूप बहुत उग्र और भयंकर होता है लंबे बाल, बड़ी-बड़ी आंखें, हाथ में तलवार और भाला, लाल-पीले वस्त्र. इन्हें अक्सर 'भूत कोला' या 'दैव कोला' में एक नन्हा बच्चा या जवान पुरुष के शरीर में अवतरित होते हुए देखा जाता है. उस समय व्यक्ति का चेहरा पूरी तरह बदल जाता है, आवाज़ गर्जना जैसी हो जाती है और वे बहुत तेज़ी से नाचते-दौड़ते हैं.
इनकी पूजा का तरीका
तुलुनाडु में चामुंडी दैव की पूजा बहुत अनोखे तरीके से होती है जिसे कहते हैं 'भूत कोला' या 'दैव नृत्य' साल में एक बार या दो बार गांव का 'कोला उत्सव' होता है. रात भर ढोल-नगाड़ों की थाप पर दैव का कलाकार (पत्रि) तैयार होता है. चावल, नारियल, फूल, मुर्गे की बलि (कुछ जगहों पर अब नहीं होती) चढ़ाई जाती है. दैव जब आते हैं तो लोगों की समस्याएं सुनते हैं, बीमारियों का इलाज बताते हैं, गाँव की रक्षा का वादा करते हैं.
लोग इन्हें इतना क्यों मानते हैं?
रक्षक के रूप में – गांव में कोई बड़ी बीमारी, सूखा या दुश्मन का डर हो तो चामुंडी दैव से प्रार्थना की जाती है.
न्याय करने वाले – अगर किसी ने गलत काम किया हो तो लोग कहते हैं 'चामुंडी दैव देख लेंगे'.
परिवार के कुलदैवता – बहुत से तुलु और बंट परिवारों का कुलदैवता यही होते हैं. शादी-ब्याह, बच्चे का नामकरण सब इनकी अनुमति से होता है.